आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स – Career in Artificial Intelligence

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आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स में करिअर – artificial intelligence future

आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स Artificial Intelligence तेजी से हमारी दुनिया में जगह बनाता जा रहा है। इस शब्द ने हमारे पाॅकेट में रखे मोबाइल से लेकर परमाणु बम ले जाने वाले मिसाइल तक अपनी पहुंच बना ली है। इस नई तकनीक ने आदमी के जीवन को आसान बनाने और उसके इर्द-गिर्द काम कर रही मशीनों को ज्यादा स्मार्ट बनाने का काम किया है।

फोरेस्टर रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिस तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स का बाजार बढ़ रहा है, अनुमान के मुताबिक 2020 तक यह बाजार तिगुना हो जाएगा और इसका आकार 1.2 ट्रिलियन डाॅलर सालाना तक पहुंच जाएगा।

भारत में एआई से आएगी नौकरियों की बहार- Artificial Intelligence Jobs in India

यह धारणा आम है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स से मानव श्रम की जरूरत कम हो जाएगी और बेरोजगारी बढ़ेगी लेकिन भारत के मामले यह बात सचाई से परे है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स से मशीन की स्किल बढ़ेगी और साथ में ऐसे लोगों की जरूरत भी पड़ेगी जो इन स्किलफुल मशीनों को मैनेज कर पाएं।

फिक्की और नैसकाॅम की स्टडी रिपोर्ट फ्यूचर आफ जाॅब्स इन इंडिया के अनुसार एआई की वजह से भारत के 5 प्रमुख औद्योगिक और सेवा क्षेत्र में तकनीकी उछाल आएगा। आईटी, रिटेल, फाइनेंस, टैक्सटाइल और आटो सेक्टर में आई ए की वजह से बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी।

इस स्टडी के अनुमान के आधार पर 2022 तक भारत के 600 मिलियन के कुल रोजगार में से करीब 9 प्रतिशत जाॅब्स इस आर्टिफिशयल इंटेलीजेन्स से संबंधित होंगी और वर्तमान में काम कर रहे 37 प्रतिशत लोगों को अपने स्किल्स में एआई के हिसाब से बदलाव लाना पड़ेगा।

रिसर्चर फर्म ग्राटनर के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स से पूरी दुनिया में 2.3 मिलियन रोजगार पैदा होंगे। इसी फर्म के अनुसार 2020 तक आई ए आॅग्यूमेंटेशन से 2.9 ट्रिलियन डाॅलर का बाजार पैदा होगा जिसकी मांग 6.2 बिलियन मानव घंटों की हो जाएगी।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स पैदा करेगी ये नई नौकरियां – New Jobs in Artificial Intelligence

मैन-मशीन टीमिंग मैनेजर

आने वाले समय में कंपनियों का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि वे मशीन और मानव के श्रम का कितना अच्छा मिश्रण कर रही है। इस काम के लिए मैन-मशीन टीमिंग मैनेजर जैसे स्किलफुल जाॅब पैदा होंगे जो मशीन और आदमी के बीच के सामंजस्य को बनाए रखने का काम करेंगे। यह इंजीनियरिंग और ह्यूमन रिसोर्स दोनो के एक्सपर्ट होंगे जो अपनी कंपनी के लिए मशीन और मानव दोनों के बेहतर इस्तेमाल की रणनीति तैयार करेंगे।

एआई बिजनेस डवपलमेंट मैनेजर

एआई सिर्फ काम को अच्छे से कर सकता है लेकिन वह बिजनेस प्लान नहीं कर सकता। इस काम को करने के लिए भविष्य में एआई बिजनेस डवलपमेंट मैनेजर्स की जरूरत होगी। जो एआई को आधार बनाकर मार्केंटिंग और सेल्स प्लान बनाया करेंगे या एआई की भूमिका बिजनेस प्लान में निर्धारित किया करेंगे।

डेटा डिटेक्टिव

एआई की जहां ढेरो खूबियां है, वहीं एक बड़ी खामी भी है कि यह कंपनी से संबंधित सारा डेटा एक जगह इकट्ठा कर लेता है और उसको आधार बनाकर कार्यदक्ष बनता है। ऐसे में कंपनी का डेटा लीक होने से बचाने के लिए डेटा सिक्योरिटी डिटेक्टिव की जरूरत पड़ेगी जो एआई तकनीक के कारण होने वाले डेटा लीक को रोकने का काम करेगा।

आईटी फेसीलेटर

आईटी फेसीलेटर एआई को ध्यान में रखते हुए ऐसे टूल्स विकसित करेगा जो इसे इस्तेमाल करने वाले कार्मिक को तकनीक को समझने और एआई को इस्तेमाल करने का अवसर देगा। दरअसल यह जरूरत के अनुसार एआई और आदमी के बीच कनेक्ट बनाने वाले एप्स और टूल्स बनाएंग।

एथीकल सोर्सिंग आफिसर

एथीकल सोर्सिंग आफिसर एआई को लेकर बनाई गई एथिक्स को लागू करवाने का काम करेंगे ताकि इसके दुरूपयोग को रोका जा सके। यह आज के एथिकल हैकर से मिलता जुलता काम होगा जो इंटरनेट पर होने वाले अपराधिक प्रयासों को रोकने का काम करते हैं।

इसके अलावा एथिकल सोर्सिंग आॅफिसर, आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स बिजनेस डवलपमेंट मैनेजर, मास्टर आफ एज कम्प्यूटिंग और साइबर सिटी एनालिस्ट जैसे नये जाब्स पैदा होंगे।

what are the artificial intelligence क्या होता है आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स?

आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स artificial intelligences मशीनो द्वारा दिखाई जाने वाली बुद्धिमता है। इस तरह की बुद्धिमता में एक कम्प्यूटर प्रोग्राम स्वयं को दिये जाने वाले निर्देशों को समझने के बाद उन्हें स्टोर करता है और उनके आधार पर भविष्य की जरूरतों को समझते हुए रिजल्ट देता है।

बार-बार उपयोग के बाद वह अपने काम करने के एलोगरिद्म को बदलता है और ज्यादा बेहतर परिणाम देने का प्रयास करता है। दरअसल प्रोग्राम का जरूरत के मुताबिक स्वयं को बदल लेना ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स कहलाता है।

रोबोटिक्स की दुनिया को आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स ने पूरी तरह बदल दिया है क्योंकि अभी तक जो रोबोट सिर्फ कुछ निश्चित काम ही कर पाते थे, आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स ने उनमें नया सीखने की क्षमता पैदा कर दी है, जिसको आधार बनाकर वे बार-बाद किए जाने वाले काम में अपनी गलतियों को सुधारता है और अपनी क्लाइंट के जरूरत को समझते हुए काम को अंजाम देता है।

कैसे जुड़े आर्टिफिशल इंटेलीजेन्स से?

आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स को समझने वाले विशेषज्ञों की भारी मांग पैदा होने वाली है और ऐसे में अगर आप इस दुनिया में अपना करिअर बनाने की इच्छा रखते हैं तो यह सही समय है। भारत सहित पूरी दुनिया में कई प्रतिष्ठान इससे सबंधित कोर्स करवा रहे हैं।

एआई में आपके करियर को आगे बढ़ाने के लिए मनोविज्ञान, शरीर विज्ञान, प्रोग्रामिंग भाषाएं, मशीन लैंग्वेज जैसे विषयों पर आधारित कोर्सेज किए जा सकते हैं।

भारत के संस्थान जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मास्टर कोर्स प्रदान करती है- Artificial Intelligence Courses

  • हैदराबाद विश्वविद्यालय
  • आईआईटी बॉम्बे
  • आईआईटी मद्रास
  • आईआईएससी बैंगलोर
  • आईएसआई कोलकाता

विदेशों में भी कुछ संस्थान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उत्कृष्ट मास्टर डिग्री देते हैं-

  • एडिनबर्ग विश्वविद्यालय
  • एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय
  • जॉर्जिया विश्वविद्यालय
  • ग्रोनिंगेन विश्वविद्यालय
  • साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय

आनलाइन भी कर सकते है एआई कोर्स- Artificial Intelligence Course online

गूगल एआई – Google AI

आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स को लेकर समझ विकसित करने के लिए गूगल ने गूगल एआई लेकर आया है। इस प्रोजेक्ट पर गूगल स्टडी मटेरियल उपलब्ध करवा रहा है। गूगल मशीन लर्निग लाइब्रेरी में किया गया क्रैश कोर्स आपको इस तकनीक का जानकार बनाने में मदद करेगा। यह प्रोग्राम उन लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है जो अभी इस तकनीक को जानने की कोशिश कर रहे हैं। यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स के बेसिक कोर्स को पूरा करने जैसा है।

गूगल मशीन लर्निंग – artificial intelligence and machine learning

यह गूगल एआई की तुलना में थोड़ा एडवांस कोर्स है जिसमें आप उडेसिटी के माध्यम से प्रवेश ले सकते हैं। यह उन लोगो के लिए है जो पहले से आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स को लेकर काम कर रहे हैं और अपनी स्किल्स को और बेहतर बनाना चाहते हैं। इस कोर्स में आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स को लेकर बेहतर समझ विकसित करने का प्रयास किया जाता है और इसे सफलता पूर्वक पूरा करने पर आप इस विषय के विशेषज्ञ बन सकते हैं।

स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय मशीन लर्निंग

इस कोर्स को करने के लिए आपको आनलाइन प्लेटफाॅर्म कोर्सिया से जुड़ना होगा। यहां आपको एंड्रयू एनजी जैसे बेहतरीन टीचर मिलेंगे जो गूगल डीप लर्निंग रिसर्च यूनिट, गूगल ब्रेन जैसे बेहतरीन वेंचर्स के फाउंडर हैं। यह कोर्स पूरी तरह मुफ्त है लेकिन अगर इसके लिए सर्टिफिकेट भी चाहते हैं तो आपको कुछ पैसा खर्च करना पड़ सकता है। हमारी सलाह है कि आप पैसा खर्च करके सर्टिफिकेट ले ताकि आपके रेज्यूमे ज्यादा प्रभावी बन सके।

कोलम्बिया विश्वविद्यालय-मशीन लर्निंग

आनलाइन यह कोर्स पूरी तरह मुफ्त है लेकिन सर्टिफिकेट लेने के लिए आपको खर्च करना होगा। इस कोर्स में आपको माॅडल, मैथड और एप्लीकेशन के माध्यम से वास्तविक दुनिया में एआई को लेकर हो रहे काम को सीखने का मौका मिलेगा।

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