15 अगस्त पर भाषण – Speech for Indepance Day hindi
15 अगस्त पर भाषण देना सभी को पसंद है. स्वतंत्रता दिवस के लिये भाषण बनाते वक्त अक्सर हमें शब्दों की कमी महसूस होती है, जिनमें जोश और ओज हो. स्कूल और स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिये भाषण तैयार करने में नीचे दिया जा रहा भाषण आपकी सहायता करेगा, 15 अगस्त पर जोशीला भाषण बनाने का प्रयास किया है. जो हमें स्वतंत्रता दिवस का महत्व समझायेगा और 15 अगस्त 1947 का इतिहास बतायेगा. इस भाषण का उपयोग आप स्वतंत्रता दिवस पर निबंध के तौर पर भी कर सकते हैं. अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में दें.
भाइयों और बहनों
स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त हमारे देश के लिये सबसे बड़ा दिन है. आज ही के दिन हमारे देशवासियों ने सदियों की परतंत्रता से मुक्ति पाई थी.
आज के ही दिन सन् 1947 में हमारे देशवासियों ने आजाद फिजा में सांस लेना शुरू किया था.
स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत को अंग्रेजों के गुलामी से मुक्ति मिली थी और आजाद भारत की तकदीर लिखनी शुरू की गई थी.
हमारे पूर्वजों ने इस स्वतंत्रता के लिये बड़ी कीमत चुकाई है. हजारों लोगों ने काला पानी की यातना को सहा और लाखों लोगों ने अंग्रेज सत्ताधारियों की लाठी खाई तब जाकर यह अमूल्य आजादी हमारे किस्मत में आई है.
इस आजादी के लिये भारत के नौजवानों ने हंसते—हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिये और फांसी के फंदे पर आजादी के तराने गाते हुये झूल गये.
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण
ये देश शहीद भगत सिंह, सुखदेव और बिस्मिल के बलिदान को कैसे भूल सकता है. ये वो वीर थे जिन्होंने मेरा रंग दे बसंती चोला की उद्घोष कर भारत माता के चरणों में अपने प्राणों को अर्पित कर दिया था.
भारत की आजादी सिर्फ एक जमीन की आजादी तक सीमित नहीं था, यह उससे बढ़कर एक संस्कृति की आजादी का तुमुल घोष था जिसका नाद पूरी दुनिया में आज तक सुनाई पड़ रहा है.
आज भारत चंद्रमा तक पहुंच गया है, वह दिन दूर नहीं जब कोई भारतवासी भारत में बने चंद्रयान में बैठकर चंद्रमा की धरती पर उतरेगा और तिरंगा फहरायेगा.
हम भारतीयों ने अपनी आजादी का सदुपयोग किया है और अपने देश को एक बेहतर मुल्क बनाने की भरसक कोशिश की है.
भारत एशिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र है. आज जहां दुनिया भर में तानाशाही और आतंकवाद का नाग सिर उठा रहा है, वहीं भारत अभी तक अपनी वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन की वजह से काफी हद तक इन अभिशापों से बचा हुआ है.
आप उदाहरण के तौर पर देख सकते हैं कि हमारे पड़ोसी मुल्क चीन में तो लोकतंत्र का नामोनिशान नहीं है और हमारे साथ ही आजाद हुये पाकिस्तान में सैनिक सत्ता जब चाहती है, लोकतांत्रिक सत्ता को अपदस्थ कर दुनिया को एक नया तानाशाह दे देती है.
भारत की विविधता की एकता ही उसकी सबसे बड़ी पूंजी है और दुनिया को शांति का दिया उसका संदेश ही उसका नैतिक बल है.
साथियों हमें अपनी इस पूंजी और बल को बचा कर रखना होगा, आज स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं यहां उपस्थित सभी भारतीयों से आवाहन करता हूं/करती हूं कि आइये इस देश की संस्कृति को और वैविध्य देने तथा और ज्यादा सुंदर बनाने का संकल्प लें.
आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मैं आपसे एक और अपील करना चाहता/चाहती हूं कि एक नागरिक के तौर पर इस देश को अपना समझे.
सभ्यता और संस्कृति के मामले में भारत ने हमेशा पूरी दुनिया को राह दिखाई है, आज भी प्राचीनतम सभ्यताओं में भारत का नाम सबसे पहले आता है.
हमें अपनी इस विरासत को भी संभालना होगा, एक अच्छा नागरिक बनने का संकल्प लेना होगा.
आइये, एक नागरिक के तौर पर हम प्रतिज्ञा लें कि देश को सुंदर, स्वच्छ और प्रगतिवान बनाने के लिये हम हरसंभव प्रयास करेंगे.
शहीद भगत सिंह की इन पंक्तियों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता/देती हूं:
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
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1 Comment
Add Yours →aapki website bahut acchi hai