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मोनालिसा रचने वाले लिओनार्दो दा विंची की जीवनी
लिओनार्दो दा विंची को मोनालिसा की पेंटिंग के लिये सदियों से याद किया जाता रहा है लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि लिओनार्दो दा विंची का सम्बन्ध सिर्फ चित्रकला से ही नहीं बल्कि स्थापत्य, एस्टोनॉमी, गणितशास्त्र, शरीर-विज्ञान और दर्शन के साथ भी है. उन्होंने इन सभी क्षेत्रों में एक से बढ़कर एक काम किया. उनमें कला एवं विज्ञान का अपूर्व समन्वय उनमें पाया जाता था.
विश्व चित्रकला के इतिहास में दा विंची का नाम अविस्मरणीय हैं. उनका ‘मोनालिसा’ चित्र आज भी अपने रहस्यपूर्ण मुस्कान की वजह से अनुपम बना हुआ है. शताब्दियां बीत गयीं लेकिन इस पेंटिंग की प्रसिद्धि में कोई कमी नहीं आई है. आज भी पूरी दुनिया के चित्रकार लिओनार्दो दा विंची की कूची से प्रेरणा लेते रहते हैं. यूरोप के नव-जागरण युग के वे निर्विवाद रूप से सबसे महान हस्तियों में से एक थे.
इटली के नव-जागरण के युग में जिन सब कलाकारों एवं चिन्तकों का आविर्भाव हुआ था उनमें लिओनार्दो दामिन्ची, माइकेल ऐम्जिलो और रैफेल अपनी कला-निपुणता के लिय अमर है. ये तीनों कलाकार समसामयिक थे और एक ही शहर फ्लोरेन्स के निवासी थे.
इनमें लिओनार्दो दा विंची को कई क्षेत्रों में महारथ हासिल थी बल्कि कई मायनों में वे इनसे कहीं आगे की सोच रखते थे. केवल चित्रकला में ही नही संगीत एवं स्थापत्य, विज्ञान एवं उपकरण निर्माण में भी उनका काम अपने समकालीन विद्वानों की तुलना में कहीं आगे का था.
लिओनार्दो दा विंची का आरंभिक जीवन- leonardo da vinci early life
लिओनार्दो का जन्म leonardo da vinci born 15 अप्रेल 1452 ई० में leonardo da vinci father मलदियार्नो नदी के तट पर स्थित विंची नाम के गांव हुआ था. उनके पिता कानून का व्यवसाय करते थे. लिओनार्दों के जन्म के बाद उनके पिता से उनका अलगाव हो गया और इसके बाद पिता—पुत्र गांव छोड़कर फ्लोरेंस नगर में रहने के लिये आ गये.
यहीं पर अपने पिता के देख—रेख में उनकी शिक्षा दिक्षा हुई. बहुत कम उम्र में ही उनकी प्रतिभा ने सबको प्रभावित करना शुरू कर दिया और जल्दी ही वे स्कूल के पाठ्यक्रम को लेकर असंतोष महसूस करने लगे.
leonardo da vinci education-लियोनार्दो द विंची की शिक्षा
उनके विद्यालय की शिक्षा प्रणाली उनके लिहाज से काफी पीछे थी. उनके पिता ने अपने बेटे की प्रतिभा को जल्दी ही पहचान लिया. उन्होंने लिओनार्दो की एक तस्वीर उस समय के प्रख्यता चित्रकार मेरोचिओ को दिखाया.
चित्रों को देखकर मेरोचिओ इतना प्रभावित हुआ कि उसने लिओनार्दो द विंची के पिता के सामने उनके बेटे को अपना शिष्य बनाने का प्रस्ताव रख दिया. पिता ने मैचेरियो को अपने बेटे के लिये चित्रकला का गुरू बना लिया. उस समय लिओनार्दो की उम्र सिर्फ 10 साल थी. इसी से उनकी प्रतिभा का अंदाजा लगाया जा सकता था.
मेराचियो एक बार ईसा मसीह के शिष्यों के साथ वाली एक तस्वीर पर काम कर रहे थे. लिओनार्दो ने इस तस्वीर में एक देवदूत की रचना की जिसने इस तस्वीर को एक अलग ही आयाम पर पहुंचा दिया. गुरू ने अपने शिष्य की तस्वीर को देखा और उस दिन एक प्रतिज्ञा कर ली कि वे अब से कोई तस्वीर नहीं बनायेंगे क्योंकि लिओनार्दों की रचनाओं के सामने वे बहुत साधारण है. गुरू ने अपने शिष्य से बहुत ही प्रसन्नता के साथ पराजय स्वीकार कर ली थी.
लिओनार्दो द विंची कैसे बने महान कलाकार?-leonardo da vinci experiments
गुरू के सब शिष्यों में लिओनार्दो ही सबसे अधिक मेघावी थे. समय मिलने पर वे मिट्टी से मूर्ति तैयार करते, सुन्दर-सुन्दर भवन और इमारतों का नक्शा बनाते.
यंंत्र विज्ञान में भी उनकी रूचि थी और वे तरह-तरह के यन्त्रों पर भी काम किया करते थे. उन्होंने आर्नो नदी को बांध कर उससे एक नहर निकालने की योजना भी प्रस्तुत की थी. गणित में भी उनकी रूचि थी और वे गणितिय समस्याओं को सुलझाने में भी अपना समय बिताते. सिर्फ 20 वर्ष की उम्र में वे फ्लारेंस की महान ‘चित्रकार-मण्डली’ के सदस्य हो गये.
लिओनार्दो के गुणी होने की ख्याति दूर-दूर तक फैल चुकी थी. मिलान नगर के डयूक को मालूम हुआ कि लिओनार्दो अच्छे संगीतज्ञ भी हैं. डयूक ने उन्हें अपने यहां निमन्त्रित किया. वीणा लेकर वे डयूक के दरबार में आये. डयूक संगीत-विद्या का पे्रमी था. उनका वीणा-वादन सुन कर वह अत्यन्त प्रसन्न हुआ.
1485 ई० में मिलान शहर में भयंकर महामारी का प्रकोप हुआ. यह देख कर वीणावादक लिओनार्दो ने नगर निर्माण की एक परियोजना बनाई जिसमें बताया गया कि नये ढंग से स्वच्छ और सुन्दर रूप में नगर का निर्माण किस तरह किया जा सकता है. एक कुशल इंजीनियर की तरह एक आदर्श नगर का नक्शा तैयार करके और उसके साथ विस्तृत विवरण लिख कर डयूक के पास भेज दिया किन्तु डयूक ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया.
leonardo da vinci greatest works
लिओनार्दो 18 वर्ष तक मिलान में रहे. यही उन्होंने ‘लास्ट सपर’ नामक विश्वविख्यात चित्र का निर्माण किया था. सेण्टमेयिाडेल ग्रेजी गिर्जा की दीवार पर उन्होंने ईसा के अन्तिम आहार का यह चित्र अंकित किया था.
लिओनार्दो के इस ‘लास्ट सपर’ चित्र की गणना विश्व के श्रेष्ठत्तम चित्रों में की जाती है. लुई बारहवें ने इस चित्र को अपने साथ फ्रान्स ले जाने कोशिश भी की थी लेकिन इसे दीवार से निकालने का कोई तरीका नहीं खोजा जा सका.
मिलान में लिओनार्दो ने और भी कई चित्र बनाये जिनमें ‘वर्जिन आफ दि राक्स’ भी सम्मिलित है. मिलान में उन्होंने एक ‘संस्कृति-संसद की स्थापना की थी. इसमें भाषण देने के लिए उन्होंने जो प्रारूप तैयार किये थे उनसे पता चलता है कि संसद का उद्देश्य शिल्पकला और उससे सम्बन्धित विज्ञान को बढ़ावा देना था.
लियोनार्दो के लेखों की पाण्डुलिपियों में कई विषयों पर निबंध leonardo da vinci essay पाये जाते हैं-‘चित्रकला पर निबंध’, ‘प्रकाश और छाया पर निबंध’, ‘स्थानीय गति पर निबंध’. उन्होंने अस्थि-विज्ञान (एनेटाॅमी) की शिक्षा इस विद्या के एक पण्डित से प्राप्त की थी.
1500 ई० से लेकर 1506 तक वे फ्लोरेन्स में रहे. इस अवधि की उनकी महत्त्वपूर्णा कृतियां है-सेण्ट एन्न और मडोना जैसे महान पेंटिग्स बनाई. यहां उनकी रूचि भूगोल की ओर हो गई. समुद्र के ज्वार-भाटा विषय को लेकर वे अनुसंधान करने लगे.
इसके साथ ही अर्नो नदी से नहर निकालने अैर सिविल इंजीनियरिंग के संबध में भी कई परियोजनाएं उन्होंने लोगों के सामने रखी. इस समय उनके अध्ययन के विषयों मे एक विषय रेखागणित भी था.
सन् 1507 ई० में फ्रांस के राजा बारहवे लुई ने उन्हें दरबार का चित्र शिल्पी नियुक्त किया. 1513 में वे रोम आये और पोप के साथ साक्षात्कार लिया. पोप ने उनका स्वागत किया और कुछ काम भी दिये.किन्तु उनके इस समय के बनाये हुए चित्रों में ‘मैडोना’ और ‘एक बालक’ के एक चित्र के सिवा अन्य चित्र उपलब्ध नहीं हैं.
सन् 1516 में लियोनार्दो अपने शिष्य के साथ इटली से विदा होकर फ्रान्स चले आये फिर स्वदेश नहीं लौटे.फ्रान्स में उनके दिन आराम से कटने लगे. फ्रान्स का राजा उनका गुणग्राही था. इस समय लिओनार्दो की उम्र लगभग 64 वर्ष की हो चुकी थी. कुछ सयम बाद उनकी तबीयत भी खराब रहने लगी.
लकवे से उनका दाहिना हाथ पंगु हो गया था इसलिए किसी नये चित्र में हाथ नहीं लगाया. 1519 ई० में उन्होंने एक वसीयतनामा लिख कर अपनी संपत्ति का उत्तराधिकारी अपने भाई और अपने प्रिय शिष्य मेलजी को बनाया. उसी leonardo da vinci death date 2 May 1519 साल मई महीने में उनकी मृत्यु हो गयी.
लियोनार्डो द विंची के कथन leonardo da vinci quotes
मैं उन लोगों से प्यार करता हूं जो मुसीबत में मुस्कुरा सकते हैं, जो संकट से ताकत इकट्ठा कर सकते हैं, और प्रेरणा से बहादुर बन सकते हैं।
एक अच्छी तरह से बिताया हुआ दिन सुखद नींद लाता है, इसी तरह अच्छी तरह से बिताया गया जीवन खुशहाल मौत लाता है।
वह जो सिद्धांत के बिना अभ्यास से प्यार करता है वह उस नाविक की तरह है जो बिना पतवार और कम्पास के जहाज पर चढ़ता है और कभी नहीं जान सकता कि वह कहां जा सकता है।
सीखने से मन कभी नहीं थकता।
प्रकृति सभी सच्चे ज्ञान का स्रोत है। उसका अपना तर्क है, उसके अपने कानून हैं, बिना कारण के उसका कोई प्रभाव नहीं है और न ही आवश्यकता के बिना आविष्कार।
समय उन लोगों के लिए काफी होता है जो इसका सही उपयोग करते हैं।
पेंटिंग का संबंध दृष्टि के सभी 10 गुणों से है; जो हैं: डार्कनेस, लाइट, सॉलिडिटी एंड कलर, फॉर्म एंड पोजिशन, डिस्टेंस एंड प्रॉपिनिटी, मोशन एंड रेस्ट।
उच्च प्रतिभा के धनी काम कम करते हैं लेकिन सक्रिय ज्यादा रहते हैं।
कवि दृश्यमान चीज़ों के चित्रण में चित्रकार से बहुत नीचे, और अदृश्य चीज़ों में संगीतकार से बहुत नीचे पहुंच रखता है।
लियोनार्दो द विंसी की मशहूर पेंटिंग्स—leonardo da vinci paintings
- leonardo da vinci all paintings- leonardo da vinci famous paintings
- मोनालिसा Mona Lisa – by Leonardo da Vinci
- द लास्ट सपर The Last Supper – by Leonardo da Vinci
- सेल्वाटर मुंडी Salvator Mundi – by Leonardo da Vinci
- द वर्जिन एंड चाइल्ड विद् सेंट एन The Virgin and Child with St Anne – by Leonardo da Vinci
- मडोना आफ द यॉर्नविंडर Madonna of the Yarnwinder – by Leonardo da Vinci
- बेकस Bacchus – by Leonardo da Vinci
- बेनोइस मडोना Benois madonna – by Leonardo da Vinci
- ड्रेफस मडोना Dreyfus Madonna – by Leonardo da Vinci
- ल बेले फेरोनियरे La Belle Ferronniere – by Leonardo da Vinci
- लेडी विद् एन अरमाइन Lady with an Ermine – by Leonardo da Vinci
- लीडे एंड द स्वान Leda and the Swan – by Leonardo da Vinci
- लिट्टा मडोना Litta Madonna – by Leonardo da Vinci
- मडोना आफ द कारनेशन Madonna of the Carnation – by Leonardo da Vinci
- पोट्रेट आफ द म्यूजिशियन Portrait of a Musician – by Leonardo da Vinci
- पोट्रेट आफ जिनवेरा ड बेंसी Portrait of Ginevra de’ Benci – by Leonardo da Vinci
- सेंट जिरोम इन द डेजर्ट St Jerome in the Desert – by Leonardo da Vinci
- सेंट जॉन द बापटिस्ट St John the Baptist – by Leonardo da Vinci
- द एर्डोसन आफ द मेगी The Adoration of the Magi – by Leonardo da Vinci
- द एन्यूएशन The Annunciation – by Leonardo da Vinci
- द वर्जिन आफ द रॉक्स, लंदन The Virgin of the Rocks, London – by Leonardo da Vinci
- द वर्जिन आफ द रॉक्स, लूव The Virgin of the Rocks, Louvre – by Leonardo da Vinci
- द बैटल आफ अघीआरी The Battle of Anghiari – by Leonardo da Vinci
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