लता मंगेशकर वो नाम है, जो अपनी सुरीली आवाज के कारण भारत ही नहीं पूरी दुनिया में सुर साम्राज्ञी और भारत की स्वर कोकिला के रूप में जानी जाती हैं। अपने सात दशक लम्बे सुरों के सफर में उन्होंने तकरीबन सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में हजारों गाने गाए हैं। इतनी शोहरत मिलने के बाद भी उनका जीवन सादगी से भरा है। आइए, जानते हैं लता मंगेशकर के जीवन के बारे में कुछ रोचक जानकारी।
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Biography of Lata Mangeshkar in Hindi लता मंगेशकर का जीवन परिचय
नाम: लता मंगेशकर
जन्मदिन: 28 सितम्बर, 1929
जन्म स्थान: इंदौर
पिता: मा. दीनानाथ मंगेशकर
माता: श्रीमती शेवंती
हॉबी एवं शौक: फोटोग्राफी, क्रिकेट मैच देखना, साहित्य पढ़ना
पसंदीदा गायक: कुंदनलाल सहगल
पसंदीदा गायिका: नूरजहां
पसंदीदा फिल्में: पड़ोसन, गॉन विद द विंड, टाइटैनिक
Early Days of Lata Mangeshkar लता मंगेशकर का बचपन
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर, 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक महाराष्ट्रियन ब्राह्मण परिवार में हुआ। लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर और मां शेवंती थीं।
लता अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर और तीनों बहनों आशा, ऊषा और मीना ने संगीत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई। जब लता मंगेशकर और आशा भोंसले हिन्दी फिल्मों में प्लेबैक सिंगिंग में शिखर पर थीं, तो दोनों बहनों के बीच प्रतिस्पर्धा के खूब चर्चे हुआ करते थे।
Singing Career of Lata Mangeshkar लता मंगेशकर के संगीत गुरु
लता जी का संगीत से नाता बचपन में ही जुड़ गया था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर जाने-माने शास्त्रीय गायक थे और थिएटर में भी खूब सक्रिय रहते थे। कहा जाता है कि पांच साल की उम्र में ही लता जी ने पहली बार एक नाटक में अभिनय किया था। इस नाटक में उनके पिता भी हिस्सा ले रहे थे।
लता जी ने संगीत की शुरुआती तालीम अपने पिता को गाते हुए देखकर ली। साथ ही, उन्होंने उस्ताद अमानत अली खां और नरेंद्र शर्मा से संगीत की विधिवत शिक्षा भी ली। इन्हें वे अपना गुरु भी मानती हैं। लता ने जब फिल्मों में काम तलाशना शुरू किया, तब यह तय नहीं था कि वे गायिका ही बनेंगी। शुरू में उन्होंने अभिनय भी किया।
Death of Lata Mageshkar’s Father लता जी के पिता की मृत्यु
लता मंगेशकर के लिए 1942 दुखभरा साल रहा, इसी साल उनके पिता का हार्ट अटैक से निधन हो गया। पिता की मौत के वक्त लता सिर्फ 13 वर्ष की थीं, लेकिन माता-पिता की सबसे बड़ी संतान होने के कारण घर चलाने की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ पड़ी। ऐसे में उन्हें पिता के गुजरते ही छोटी-छोटी फिल्मों में अभिनय का काम तलाशना शुरू करना पड़ा।
Acting Career of Lata Mangeshkar लता मंगेशकर का अभिनय सफर
लता मंगेशकर ने सबसे पहला रोल 1942 में आई ‘पहिली मंगलागौर’ फिल्म में किया। इस फिल्म में उन्होंने हीरोइन स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई। इसके बाद, लता मंगेशकर ने चिमुकला संसार (1943), माझे बाल (1944), गजाभाऊ (1944), जीवन यात्रा (1946), बड़ी मां (1945) में भी अभिनय किया। खासकर, ‘गजाभाऊ’ में उन्होंने जो किरदार निभाया, उसकी बहुत सराहना हुई।
लता का पहला गाना First song of Lata
लता मंगेशकर ने 1942 में अपना पहला गाना ‘किती हसाल’ फिल्म के लिए गाया। दुर्भाग्य से यह गाना बाद में काट लिया गया और जब फिल्म रिलीज हुई तो उसमें लता जी का गाया गाना नहीं था।
‘पहिली मंगलागौर’ (1942) से ही फिल्मों में उनका गायकी का सफर सही मायने में शुरू हुआ। इस फिल्म में लता जी ने ‘नटकी चैगाची नवलाई’ गीत गाया।
1944 में आई ‘गजाभाऊ’ यूं तो मराठी फिल्म थी, लेकिन इसी फिल्म में लता मंगेशकर ने अपना पहला हिंदी फिल्मी गीत गाया। इस गाने के बोल थे- ‘माता, एक सपूत की दुनिया बदल दे तू।‘
Singing Career of Lata Mangeshkar लता मंगेशकर की संगीत साधना
चालीस के दशक के शुरुआती साल लता जी के लिए अच्छे नहीं गुजरे। उनकी आवाज पतली थी, जबकि उस वक्त भारी आवाज वाली गायिकाओं का दौर था। इस कारण उन्हें बार-बार इनकार झेलना पड़ा। इस बीच 1947 में ‘आपकी सेवा में’ फिल्म आई, इस फिल्म में लता जी ने एक गाना गाया। ‘आपकी सेवा में’ फिल्म में ‘पा लागूं कर जोरी रे’ गाना लता जी का पहला हिंदी पार्श्व गीत Hindi playback song था। अगले कुछ साल में लगा जी ने कई गीत गाए, लेकिन 1949 में गाया लता का गाना ‘आयेगा आने वाला’ उनका गाया पहला हिट फिल्मी गीत साबित हुआ।
1947 में जब भारत- पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो बड़ी संख्या में निर्माता, निर्देशक और फिल्मी कलाकार भारत से लाहौर चले गए। उस समय फिल्मी गीतों की सबसे बड़ी गायिका जहां भी ऐसे कलाकारों में एक थीं। गायिका नूरजहां के जाने से उस दौर की प्रतिभाशाली गायिका लता जी के लिए फिल्मों में अवसरों के अनेक द्वार खुल गए।
1950 के दशक की शुरूआत तक लता जी फिल्मी गायिका के रूप में पूरी तरह स्थापित हो चुकी थीं। उन्होंने शंकर-जयकिशन, अनिल बिस्वास जैसे आला दर्जे के संगीत निर्देशकों के लिए गाने गाए। इस दौर में लता जी ने महल, बरसात, एक थी लड़की और बड़ी बहन जैसी फिल्मों में अपनी मखमली आवाज का जादू बिखेरा।
Lata Mangeshkar’s Peak Time as a Singer लता मंगेशकर की गायकी का शिखर
इस तरह, लता मंगेशकर बॉलीवुड की ऐसी सुर साम्राज्ञी बन गईं, जिनका आवाज का जादू अगले तीन दशक तक छाया रहा। लता जी ने हिंदी, मराठी, उर्दू, संस्कृत सहित 36 भाषाओं में गीत गाए हैं।
Songs of Lata Mangeshkar लता मंगेशकर के गाने
लता मंगेशकर ने तकरीबन सभी बड़े संगीत निर्देशकों के साथ काम किया और तकरीबन सभी गायकों के साथ गाने गाए। इस दौर में लता जी के गाए गानों की फेहरिस्त लम्बी है, जो इस प्रकार है।
1949 हवा में उड़ता जाए (बरसात)
1958 आजा रे परदेसी (मधुमती)
1960 ओ सजना बरखा बहार आई (परख)
1961 इतना ना मुझसे तू प्यार बढ़ा (छाया)
1961 अल्लाह तेरो नाम (हम दोनों)
1961 ज्योति कलश छलके (भाभी की चूड़ियां)
1961 एहसान तेरा होगा मुझ पर (जंगली)
1962 कहीं दीप जले कहीं दिल (बीस साल बाद)
1963 पंख होती तो उड़ आती रे (सेहरा)
1964 नैना बरसे रिमझिम (वो कौन थी)
1965 अजी रूठ के अब (आरजू)
1965 ये समां (जब जब फूल खिले)
1965 आज फिर जीने की तमन्ना है (गाइड)
1967 आ जा पिया तोहे प्यार दूं (बहारों के सपने)
1968 बच्चे मन के सच्चे (दो कलियां)
1968 चंदन सा बदन (सरस्वती चंद्र)
1968 तू कितनी अच्छी है (राजा और रंक)
1969 बिंदिया चमकेगी (दो रास्ते)
1971 दिलबर दिल से प्यारे (कारवां)
1971 चलते चलते (पाकीजा)
1973 अब तो है तुमसे (अभिमान)
1989 कबूतर जा जा (मैंने प्यार किया)
1994 माई नी माई मुंडेर पे (हम आपके हैं कौन)
1998 जिया जले जां जले (दिल से)
2000 हमकों हमीं से चुरा लो (मोहब्बतें)
ये तो कुछ ही गाने हैं, खासकर एस डी बर्मन और आर डी बर्मन के संगीत निर्देशन में गाए लता जी के सुपरहिट गाने आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं। लता जी ने शंकर जयकिशन, सलिल चौधरी, नौशाद सहित और भी कितने ही जाने-माने संगीतकारों के साथ काम किया।
लता मंगेशकर ने मदन मोहन और सी. रामचंद्र के लिए जो गाने गाए, वे उनके सर्वश्रेष्ठ गीत माने जाते हैं। बाद के वर्षों में उन्होंने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी के साथ भी खूब काम किया। इस जोड़ी के साथ लता जी ने सबसे अधिक करीब 670 गाने गाए।
लता मंगेशकर से जुड़े विवाद Controversies of Lata Mangeshkar
यहां, यह जिक्र करना भी जरूरी होगा कि प्रसिद्ध संगीतकार ओ.पी. नय्यर के साथ लता ने कभी कोई गीत नहीं गाया। लता जी और उनकी बहन व प्रख्यात गायिका आशा भोंसले के बीच प्रतिस्पर्धा की बातें उन दिनों अक्सर उठती रहती थीं।
लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी ने भी कुछ वर्षों तक साथ नहीं गाया, कहा जाता है कि दोनों के बीच रॉयल्टी को लेकर कुछ विवाद हो गया था। कुछ साल तक उन्होंने संगीत निर्देशक एस.डी. बर्मन के साथ भी काम नहीं किया।
Lata Mangeshkar Bharat Ratna भारत रत्न लता मंगेशकर
लता मंगेशकर को अनेक प्रतिष्ठ नागरिक सम्मानों और संगीत पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। लता जी को मिले प्रमुख पुरस्कार एवं अलंकरणों की सूची इस प्रकार है।
1969 पद्म भूषण
1989 दादा साहब फाल्के पुरस्कार
1996 राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार
1999 पद्म विभूषण
2001 भारत रत्न
संगीत निर्देशक लता मंगेशकर
कम ही लोग जानते हैं कि लता मंगेशकर ने कुछ फिल्मों में संगीत भी दिया, ये फिल्में थीं-
1950 रामराम पाव्हणं
1962 मोहित्यांची मंजुला
1964 मराठा तितुका मेलवावा
1965 साधी माणसं
1969 तांबड़ी माती
‘रामराम पाव्हणं’ को छोड़कर अन्य सभी फिल्मों में उन्होंने आनंदधन के नाम से संगीत निर्देशन किया।
Lata Mangeshkar as a Producer निर्माता लता मंगेशकर
लता जी ने फिल्म निर्माण में भी अपने हाथ आजमाएं। उनकी बनाई फिल्मों की सूची इस प्रकार है-
1953 बादल
1953 झांझर
1955 कंचन
1990 लेकिन
इनमें बादल फिल्म मराठी में थी, शेष सभी फिल्में हिन्दी भाषा में हैं। लता मंगेशकर की बनाई ‘लेकिन’ फिल्म रवीन्द्रनाथ टैगोर की कहानी पर आधारित है और इसे खूब पसंद किया गया।
Why didn’t Lata Mangeshkar marry? लता मंगेशकर ने शादी क्यों नहीं की
लता मंगेशकर जिनकी आवाज की सारी दुनिया कायल है, उन्होंने शादी क्यों नहीं की। इस बारे में स्वयं लता जी ने कई जगह साक्षात्कार में कहा है कि पिताजी के गुजर जाने के बाद सबसे बड़ी बेटी होने के कारण घर-परिवार चलाने की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई। छोटे भाई-बहनों के जीवन के बारे में सोचने में इतनी व्यस्त रहीं कि खुद की शादी के बारे में फैसला करने का समय ही नहीं मिला।
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