Quotes on SelfPower-आत्मबल पर सुविचार

Quotes on SelfPower-आत्मशक्ति पर सुविचार

आत्मबल मनुष्य की आत्मनिर्भरता और सामर्थ्य का प्रतीक है। यह एक ऐसी ऊर्जा है जो हमें गांधीजी के नारे “साथी स्वयंसेवक” पर अमल करने की प्रेरणा देती है। दुनिया के महान लोगों ने आत्मबल की शक्ति से ही बड़े—बड़े कार्य किए और दुनिया में अपना नाम रोशन किया। हम यहां आपको आत्मबल और आत्म​शक्ति पर महान लोगों द्वारा व्य​क्त किए गए Quotes और सुविचार दे रहे हैं, जो दुर्बलता और निराशा के क्षणों में आपका मार्ग प्रशस्त करेंगे।

आत्मा की शक्ति को पहचानना ही आत्म-ज्ञान है। आत्मा तो बैठे-बैठे दुनिया को हिला सकती है। -महात्मा गांधी

जिसका आत्म-बल पर विश्वास है, उसकी हार नहीं होती, क्योंकि आत्म-बल की पराकाष्ठा का अर्थ है मरने की तैयारी। -महात्मा गांधी

अनुचित इच्छायें तो उठती ही रहेंगी। उनका हम ज्यों-ज्यों दमन करेंगे त्यों-त्यों दृढ़ बनेंगे और हमारा आत्म-बल बढ़ेगा। -महात्मा गांधी

पशुबल अस्थायी है और अध्यात्मबल या आत्मबल या चैतन्यवाद एक शाश्वत बल है। वह हमेशा रहने वाला है क्योंकि वह सत्य है। जड़वाद तो एक निकम्मी चीज है। -महात्मा गांधी

आवेश और क्रोध को वश में कर लेने से शक्ति बढ़ती है और आवेश को आत्मबल के रूप परिवर्तित किया जा सकता है। -महात्मा गांधी

आत्मबल की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण तो यही है कि इतने युद्धों के बावजूद दुनिया अभी कायम है। -महात्मा गांधी

जो मनुष्य लोगों के व्यवहार से ऊब कर क्षण प्रतिक्षण अपने मन बदलते रहते हैं, वे दुर्बल है, उनमें आत्मबल नहीं है। — सुभाषचंद्र बोस

व्यक्ति का आत्मबल उसकी जड़-पूजा से अवरूद्ध हो जाता है। जिसके पास ये जड़-बन्धन जितने ही कम होते है, वह उतनी ही जल्दी सत्यपरायण हो जाता है। -हजारीप्रसाद द्विवेदी

जो ईश्वर पर विश्वास करता है, उसी में आत्मशक्ति है, नास्तिक में आत्मशक्ति नहीं होती। -भगवतीचरण वर्मा

पहले अपने में अन्तर्निहित आत्मशक्ति को जाग्रत करो, फिर देश के समस्त व्यक्तियों में जितना संभव हो, उस शक्ति के प्रति विश्वास जमाओ। -विवेकानन्द

यदि कोई सामजिक बनधन तुम्हारे ईश्वर-प्राप्ति के मार्ग में बाधक है, तो आत्मशक्ति के सामने अपने आप ही वह टूट जाएगा। -विवेकाननद(विवेकानन्द साहित्य)

एक क्षण के लिए यदि आप शान्त बैठकर एकसा विचार करें कि आप विष्वमानव है, आप अनंत शक्ति हैं, तो आप देखेंगे कि आप वास्तव में वही है। -रामतीर्थ

यदि तुम यह समझते हो कि ईसा या बुद्ध या कृष्ण या किसी अन्य महात्मा के नाम के कारण तुम्हारा उद्धार हो रहा है, तो स्मरण रखो कि ईसा, बुद्ध, कृष्ण या किसी दूसरे व्यक्ति में यथार्थ गुण निहित नहीं हैं, वास्तविक शक्ति तो तुम्हारी आत्मा में है। -रामतीर्थ

आत्मशक्ति ही वास्ततिक शक्ति है।-शिवांनद

“आपकी सबसे बड़ी शक्ति आपके अंदर छुपी है, आपको उसे पहचानने की जरूरत है।” – स्वामी विवेकानंद

“अधीर और आत्मनिर्भरता से नहीं जीतते, समर्थ बनकर जीतते हैं।” – महात्मा गांधी

“अपनी आत्मशक्ति के साथ आगे बढ़ें, और किसी भी समस्या को हरा सकते हैं।” – स्वामी विवेकानंद

“आत्मशक्ति का सबसे बड़ा शक्तिशाली स्रोत, संघर्षों से उभरकर निकलना है।” – आब्राहम लिंकन

“अपनी आत्मशक्ति को समझें, और आप सफलता के दरवाजे खोल सकते हैं।” – स्वामी विवेकानंद

“आत्मशक्ति वह रूपांतरणीक शक्ति है जो आपको सफलता की ऊंचाइयों तक ले जा सकती है।” – रबींद्रनाथ टैगोर

“आपकी आत्मशक्ति ही आपकी सबसे बड़ी संपत्ति है, उसे न खोएं और न खोने दें।” – स्वामी विवेकानंद

“जब आप अपनी आत्मशक्ति के बल पर चलते हैं, तो आप दूसरों को भी प्रेरित करते हैं।” – महात्मा गांधी

“आत्मशक्ति के बिना असफलता की संभावना है, और आत्मविश्वास के साथ जीत आपके कदमों में है।” – स्वामी विवेकानंद

“आत्मशक्ति से बढ़कर कोई धन या संपत्ति नहीं है, जो एक बार हासिल हो जाए, वह हमेशा रहता है।” – महात्मा गांधी

“जिसने अपनी आत्मशक्ति को जान लिया, वह जीवन की हर मुश्किल से समझौता कर सकता है।” – स्वामी विवेकानंद

“आत्मशक्ति हर किसी के अंदर मौजूद है।” – रबींद्रनाथ टैगोर

आत्मबल पर निबंध

प्रस्तावना: आत्मबल एक शक्ति है जो हमें संघर्षों से निपटने और समस्याओं का सामना करने की क्षमता प्रदान करती है। यह हमारे अंदर छिपी हुई एक सकारात्मक शक्ति है जो हमें अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करती है। इस निबंध में, हम आत्मबल के महत्व, इसके गुण, और कैसे हम अपनी आत्मबल को विकसित कर सकते हैं, के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

महत्व: आत्मबल व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण गुण है। यह उसको सफलता के मार्ग में मदद करता है और उसे परिस्थितियों के सामना करने में साहस और विश्वास देता है। जीवन में हम अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हैं, और इन सभी के साथ खड़े होने के लिए हमें आत्मबल की आवश्यकता होती है।

आत्मबल के गुण:
  1. साहस: आत्मबल हमें साहस और वीरता की भावना देता है। यह हमें अपनी भयभीत अनुभूतियों से निपटने में मदद करता है और हमें सकारात्मकता से सामना करने की प्रेरणा देता है।
  2. समर्थन: आत्मबल हमें अपने आप पर विश्वास करने की क्षमता प्रदान करता है। यह हमें खुद को समर्थक समझने और अपनी क्षमता में विश्वास करने में सहायता करता है।
  3. संघर्ष की भावना: आत्मबल हमें दृढ़ता से संघर्ष करने की भावना प्रदान करता है। यह हमें असफलता से निपटने की क्षमता देता है और हमें हार नहीं मानने की प्रेरणा देता है।
  4. सकारात्मक सोच: आत्मबल हमें सकारात्मक सोचने की प्रेरणा देता है। यह हमें समस्याओं को समाधान करने की क्षमता प्रदान करता है और हमें सकारात्मक दृष्टिकोण से हर समस्या का सामना करने की क्षमता देता है।
आत्मशक्ति बढ़ाने के उपाय
  • योग और मैडिटेशन: योग और मैडिटेशन आपकी ध्यान लगाने की क्षमता को बढ़ाते हैं, जो आत्मशक्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है।
  • अच्छा आहार: यदि आप अपने शरीर को स्वस्थ आहार देंगे, तो आपका मन दृढ़ता और अधिक तरोताजा महसूस करेगा।
  • सकारात्मक रवैया: सकारात्मक रवैया अद्वितीय क्षमता का स्रोत है जो आत्मशक्ति को बढ़ाता है।
  • निरंतर सीखना: नई चीजें सीखने से हमारे विचारों को स्पष्ट और नए आयाम मिलते हैं, जो हमारी आत्मशक्ति को बढ़ाता है।
  • स्वस्थ और पर्याप्त नींद: पर्याप्त और स्वस्थ स्वनिद्रा से मन स्वस्थ और अधिक केंद्रित रहता है।
  • आत्म-संवाद: अपने साथ स्वयं की बातचीत करने से आत्म-संवेदन और आत्म-समझ बढ़ती है, जो आत्मशक्ति को बढ़ाने में बहुत मदद करती है।

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