जेंडर टेस्ट के खिलाफ आवाज उठाने वाली दुती चंद की कहानी – Dutee Chand Biography in Hindi

दुती चंद की जीवनी Dutee Chand Biography

Dutee Chand एक भारतीय महिला धावक हैं। संघर्षों का सामना करते हुए कभी हार नहीं मानने वाली दुती चंद दुनिया भर की महिला खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है। 2019 में इटली में आयोजित यूनिवर्सिटी गेम्स में दुती ने 100 मीटर रेस 11.32 सेकंड में पूरी कर के जीत हासिल की और गोल्ड जीतने वाली पहली महिला बन गई। वर्तमान में वे ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेशन में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर नियुक्त हैं। दुती का जन्म 3 फ़रवरी 1996 को उड़ीसा के जाजपुर के चाकागोपालपुर गाँव में एक बुनकर परिवार में हुआ था।

दुती चंद का करियर Dutee Chand Career

दुती ने वर्ष 2012 में अंडर 18 नेशनल चैम्पियनशिप में 100 मीटर की रेस जीत कर अपने करिअर की शुरुआत की। 2013 में इन्होने पुणे में होने वाले एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 200 मीटर की रेस जीत कर कांस्य पदक अपने नाम किया और नैशनल सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 100 मीटर और 200 मीटर की रेस भी जीतीं। वर्ष 2014 में ताइपे में एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दुती ने 200 मीटर और 4×400 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीता।

जेंडर टेस्ट का सामना और अदालत में चुनौती Dutee Chand Gender Test

2014 में दुती चंद के करियर को एक बड़ा झटका लगा। कॉमनवेल्थ गेम्स के कुछ समय पहले हुए जेंडर टेस्ट में वे फेल हो गई और एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने उन्हें प्रतिबंधित कर दिया। जेंडर टेस्ट एक ऐसा नियम है जिसका सामना महिला खिलाड़ियों को करना पड़ता हैं। इस टेस्ट के माध्यम से यह जाँच की जाती है कि महिला खिलाड़िओं में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा कहीं इतनी अधिक तो नहीं है, जो उन्हें पुरुषों के बराबर शक्ति दे रही हो, क्योँकि अगर ऐसा है तो उस महिला खिलाडी को अन्य महिला खिलाड़ियों के साथ प्रतियोगिता में भाग दिलाना अन्य खिलाड़ियों के साथ अन्याय होगा।

कई अंतरराष्ट्रीय खिलाडी इस टेस्ट की मार झेल चुके हैं। इस टेस्ट में फेल हो जाने पर न केवल महिला खिलाड़ियों का करियर समाप्त हो जाता है, बल्कि उन्हें अपमान का भी भी सामना करना पड़ता है। कई महिला खिलाडी तो इसके बाद आत्महत्या भी कर चुके हैं।

दुती चंद ने इसे अदालत में चुनौती दी। जुलाई 2015 में कोर्ट ऑफ़ आरबिट्रेशन ऑफ़ स्पोर्ट्स (सीएएस) ने उनकी याचिका पर आईएएएफ के नियमों को रद्द कर दिया और उन्हें अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग लेने की अनुमति दे दी। तापसी पन्नू अभिनीत फिल्म रश्मि राकेट में एक ऐसी ही एथलीट की कहानी का चित्रण किया गया है।

दुती चंद की अंतरराष्ट्रीय खेल में वापसी

अदालत के फैसले के बाद दुती ने फिर से खेल के मैदान में अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए जी जान एक कर दिया। 2016 में दोहा में आयोजित एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 60 मीटर वर्ग की रेस में उन्होंने कांस्य पदक जीता। 2018 में जकार्ता में आयोजित एशियन गेम्स में 2 रजत पदक जीते। 2019 के नैशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दुती ने 100 मीटर की रेस 11.25 सेकेंड में पूरी करके स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

भारत की पहली समलैंगिक एथलीट First Lesbian Athlete

दुती ने 2019 में दुनिया भर के खेलप्रेमियों को उस समय चौंका दिया, जब उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान अपने आप को समलैंगिक घोषित किया। उन्होंने बताया कि वह अपनी एक महिला मित्र के साथ रिलेशन में हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा धारा 377 को गैर आपराधिक करार देने के बाद वे अपने सम्बन्धो के बारे में खुलकर बात कर सकती हैं और किसी को भी उन संबंधों के बारे में कोई राय बनाने का हक़ नहीं है। यह एक निजी निर्णय है, जिसका सम्मान होना चाहिए।

दुती चंद के पदक और उपलब्धियां Dutee Chand Achievements

  • कांस्य: 200 मीटर, 2019, एशियाई चैंपियनशिप, दोहा
  • कांस्य: 60 मीटर, 2019 एशियन इंडोर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, दोहा
  • गोल्ड: 100 मीटर, 2019 यूनिवर्सियाड, नापोली
  • सिल्वर: 100 मीटर, 2018 एशियाई खेल, जकार्ता
  • सिल्वर: 200 मीटर, 2018 एशियाई खेल, जकार्ता
  • कांस्य: 100 मीटर, 2017, एशियाई चैंपियनशिप, भुवनेश्वर
  • कांस्य: 4×400 मीटर, 2017, एशियाई चैंपियनशिप, भुवनेश्वर
  • कांस्य: 200 मीटर, 2016 दक्षिण एशियाई खेल, गुवाहाटी
  • सिल्वर: 100 मीटर, 2016 साउथ एशियन गेम्स, गुवाहाटी
  • कांस्य: 200 मीटर, 2013, एशियाई चैंपियनशिप, पुणे
  • गोल्ड: 200 मीटर, 2014 एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप, ताइपे
  • गोल्ड: 4×400 मीटर, 2014 एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप, ताइपे

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