महाकालेश्वर मंदिर का पौराणिक महत्त्व, दर्शन, भस्म आरती – Mahakaleshwar Mandir in Hindi

महाकालेश्वर मंदिर Mahakaleshwar Mandir information in Hindi

महाकालेश्वर मंदिर देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है। यह मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित है। ऐसा माना जाता हैं कि महाकाल के दर्शन मात्र से भक्त सारे पापों से मुक्त जाते हैं। इस मंदिर की विशेषता हैं शिवलिंग का दक्षिणमुखी होना। ज्योतिर्लिंग वो जगह है जहाँ भगवान शिव प्रकाश के रूप में प्रकट हुए थे।

ऐसा माना जाता है कि भगवान् शिव एक राक्षस का वध करने के बाद इस स्थान पर बस गए थे। सभी 12 ज्योर्तिलिंगों में से सिर्फ महाकालेश्वर ही दक्षिणमुखी हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार मंदिर की स्थापना द्वापर युग में हुई थी। 1728 में मराठों ने मालवा क्षेत्र पर जीत हासिल की और मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया। वर्तमान मंदिर का निर्माण राणौजी शिंदे द्वारा लगभग 170 साल पहले करवाया गया था।

उज्जैन में कोई भी राजा रात क्यों नहीं रुकता?

महाकाल को उज्जैन का राजा माना जाता है। रियासत काल में यही मान्यता रही है कि राजपरिवार उनके आदेश से उज्जैन पर शासन करता रहा है। यह माना गया है कि उज्जैन में दो राजा रात नहीं बिता सकते। क्योंकि महाकाल पहले से ही राजा के रूप में वहां विराजमान है, इसलिए किसी दूसरे राजा को वहां रुकने की अनुमति महाकाल की तरफ से नहीं है।

अगर कोई दूसरा राजा वहां रुकता है तो उस पर विपदाएं आ सकती है। इसी वजह से सिंधिया घराने का कोई भी व्यक्ति वहां रात में नहीं रुकता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भी एक तरह से प्रदेश के राजा होते हैं इसलिए रात होने से पहले उज्जैन से निकल जाते हैं।

महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती क्यों होती है? Bhasm Aarti Kya Hai

मंदिर की सबसे विशेष आरती भस्म आरती है। इसके पीछे एक मान्यता यह है कि उज्जयिनी नगरी में एक समय राजा चन्द्रसेन राज किया करता था। एक बार राज्य पर दूसरे राजा रिपुदमन ने हमला दिया और दूषण नाम के राक्षस के द्वारा जनता को परेशान करना शुरू कर दिया। राजा ने भगवान् शिव की आराधना करके उनसे सहायता मांगी। भगवान शिव ने मदद करना स्वीकार किया और दूषण राक्षस को मार दिया। उसे मारने के बाद भगवान् शिव ने राक्षस की भस्म से श्रृंगार किया और वहीं बस गए। इस प्रकार महाकालेश्वर का भस्म से श्रृंगार प्रारम्भ हुआ।

कैसे करें भस्म आरती के लिए बुकिंग Bhasm Aarti Online Booking

आज भी प्रतिदिन महाकाल की भस्म आरती होती है। इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग नीचे लिखे लिंक पर क्लिक करके करवाई जा सकती हैं। बुकिंग का समय सुबह 8 बजे से रात के 9 बजे तक होता है।

http://dic.mp.nic.in/ujjain/mahakal/Bhasmarti/calender.aspx?section_name=Bhasmarti%20Booking

महाकालेश्वर के दर्शन कैसे करें Mahakaleshwar Online & VIP Darshan

Mahakaleshwar VIP Darshan मंदिर में दर्शन का समय सुबह 3 बजे से लेकर रात 11 बजे तक रहता है। भक्तजन वहां जाकर आसानी से बाबा के दर्शन कर सकते हैं। सोमवार के दिन भीड़ कुछ ज्यादा रहती हैं। इसी लिए मंदिर में VIP दर्शन की व्यवस्था भी है। मंदिर के बाहर बने काउंटर से VIP टिकट लिया जा सकता है। टिकट की मूल्य 250 रूपये प्रति व्यक्ति है।

Mahakaleshwar Online Darshan इसके अतिरिक्त ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था भी हैं। बाबा महाकाल के ऑनलाइन दर्शन नीचे लिखे लिंक पर क्लिक करके किए जा सकते हैं।

http://dic.mp.nic.in/ujjain/mahakal/default.aspx

सिंहस्थ पर्व का आयोजन Singhast Kumbh Mela

12 वर्ष में एक बार उज्जैन में सिंहस्थ पर्व का आयोजन किया जाता था। देश विदेश से श्रद्धालु, संत सन्यासी शिप्रा नदी में स्नान करने आते हैं। ऐसे में प्रशासन की तरफ से विशेष व्यवस्थाएं की जाती है। उज्जैन के अलावा हरिद्वार, प्रयाग और नासिक में प्रत्येक 4 वर्ष के बाद इस तरफ के पर्व का आयोजन होता है। इस प्रकार एक स्थान का नंबर 12 वर्षों में एक बार आता है।

पौराणिक मान्यता है कि जब देवताओं और राक्षसों ने मिलकर समुद्र का मंथन किया तब उन्हें अमृत की प्राप्ति हुई। देवराज इन्द्र के पुत्र जयंत अमृत को लेकर भागने लगे और सारे राक्षस उनके पीछे लग गए। इस दौरान अमृत की कुछ बूंदे गिर कर उज्जैन, हरिद्वार, प्रयाग और नासिक में जा गिरी। इसलिए इन स्थानों पर प्रत्येक चार वर्षों में पर्वों का आयोजन होता है।

महामृत्युंजय मंत्र Mahamrityunjay Mantra in Hindi

भगवान् महाकाल के दर्शन मात्र से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चांडाल का, काल उसका क्या करे, जो भक्त है महाकाल का। भगवान् महाकाल का महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है –

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

12 ज्योर्तिलिंगों के नाम 12 Jyotirling ke Naam

  1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात
  2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश
  3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश
  4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश
  5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड
  6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
  7. विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश
  8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
  9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड
  10. नागेश्वल ज्योतिर्लिंग, गुजरात
  11. रामेश्वर ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु
  12. घृष्‍णेश्‍वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र

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