Shobha De Biography in Hindi शोभा डे की जीवनी

Shobha De शोभा डे अपने विवादित लेखन के लिए जानी जाती है। उनके उपन्यासों में भारतीय उच्च और मध्यमवर्ग की कहानियों को केन्द्र में रखा जाता है। उन्हें अपने सशक्त स्त्री पात्रों लिए भी जाना जाता है।

वे उपन्यासकार के साथ ही ब्लॉगर, कॉलमिस्ट और लेखिका हैं. अपनी लेखनी से शोभा डे ने दक्षिण एशिया के लेखकों में एक विशेष मुकाम हासिल किया है. अब तक शोभा 19 से ज्यादा किताबें लिख चुकी हैं.

शोभा डे की संक्षिप्त जीवनी Short Biography of Shobha De

शोभा राजाध्यक्षा Shobha Rajadhyaksha जो कि शोभा डे के नाम से ज्यादा मशहूर हैं, एक भारतीय उपन्यासकार Indian Novelist, ब्लॉगर, कॉलमिस्ट और लेखिका हैं. इनके ब्लॉग और कॉलम ताजा मुद्दों और समस्याओं पर सटीक प्रहार करते हैं.

अपनी लेखनी से शोभा ने दक्षिण एशिया के लेखकों में एक विशेष मुकाम हासिल किया है. अब तक शोभा 19 से ज्यादा किताबें लिख चुकी हैं. कई बार उनके कॉलम या ब्लॉग विवाद का कारण भी बने हैं. फिर भी उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है.

शोभा डे का शुरुआती जीवन Early Life of Shobha De

शोभा डे का जन्म 7 जनवरी, 1948 को महाराष्ट्र के सतारा में हुआ था. सारस्वत ब्राह्मण परिवार में जन्मीं शोभा ने अपनी स्कूली शिक्षा मुम्बई के क्वीन मेरी लैंड स्कूल Queen Marryland School से पूरी की, इसके बाद उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज Saint Xaviers College से साइकॉलोजी विषय में डिग्री हासिल की.

शुरूआत में शोभा मॉडलिंग के क्षेत्र में करियर बनाना चाहती थीं. उन्होंने इसके लिए प्रयास भी किए थे. शोभा ने मॉडल से अभिनेत्री बनी जीनत अमान Zeenat Aman के साथ अपने मॉडलिंग करियर की शुरुआत की थी.

वर्ष 1970 में शोभा डे ने पत्रकारिता में करियर बनाने की ठानी. पत्रकारिता की ट्रेनिंग के दौरान शोभा ने स्टारडस्ट Stardust और सेलिब्रिटी Celebrity एंड सोसायटी Society जैसी फिल्मी पत्रिकाओं के लिए एडिटिंग का काम भी किया.

उन्होंने इन पत्रिकाओं के लिए काफी लेख भी लिखे. इनमें मुम्बई की लाइफ स्टाइल और फिल्मी हस्तियों की जीवनशैली को केंद्र में रखा. लेखक के तौर पर शोभा को काफी सराहना मिली. इस दौरान टाइम्स ऑफ इंडिया में उनके कॉलम ‘पॉलिटिकली इनकरेक्ट’ Politically Incorrect को काफी पसंद किया गया. अपने कॉलम में शोभा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर लिखती हैं.

पहला उपन्यास First Novel of Shobha de

शोभा ने समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए लेख लिखने के साथ ही टेलीविजन के लिए कई धारावाहिक भी लिखे हैं. उनके लिखे धारावाहिकों में ‘स्वाभिमान’ Swabhiman काफी हिट रहा. इससे पहले वर्ष 1989 में शोभा ने अपना पहला उपन्यास लिखा जिसका नाम ‘सोश्यलाइट इवनिंग’ Socialite Evenings था.

इस उपन्यास में भारत के उच्च वर्ग के तबकों के लोगों के जीवन और उससे जुड़ी घटनाओं को कड़ी में पिरोया गया था. इस उपन्यास में उठाए गए मुद्दों के कारण शोभा को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी.

उनका यह उपन्यास फिर भी काफी हिट रहा. शोभा की लेखनी ने उन्हें जल्द ही काफी प्रसिद्धि दिला दी. वह देश की शीर्ष लेखकों में शामिल हो गईं. उनके लिखे 17 से अधिक उपन्यास देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली सूची में शीर्ष पर रहे हैं. उनके उपन्यासों का कई भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है.

महिलाओं के हक के लिए लिखने की हिम्मत भी शोभा ने ही दिखाई थी. उन्होंने अपने उपन्यासों में महिला उत्थान जैसे मुद्दों को प्रमुखता से शामिल किया था. उनका दूसरा उपन्यास हिन्दी सिनेमा के एक ऑफ स्क्रीन कपल से प्रेरित था. इस उपन्यास में हिन्दी सिनेमा और उससे जुड़े लोगों की जीवनशैली के बारे में लिखा गया था.

उनके एक अन्य उपन्यास ‘स्पाउस- दी ट्रुथ अबाउट मेरिज सर्वे’ Spouse the Truth about Marriage में उच्च वर्ग में शादीशुदा लोगों के बदलते रिश्तों की दास्तां को पेश किया गया था. शोभा की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके इस उपन्यास की लॉंचिंग के दिन ही 20 हजार से ज्यादा कॉपियां बिक गई थीं.

हिंग्लिश भाषा का प्रयोग Use of ‘Hinglish’ in Shoba de Writings

पाठकों को शोभा की लेखनी का ताजापन सबसे ज्यादा पसंद आया. शोभा ने अपने उपन्यास के लिए मौजूदा दौर में बदलते रिश्तों और समाज से जुड़े विषयों को चुना, जो कि काफी पसंद किए गए.

उनके उपन्यास में शब्दों का खुलकर प्रयोग और सटीक लेखन लोगों को पसंद आया. उन्होंने अपने लेखन में एक और अविष्कार किया और वो था ‘हिंग्लिश’ भाषा का प्रयोग. यानि वह हिन्दी और इंग्लिश दोनों शब्दों के प्रयोग से हिचकती नहीं थी. युवा वर्ग को उनका यह तरीका काफी भाया.

भारतीय साहित्य जगत में उनके इस प्रयोग को काफी सराहा गया क्योंकि इसमें नयापन था. हिंग्लिश भाषा में उनके कई उपन्यास आए, जिनमें सैकण्ड थॉट्स Second Thoughts, सल्टरी डेज Sultry Days, स्पीडपोस्ट Speedpost एवं अनसरटेन लियासंस Uncertain Liaisons शामिल हैं.

टेलीविजन के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग का काम भी शोभा ने बखूबी किया. टेलीविजन पर आने से उनकी लोकप्रियता और बढ़ी. उन्होंने धारावाहिकों के अलावा ‘पावर ट्रिप’ Power Trip जैसा शो भी होस्ट किया. साथ ही वह लगातार टीवी पर आने वाले कई डिबेट शो का हिस्सा भी बनीं. टेलीविजन पर उन्होंने जल्द ही अपनी विशेष पहचान बना ली. उनके बेबाक बोल ही उनकी पहचान बन गए.

युवा पीढ़ी पर तंज Comments on Young Generation in Shobha De Writings

शोभा ने अपने कई उपन्यासों में वर्तमान पीढ़ी पर तंज भी कसे हैं. उन्होंने वर्तमान युवा वर्ग को मुद्दों से भटकने वाला भी बताया. हालांकि इसके लिए उन्हें कई बार आलोचना भी झेलनी पड़ी. ऐसा ही एक वाकया 2016 में हुए रियो डी जिनेरियो ओलंपिक के दौरान हुआ.

ओलंपिक में गए भारतीय एथलीटों के बारे में शोभा ने ट्वीट Tweet किया कि ”टीम इंडिया का ओलंपिक में एक ही लक्ष्य है, रियो जाओ, सेल्फी लो और खाली हाथ वापस आओ. सरकारी पैसे और मौके का यह कैसा दुरुपयोग है.” उनके इस ट्वीट की कई खिलाडिय़ों व बड़ी हस्तियों ने निंदा की. बाद में शोभा को इसे लेकर अपनी सफाई तक देनी पड़ी थी.

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पद्मावत पर बयान Shobha on ‘Padmawat’ at JLF

मैंने पद्मावत फिल्म देखी है और मैं कह सकती हूं कि इस फिल्म पर तो राजपूतों को गर्व होना चाहिए. मुझे अभी तक समझ में नहीं आया कि वह विरोध किस बात का कर रहे हैं.

शोभा डे और अभिनव बिंद्रा पर बयानबाजी Shobha de on Abhinav Bindra

शोभा डे अपने ट्वीटर अकाउंट पर किए गए ट्वीट्स की वजह से अक्सर विवादों में आ जाती है। 2016 के रियो ओलंपिक में उन्होंने भारतीय एथलिट्स द्वारा पदक न जीतने को आधार बनाते हुए इसे पैसे की बर्बादी बताया था। उन्होंने ट्वीट किया था कि —

Goal of Team India at the Olympics: Rio jao. Selfies lo. Khaali haat wapas aao. What a waste of money and opportunity.

इसके बाद उन्होंने अभिनव बिंद्रा से उम्मीद जताते हुए एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि—

Only hope? Dependable Abhinav Bindra. Aim for gold, champion!

अभिनव बिंद्रा ने इस मामले पर शोभा को जवाब दिया कि —

that’s a tad unfair. You should be proud of your athletes perusing human excellence against the whole world.

अपने 70वें जन्मदिन पर बयान On her 70th B’day

मुझे लिखने की प्रेरणा अपने पिता से मिली. हमारे बचपन से ही वे हमें तोहफे में किताबें देते थे, इससे मुझे पढऩे और लिखने का शौक लगा. इस उम्र में भी मैं इतनी बोल्ड इसलिए हूं कि मैंने कभी हार मानना नहीं सीखा.

शोभा डे के उपन्यास Novels of Shobha De

  • सोश्यलाइट इवनिंग्स, 1989
  • स्टेरी नाइट्स, 1989
  • सिस्टर्स, 1992
  • सल्टरी डेज, 1994
  • शूटिंग फ्रॉम द हिप, 1994
  • स्माल बेट्रयाल्स, 1995
  • सेकण्ड थॉट्स, 1996
  • सलेक्टिव मेमोरी, 1998
  • सर्वाइविंग मैन, 1998
  • स्पीडपोस्ट, 1999
  • स्पाउस- दी ट्रुथ अबाउट मैरिज
  • स्नेपशॉट्स
  • स्टे्रंज आब्सेशन
  • सुपरस्टार इंडिया
  • संध्याज सीक्रेट, 2009
  • शोभा एट सिक्सटी, 2010
  • शेठजी, 2012
  • शोभा: नेवर ए डल डे, 2013
  • स्मॉल बेट्रयाल्स, 2014

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