Biography Socrates in Hindi-सुकरात

सुकरात के बारे में जानकारी
और कथन- Socrates life and Quotes

सुकरात एक महान विचारक है, जिन्होंने प्राचीन ग्रीस में जन्म लिया और अपने विचारों से वहां की जनता को आंदोलित किया.

सुकरात ने अपने विचारों से न सिर्फ तत्कालीन समाज को प्रभावित किया बल्कि आज भी उनके विचार और चिंतन पर निरन्तर अध्ययन हो रहे हैं और उसके नये-नये आयामों को खोजा जा रहा है. उनका जीवन भी उनके विचारों की तरह ही बहुत सारी विविधताओं से भरा रहा, जिसकी जानकारी हम यहां उपलब्ध करवा रहे हैं.

संक्षिप्त जीवनी Brief Biography of Socrates

सुकरात का जन्म ग्रीस के एक प्राचीन नगर एथेन्स में ईसा से 470 साल पहले हुआ. उन्होंने अपनी शिक्षा को कभी भी पुस्तक का रूप नहीं दिया. उनकी ज्यादातर बातें उनके दो महान शिष्य प्लेटो और जेनोफोन के माध्य से ही मिलती है.

उनके विचार पाश्चात्य दर्शन और तर्क शास्त्र के नीवं माने जाते हैं. उनके विचारों से जनता इतना अधिक प्रभावित थी की एथेन्स का राजतंत्र उनसे भय खाने लगा और 399 ईसा पूर्व उन्हें जहर देकर उनकी हत्या कर दी गई.

उन्हें अपने हत्या की जानकारी पहले से मिल गई थी लेकिन उन्होंने भागने की जगह दुष्ट शक्तियों का सामना करते हुए मरना ज्यादा उचित समझा.

सुकरात का  आरंभिक जीवन Early life of Socrates

सुकरात का जन्म 470 ईसा पूर्व रोम के एक नगर एथेन्स में हुआ. उनके बचपन के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिलती है. उनके शिष्यों ने उनके जीवन की जगह उनके विचारों को अपने पुस्तकों में ज्यादा जगह दी है इसलिए उनके जीवन के सम्बन्ध में ज्यादातर जो कहानियां प्रचलित है, वे या तो उनके मृत्यु के बहुत बाद में बनाई गई या फिर उनकी महानता को स्थापित करने के लिए किवदंतियों के तौर पर जनमानस में अंकित हो गई.

सुकरात के पिता का नाम सोफरोनिसकस मिलता है. ऐसा माना जाता है कि उनके पिता एक शिल्पकार और मूर्तिकार थे. सुकरात ने भी ग्रीस में बच्चों को दी जाने वाली प्रारंभिक शिक्षा ली और अपने पिता की कला को ही आत्मसात करने का प्रयास किया. उनकी माता का नाम फैनरेट मिलता है जो कि एक दाई का काम करती थीं.

इस बारे में कोई प्रमाण नहीं मिलता है कि सुकरात की एक मूर्तिकार से दार्शनिक तक की यात्रा किस तरह सम्पन्न हुई. उनके दोनों शिष्य अरिस्टोफेनस और जेनोफोन ने इस बात का जिक्र किया है कि सुकरात पढ़ाने के लिए अपने शिष्यों से पैसा लिया करते थे जबकि प्लेटो इस बात से साफ इंकार करते थे कि सुकरात अपनी शिक्षा के लिए किसी से किसी भी तरह का कोई शुल्क वसूलते थे. सुकरात का सारा जीवन घोर गरीबी में बीता.

सुकरात का वैवाहिक जीवन Married life of Socrates

सुकरात की पत्नी का नाम एन्थिपे था जिनसे उन्हें तीन बेटे लैंपक्राॅल्स, सोफ्रोनिसस और मेनेक्सेनस का जन्म हुआ. एन्थिपे का वर्णन एक बुरी पत्नी के तौर पर मिलता है जो सुकरात से कभी खुश नहीं रहा करती थी और उन्हें हमेशा बुरा-भला कहा करती थी.

वैवाहिक जीवन पर सुकरात की एक कथा बहुत प्रसिद्ध है. एक बार सुकरात का एक शिष्य उनसे पूछने आया कि क्या उसे विवाह करना चाहिए या नहीं? सुकरात ने उत्तर देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को विवाह अवश्य करना चाहिए क्योंकि अगर आपको अच्छी पत्नी मिलती है तो आपका जीवन सुखमय हो जाता है और कहीं आपको बुरी पत्नी मिलती है तो आप सुकरात जैसे दार्शनिक बन जाएंगे. दोनो ही सूरतों में आपका फायदा ही होने वाला है.

दार्शनिक जीवन की शुरूआत

सुकरात को शिक्षा से बहुत लगाव था और उनका जोर था कि एथेन्स का समाज उच्च शिक्षित समाज बने. अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने एथेन्स के युवा लड़कों को शिक्षित करने का काम लिया और इस काम में वे इस कदर डूब गए कि उन्हें अपने परिवार की चिंता भी नहीं रही.

एथेन्स में एक कानून था जिसके अनुसार नगर के हरेक युवा को एक सैनिक के तौर पर राज की सेवा करनी पड़ती थी. 18 साल से लेकर 60 साल तक राज्य को सैनिक के तौर पर सेवाएं देने के कारण एथेन्स में शिक्षा को लेकर बहुत जागरूकता नहीं थी.

सुकरात ने इन युवा सैनिकों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया और चोरी छुपे उन्हें शिक्षित करने लगे. सुकरात एक अच्छे दार्शनिक होने के साथ ही एक अच्छे योद्धा भी थे और उन्होंने एथेन्स की तरफ से कई लड़ाइयों में हिस्सा भी लिया.

प्लेटो की पुस्तक सिम्पोजियम में सुकरात के शारीरिक रूपरेखा की अच्छी जानकारी मिलती है. सुकरात का शरीर एथेन्स के सामान्य युवा की तरह गठीला नहीं था. कद कम था और चेहरे पर मोटी नाक और छोटी आंखे थी. कुल मिलाकर उन्हें किसी भी तरह आकर्षक नहीं कहा जा सकता था.

सुकरात का दर्शन Socrates as a Philosopher

सुकरात एक दार्शनिक के तौर पर मानते थे कि विचार के माध्यम से ही समाज में सकरात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं. उन्होंने धार्मिक सिद्धांतों के बजाय मानवीय आधार पर एक नैतिक प्रणाली स्थापित करने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि आदमी की पसंद उसकी सुख प्राप्त करने की इच्छा से प्रेरित होती है.

परम ज्ञान खुद को जानने से आता है. जितना ज्यादा व्यक्ति जानता है, उतनी ही उसकी क्षमता में विस्तार होता हैश् जिससे वह तर्क करना सीखता है और सच्ची खुशी जीवन में ला पाता है.

सॉक्रेट्स के लिए, एथेंस एक कक्षा थी, जहां उन्होंने जीवन के ढेरों पाठ सीखें. उन्होंने राजनीतिक और नैतिक सत्य पर आने की मांग करते हुए, विशिष्ट और आम आदमी के सवाल पूछने के बारे में अपने विचार दिए। उन्होंने अपने साथी एथेनियाई लोगों से एक काव्यात्मक पद्धति में सवाल पूछे, जो साॅक्रेटस मैथड कहलाता है.

सुकरात की मृत्यु कैसे हुई Death of Socrates

सुकरात के विचारों से एथेन्स का राजतंत्र घबरा गया और उन पर देशद्रोह का इल्जाम लगा कर गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर मुकदमा चलाया गया और मुकदमा सुनने वाली ज्यूरी ने उन्हें 221 के मुकाबले 280 वोटों से देशद्रोह का अपराधी माना.

जनमानस पूरी तरह सुकरात के साथ था. इस डर से ज्यूरी ने सीधे मृत्युदण्ड देने के बजाय जहर का प्याला पीने को कहा गया. सुकरात के दोस्तों ने गार्ड को रिश्वत देकर अपनी ओर मिला लिया. उन्होंने सुकरात को इसके लिए राजी करने का प्रयास किया कि वह जहर का प्याला पीने की जगह एथेन्स छोड़कर कहीं और भाग जाए.

सुकरात ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह मौत से डरता नहीं था, उन्होंने महसूस किया कि निर्वासन से बेहतर है कि वह एथेंस के एक वफादार नागरिक होने की मिसाल कायम करे, जो उसके कानूनों का पालन करने के लिए तैयार है.

सुकरात ने बिना किसी हिचकिचाहट के हीमलकॉक मिश्रण पिया, जो जहर का एक प्रकार है. अपने आखिरी श्वास से पहले, सोक्रेट्स ने अपनी मृत्यु को शरीर से आत्मा की रिहाई के रूप में वर्णित किया।

सुकरात के विचार Socrates Quotes in hindi

इस दुनिया में वही व्यक्ति बुद्धिमान हो जो यह जान जाता है कि वह बुद्धिमान नहीं है.


मृत्यु मनुष्य को मिलने वाला सबसे महान आशीर्वाद है.


हम अक्सर अपनी बेहतरी के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते है और उसको बताते हैं कि हमारे लिए बेहतर क्या है, जबकि वह जानता है कि हमारे लिए बेहतर क्या है?


मैं जानता हूं कि मैं बुद्धिमान हूं क्योंकि मैं यह जानता हूं कि मैं क्या नहीं जानता.


सबसे गहरी ईच्छा सबसे गहरी नफरत से ही आती है.


मूर्ख सिर्फ खाने और पीने के लिए जीता है जबकि बुद्धिमान जीने के लिए खाता-पीता है.


एक ईमानदार आदमी हमेशा अपने अंदर के बच्चे को जीवित रखता है.


आप जैसा दिखना चाहते हैं, वैस ही बनने की कोशिश करें.

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