फूड ट्रक How to Start Food Truck in india-Complete Guide hindi

कैसे करें भारत में फूड ट्रक से रेस्टोरेंट बिजनेस?

फूड ट्रक रेस्टोरेंट बिजनेस शुरू करने का सबसे आसान जरिया है. इसमें आपको महंगी दुकान खरीदने की जरूरत नहीं रहती है जिससे बिजनेस शुरू करने का कॉस्ट कम हो जाता है.

फूड ट्रक के साथ एक बड़ा फायदा यह भी है कि यह ग्राहकों की पहुंच के अनुसार अपनी जगह में परिवर्तन कर सकता है. मसलन दोपहर में लंच टाइम के दौरान यह किसी कॉर्पोरेट आफिस के कर्मचारियों को भोजन उपलब्ध करवा सकता है तो रात को किसी चौपाटी पर स्वाद के दिवानों को फास्ट फूड मुहैया करवा सकता है.

फूड ट्रक बिजनेस शुरू करने की योजना

Food Truck बिजनेस शुरू करने के लिये आपको एक प्लान बनाना होगा और फिर उसी प्लान के आधार पर स्टेप बाइ स्टेप बढ़ते हुये आपको अपनी मंजिल पर पहुंचना होगा. आपको समझने में आसानी हो इसलिये हमने इस प्लान को कुछ शुरूआती बिंदुओं में बांट दिया गया है जो इस प्रकार है-

1. डिसाइड करें फूड मेन्यू
2. ट्रक का साइज
3. ट्रक के किचन उपकरण
4. फूड ट्रक के लिये जरूरी लाइसेंस
5. आवश्यक कर्मचारियों की नियुक्ति
6. बिलिंग सॉफ्टवेयर
7. फूड ट्रक का प्रचार

डिसाइड करें फूड मेन्यू

फूड ट्रक एक ऐसा चलता फिरता किचन होता है जो ग्राहकों को कम समय में खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाता है क्योंकि सड़क के किनारे या जिस भी स्थान पर यह सर्व करता है, वहां ठहरने या बैठने के लिये बहुत ज्यादा जगह नही होती है.

ऐसे में आपको अपने फूड ट्रक को डिजाइन करवाने में इस बात का खास ख्याल रखना होता है कि कम स्पेस में ही आपको ज्यदा से ज्यादा सुविधायें मिल सके और कम परेशानी में आप आडर्स को तेजी से तैयार कर सके.

Food Truck को डिजाइन करने से पहले आपको यह डिसाइड करना होता है कि आप किस तरह का फूड अपने ग्राहकों को सर्व करना चाहते हैं. फास्ट फूड का विकल्प सबसे आसान है और उसे कम समय में बनाना संभव है.

साथ ही इसमें लगने वाले इं​ग्रिडियेंट्स की संख्या भी लिमिटेड होती है. आपको सबसे पहले अपने कूजीन का निर्धारण करना होता है. जैसे आप अपने ग्राहकों को डोसा बेचने वाले है तो आपको अपने ट्रक में एक लंबे तवे की जरूरत होगी जिसमें कम से कम एक समय में तीन डोसे तक तैयार किये जा सके.

इसी तरह आप अगर अपने ​ग्राहकों को पिज्जा बेचने वाले हैं तो आपको एक बड़े तंदूर की जगह अपने फूड ट्रक में निकालनी होगी. फूड ट्रक को डिजाइन करने से पहले आपको अपने खाने का मेन्यू डिसाइड करना ही होगा तभी आप एक अच्छा फूड ट्रक डिजाइन करवा सकते हैं.

फूड ट्रक कैसे करें डिजाइन?

फूड ट्रक के डिजाइन को शुरू करने से पहले आपको अपने ट्रक का साइज भी निर्धारित करना होगा. भारत में 14 फीट से 34 फीट तक के ट्रक आते हैं जो इस काम में आसानी से उपयोग में लिये जा सकते हैं.

फूड ट्रक के लिये खरीदे जाने वाले ट्रक का एक्सल और चेसिस विशेष तौर पर मजबूत होने चाहिये क्योंकि इसमें होने वाली फिटिंग्स की वजह से इस पर काफी भार लगातार बना रहता है.

भारत में टाटा, अशोक लैलेण्ड और महिन्द्रा फूड ट्रक की बॉडी निर्मित करने लायक ट्रक का निर्माण करते हैं. टाटा के ट्रक सबसे सस्ते आते हैं. हमारी आपको सलाह है कि आप इस काम की शुरूआत एक सेकेण्ड हैण्ड ट्रक से भी कर सकते हैं जिसकी बॉडी मजबूत हो.

दरअसल आपको ट्रक बहुत लंबी दूरियां तय नहीं करने वाला है और एक ही शहर में छोटी दूरियों के बीच काम करने वाला है, ऐसे में सेकेण्ड हेंड ट्रक खरीदने से आपकी लागत आधी हो जायेगी.

सेकण्ड हैण्ड ट्रक खरीदने के दौरान इस बात का जरूर ध्यान रखें कि वह पांच साल से ज्यादा पुराना न हो क्योंकि ज्यादा पुराने ट्रक शहरी एरिया में प्रतिबंधित होते हैं.

अब अपनी जरूरत के हिसाब से आपको अपने ट्रक मे निम्न उपकरणों को अपने ट्रक में ​फीट करवाना चाहिये. यह काम अच्छे बॉडी मेकर से ही करवायें.

आपको नीचे दी गई सूची के अनुसार कई उपकरणों की जरूरत पड़ सकती है, इनमें से आप जरूरत के हिसाब से अपने लिये जरूरी किचन इक्वीपमेंट्स को खरीद सकते हैं-

  • पाइपलाइन सिस्टम
  • बरतन सिंक
  • हैंड वॉश सिंक
  • तेल के लिये फ्रायर
  • वेस्ट सिस्टम
  • वाटर हीटर
  • पानी की टंकी
  • गंदे पानी के लिये टैंक
  • निकास
  • पंखे का मोटर
  • ट्रक के भीरत रोशनी की व्यवस्था
  • फायर सप्रेस सिस्टम और स्प्रिंकलर
  • आर्डर विंडो
  • नॉन-स्लिप फ़्लोरिंग
  • एयर कंडीशनिंग और हीटिंग
  • बर्तन, उपकरण और सफाई की आपूर्ति के लिए स्टोरेज
  • खाद्य और सामग्री के लिए स्टोरेज
  • फ्रीजर स्पेस
  • स्टोव, ग्रिल्स, फ्राइर्स
  • फूड-सेफ प्रेप स्पेस

फूड ट्रक के लिये जरूरी लाइसेंस

फूड ट्रक चूंकि भारत में अभी नया कॉन्सेप्ट है इसलिये फिलहाल इसको लेकर कोई विशेष कानून नहीं है लेकिन आप लोगों को खाने की चीज परोस रहे हैं तो आपको फूड वेंडर्स की श्रेणी में रखा जाता है और उनको लेने वाले सभी लाइसेंस आपको भी लेने होते हैं.

साथ ही आप एक वाहन का कॉमर्शियल उपयोग कर रहे हैं इसलिये मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भी आपको इससे सम्बन्धित लाइसेंस और जांच करवाने होते हैं. ​हमारे विशेषज्ञ के अनुसार आपको नीचे दिये गये कागजात अपने फूड ट्रक बिजनेस के लिये तैयार करवाना होगा.

  1. अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र
  2. दुकान और स्थापना लाइसेंस
  3. आरटीओ से एनओसी
  4. नगर निगम से एनओसी
  5. FSSAI मोबाइल विक्रेता का लाइसेंस
  6. रसोई बीमा
  7. आरटीओ से जारी वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र
  8. हैवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस, अगर आपको ट्रक इस श्रेणी का है.

कर्मचारी और ब्रांडिंग

फूड ट्रक कॉन्सेप्ट समय के साथ लोकप्रिय होता जा रहा है और बाजार में अब कई फूड ट्रक आपको आसानी से दिखाई देने लगे हैं. ऐसे में आपके लिये यह जरूरी हो जाता है कि जब आप अपना यह व्यवसाय शुरू करें तो इसकी ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान दें.

अपने स्टाफ की हायरिंग करते वक्त ऐसे लोगों को प्राथमिकता दें जिनके पास रेस्टोरेंट व्यवसाय का अनुभव हो. एक फूड ट्रक के लिये आपको मल्टीटास्किंग स्टाफ रखने पर जोर देना चाहिये.

स्टाफ को रखने के अलावा उनके लिये यूनिक यूनिफॉर्म भी आपको डिजाइन करनी चाहिये जो आपके फूड ट्रक की थीम और नाम के साथ मैच होता हो. इस काम के लिये आप किसी विशेषज्ञ की सेवायें लें ले तो अच्छा रहेगा.

ट्रक का साज-सज्जा भी किसी प्रोफेशनल से ही करवानी चाहिये. फूड आर्डर लेने से उसे सर्व करने का भी आपके पास एक प्रोटोकॉल होना चाहिये. साथ ही बिलिंग सॉफ्टवेयर और जीएसटी जैसे टैक्स पे करने के लिये आपके पास उचित अकाउटिंग साफ्टवेयर भी होना चाहिये.

कितनी आती है फूड ट्रक की लागत?

भारत में फूड ट्रक शुरू करने के लिये करीब दस लाख रूपयों की जरूरत होती है, जिसमें से आधी रकम तो आपके ट्रक की कीमत होती है और बाकि का पैसा आपको उसे पूरी तरह तैयार कर सड़क पर उतारने में लग जाती है.

एक फूड ट्रक पर करीब 35 से 40 हजार रूपये महीने तक खर्च हो सकता है इसलिये आपको मुनाफा कमाने के लिये करीब 2 लाख तक की बिक्री करनी होती है. टीयर-1 और टीयर-2 शहरों में यह लक्ष्य आसानी से हासिल किया जा सकता है बशर्ते आपके खाने का स्वाद लोगों की स्वाद पर चढ़ जाये.

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