गणेश जी के 101 नाम के जाप करने से सभी दुख और बाधायें नष्ट हो जाती है. विघ्नकर्ता गणेश जी के बारे में यहां संक्षिप्त परिचय दिया जा रहा है. गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा गया है. उनके पूजा करने से समस्त बाधाओं का नाश होता है. पुराणों में उन्हें मंगलकर्ता भी कहा गया है यानि उनके स्मरण मात्र से मंगल होता है.
उनके दोनो पुत्र शुभ और लाभ गृहस्थ जीवन में सुख के आधार मानी जाती है. माना जाता है कि जिस घर में श्रद्धा भाव से गणेश जी की पूजा की जाती है, वहां भगवान गणेश अपनी पत्नियों रिद्धि और सिद्धि सहित निवास करते हैं.
गणेश जी का जन्म
गणेश जी को प्रथमपूज्य कहा गया है क्योंकि यह सांसारिक ही नहीं आध्यात्मिक मार्ग में आने वाली बाधाओं को भी दूर करते हैं. गणेश जी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं. उनके जन्म की कथा भी बहुत रोचक है.
एक बार भगवान शिव कैलाश पर्वत से किसी कारण कहीं चले गये. मां पार्वती ने स्नान करने से पहले अपने तप के प्रभाव से एक बालक को पैदा किया और उसे पहरे पर बैठा कर स्नान करने चली गई. मां पार्वती ने आदेश दिया कि कोई भी आज जाये उसे अंदर आने देने की आज्ञा नहीं है.
मां पार्वती ने इस मानस पुत्र को नाम दिया—गणेश. संयोगवश उसी वक्त भगवान शिव कैलाश लौट आये. भगवान शिव ने जब अंदर जाने का प्रयास किया तो गणेश ने उन्हें अंदर जाने से रोका.
भगवान शिव ने इस बालक को देखा तो उसे अपना परिचय दिया और अंदर जाने लगे. गणेश ने कहा कि मां पार्वती ने आदेश दिया है कि कोई भी अंदर नहीं जा सकता. गणेश के प्रतिवाद से भगवान शिव नाराज हो गये और उन्होंने अपने त्रिशूल से बालक गणेश की गरदन काट दी.
बाहर शोर सुनकर मां पार्वती बाहर आई तो वे देखती है कि उनके पुत्र की सिर धड़ से अलग हो चुका है. मां पार्वती ने जब सारा विवरण भगवान शिव को बताया तो शिव को अफसोस हुआ.
उन्होंने मां पार्वती को आश्वासन दिया कि वे अभी जा रहे हैं और रास्ते में जो जीव सबसे पहले उन्हें मिलेगा, उसका मुख वे इस बालक को जोड़कर इसे जीवित कर देंगे. भगवान शिव को मार्ग में सबसे पहले एक हाथी मिला और भगवान शिव ने उसका मुख जोड़कर बालक गणेश को एक बार फिर से जीवित कर दिया. हाथी का मुख मिलने के कारण भगवान गणेश गजानन कहे गये.
भगवान गणेश का परिवार
भगवान गणेश की माता का नाम पार्वती और पिता भगवान शिव हैं. उनका वाहन एक मूषक है जिसका नाम डिंक है. भगवान गणेश के बड़े भाई का नाम कार्तिकेय है, जिन्हें दक्षिण भारत में अयप्पा के नाम से पूजा जाता है. गणेश जी की एक बहन का भी जिक्र आता है, जिनका नाम अशोक सुंदरी है. ऋद्धि, सिद्धि, तुष्टि, पुष्टि और श्री भगवान गणेश की पांच पत्नियां हैं.गणेश जी के 2 पुत्र लाभ और शुभ हैं तथा उनके दो पोते आमोद और प्रमोद के नाम से जाने जाते हैं.
गणेश चतुर्थी पर प्रथम पूज्य गणेश जी के 101 नाम
- मंगलमूर्ति
- मूषकवाहन
- निदीश्वरम
- विघ्नहर्ता
- शूपकर्ण
- शुभम
- सिद्धिदाता
- सिद्धिविनायक
- सुरेश्वरम
- वक्रतुण्ड
- गणपति
- गणाध्यक्ष
- लम्बकर्ण
- गौरीनंदन
- गौरीसुत
- महाबल
- लम्बोदर
- महेश्वर
- महागणपति
- बालगणपति
- अखूरथ
- भालचन्द्र
- बुद्धिनाथ
- धूम्रवर्ण
- एकाक्षर
- एकदन्त
- गजकर्ण
- गजानन
- अलम्पता
- अमित
- अनन्तचिदरूपम
- अवनीश
- अविघ्न
- भूपति
- भुवनपति
- बुद्धिप्रिय
- बुद्धिविधाता
- चतुर्भुज
- देवादेव
- देवांतकनाशकारी
- देवव्रत
- देवेन्द्राशिक
- धार्मिक
- द्वैमातुर
- ईशानपुत्र
- गदाधर
- गणाध्यक्षिण
- एकदंष्ट्र
- गुणिन
- हरिद्र
- हेरम्ब
- कपिल
- कवीश
- कृपाकर
- कृष्णपिंगाश
- क्षेमंकरी
- मनोमय
- मृत्युंजय
- मूढ़ाकरम
- मुक्तिदायी
- नादप्रतिष्ठित
- नमस्थेतु
- नन्दन
- सिद्धार्थ
- पीताम्बर
- प्रमोद
- पुरुष
- रुद्रप्रिय
- सर्वदेवात्मन
- सर्वसिद्धांत
- सर्वात्मन
- ओमकार
- शशिवर्णम
- विघ्नेश्वर
- विकट
- विनायक
- विश्वमुख
- विश्वराजा
- यज्ञकाय
- यशस्कर
- यशस्विन
- सिद्धिप्रिय
- उमापुत्र
- वरगणपति
- वरप्रद
- वरदविनायक
- वीरगणपति
- विद्यावारिधि
- विघ्नहर
- गजाननेति
- विघ्नविनाशन
- विघ्नराज
- विघ्नराजेन्द्र
- विघ्नविनाशाय
- शुभगुणकानन
- योगाधिप
- सुमुख
- स्कन्दपूर्वज
- तरुण
- गणेश
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