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कुमार विश्वास की जीवनी Kumar Vishwas Biography in hindi
कुमार विश्वास युवा कवि हैं जिन्हें हिंदी कविता को एक बार फिर मंच पर स्थान दिलवाया. उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए अन्ना आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई. उन्होंने आम आदमी पार्टी के संस्थापक के तौर पर अपनी भूमिका का निर्वाह किया. फिलहाल उनकी राजनीतिक स्थिति स्पष्ट नहीं है. उन्होंने साहित्य के साथ ही राजनीतिक और सामाजिक विषयों में भी अग्रणी भूमिका का निर्वाह किया है.
कुमार विश्वास की संक्षिप्त जीवनी Short Biography of Kumar Vishwas
भारत के युवाओं के दिल को छू लेने वाली प्रसिद्ध कविता कोई दीवाना कहता है के लेखक हैं कुमार विश्वास. इस कविता ने उन्हें रातों-रात हर युवा का चहेता बना दिया था. श्रृंगार रस के कवि कुमार विश्वास ने अपने इस शौक को पेशा बनाने के लिए व्याख्याता पद से वीआरएस ले लिया था. कुमार विश्वास ने कविता की दो किताबों कोई दिवाना कहता है और फिर तेरी याद का लेखन किया है.
बाद में वह अन्ना हजारे की 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई गई मुहिम का हिस्सा बने. कुमार विश्वास, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का हिस्सा बने और 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ा हालांकि कुमार राहुल गांधी से हार गए थे.
वर्ष 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाई. इस चुनाव में कुमार प्रत्याशी के तौर पर नहीं उतरे, लेकिन उन्होंने आप के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का बढ़-चढ़कर प्रचार किया. हाल में कुमार और आप पार्टी के बीच विवाद खड़ा हो गया था और उन्होंने पार्टी छोडऩे तक का फैसला कर लिया.
आरंभिक जीवन Early Life of Kumar Vishwas
कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी, 1970 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के पिलखुवा में गौड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ. उनके पिता डॉ. चंद्रपाल शर्मा पिलखुवा के आरएसएस डिग्री कॉलेज में व्याख्याता, जबकि मां रमा शर्मा गृहिणी हैं।
कुमार चार भाइयों में सबसे छोटे हैं. उनकी एक बहन भी है. पिता हमेशा से ही कुमार को इंजीनियर बनाना चाहते थे, लेकिन उनका रुझान हिन्दी साहित्य की ओर था और वह कवि बनना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने हिन्दी साहित्य में मास्टर्स डिग्री हासिल की.
हिन्दी साहित्य में पी.एच.डी. करने के बाद कुमार ने हिन्दी व्याख्याता के तौर पर अपना करियर शुरू किया. उन्होंने 1994 में राजस्थान के पीलीबंगा स्थित लाला लाजपत राय कॉलेज से अपना करियर शुरू किया जहां वे छात्रों को पढ़ाया करते थे.
व्याख्याता की नौकरी कुमार ने 16 साल तक की. हिन्दी कवि के तौर पर उन्होंने इस दौरान ऊंचाइयों को छुआ, उनकी पसंदीदा शैली श्रृंगार रस है. इसके अलावा कुमार ने हिन्दी टीवी धारावाहिकों के लिए गाने भी लिखे.
लेखक के तौर उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर विभिन्न पत्रिकाओं के लिए लेख भी लिखे. कुमार ने हिन्दी फिल्मों व टीवी धारावाहिकों की पटकथा, संवाद व गाने लिखने के लिए कई कांट्रेक्ट भी किए. कुमार की पत्नी मंजू शर्मा भी पेशे से व्याख्याता हैं और इन दोनों की दो बेटियां अग्रता व कुहू विश्वास हैं.
राजनीति में एंट्री Kumar Vishwas in Politics
वर्ष 2011 में समाजसेवी अन्ना हजारे ने देश में भ्रष्टचार के खिलाफ एक मुहिम शुरू की और जन लोकपाल नियुक्त करने जैसी अपनी मांगों को मनवाने के लिए अनशन भी किया.
अन्ना के इस अभियान से प्रभावित होकर अपना योगदान करने वाले समर्थकों में अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया के साथ कवि कुमार विश्वास भी शामिल थे. एक सफल हिन्दी कवि होने के नाते कुमार को इस अभियान से जुड़ने के बाद काफी लोकप्रियता मिली.
16 अगस्त, 2011 को गिरफ्तार होने वाले अन्ना समर्थकों में कुमार भी शामिल थे. हालांकि बाद में अन्ना और केजरीवाल के बीच वैचारिक मतभेद हो गए. केजरीवाल ने अन्ना से अलग होकर फिर आम आदमी पार्टी की स्थापना की, जिसमें कुमार भी अहम सदस्य थे.
26 नवम्बर, 2012 को आप पार्टी की दिल्ली में स्थापना की गई. पार्टी ने पहली बार 4 दिसम्बर, 2014 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला किया. इसके बाद वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में आप पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया, जिनमें कुमार भी शामिल थे.
कुमार को कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ उनकी पारिवारिक सीट अमेठी से टिकट दिया गया. कुमार इस चुनाव में राहुल गांधी से हार गए थे. इसके बाद दिल्ली में किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के कारण साल 2015 में फिर से विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें आप पार्टी ने धमाकेदार जीत दर्ज की.
आप को इस चुनाव में 70 में 67 सीटें मिलीं. हालांकि कुमार इस चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर नहीं उतरे थे, लेकिन पार्टी की जीत में उनका अहम योगदान रहा. चुनाव के दौरान कुमार के बयान चर्चा का विषय रहे.
कुमार विश्वास और विवाद Controversies of Kumar Vishwas
2013 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान एक स्टिंग ऑपरेशन में कुमार व पार्टी के अन्य सदस्यों को गैरकानूनी तौर पर पार्टी के लिए डोनेशन लेते हुए दिखाया गया था. हालांकि बाद में आम आदमी पार्टी ने उस मीडिया पोर्टल के खिलाफ कार्रवाई भी की थी.
मीडिया सरकार डॉट कॉम नाम की उस पोर्टल और आप पार्टी के सदस्यों ने एक-दूसरे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई. पुलिस ने जांच के बाद दोषी पर कारवाई करने का आश्वासन भी दिया था.
इसके बाद एक कवि सम्मेलन का विडियो क्लिप भी वायरल हुआ जिसमें कुमार, इमाम हुसैन, हिन्दु देवताओं व केरल की नर्सों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते दिखाए गए थे. सोशल मीडिया पर यह विडियो क्लिप वायरल होने के बाद कुमार के खिलाफ कई केस दर्ज हुए.
कुमार ने इस वीडियो को झूठा करार देते हुए कहा कि इस क्लिप से छेड़छाड़ की गई है, लेकिन बाद में उन्होंने अपने शब्दों को लेकर माफी मांगी और कहा कि उनका किसी धर्म या व्यक्ति विशेष को ठेस पहुंचाने का कोई मकसद नहीं था.
वर्ष 2016 में कुमार पर पार्टी की एक कार्यकर्ता ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे. कार्यकर्ता की शिकायत को देखते हुए कोर्ट ने कुमार के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने के आदेश भी दिए थे हालांकि जांच में दिल्ली पुलिस को कुमार के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले थे.
जुलाई, 2017 में कुमार एक और विवाद में फंस गए थे, जब फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन ने उनके खिलाफ कॉपीराइट कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. कुमार ने दरअसल अमिताभ के पिता और मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन की एक कविता नीड़ का निर्माण गाते हुए विडियो सोश्यल मीडिया चैनल यू-ट्यूब पर अपलोड किया था.
अमिताभ ने कॉपीराइट कानून के उल्लंघन का हवाला देते हुए कुमार को यह विडियो 24 घंटे में हटाने का आदेश देते हुए उनके खिलाफ कानूनी नोटिस भी भेजा था. इस नोटिस के साथ ही अमिताभ ने इस विडियो से कमाए गए रेवेन्यू की भी मांग की थी.
कुमार ने अमिताभ के ट्वीट का जवाब देते हुए उन्हें यूट्यूब पर कविता से कमाए गए 32 रुपए भेजते हुए विडियो हटा लिया था. इसी दौरान कुमार और आप पार्टी के मुूखिया अरविंद केजरीवाल व अन्य सदस्यों से मनमुटाव की खबरें सामने आईं. इस झगड़े के बीच कुमार ने पार्टी छोड़ने की धमकी तक दे डाली थी.
कार्य व उपलब्धियां
– चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के लिए विश्वविद्यालय गीत और कुलगीत लिखा.
– कई सामाजिक कार्यों से भी जुड़े.
– भारत के अलावा दुबई, अबुधाबी, मस्कट, सिंगापुर, नेपाल, जापान व अमरीका में हुए कई कवि सम्मेलनों में प्रस्तुति दी.
– 1994 में डॉ. कुंवर बैचेन काव्य सम्मान एवं पुरुस्कार समिति ने काव्य कुमार अवार्ड से नवाजा.
– 2004 में यूएएएनओ में साहित्य भारती की ओर से डॉ. सुमन अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया.
– 2006 में हिंदी-उर्दू अवार्ड कमिटी ने साहित्यश्री पुरस्कार से नवाजा.
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