Naukuchiatal Nainital Hill Station in Hindi नैनीताल नौकुचियाताल की सैर

Nainital places to visit  नौकुचियाताल नैनीताल की यात्रा

नैनीताल के दर्शनीय स्थल की बात करें तो नौकुचियाताल जैसी झीलें नैनीताल की सैर पर आने वाले सैलानियों के लिए आकर्षण का मुख्य केन्द्र हैं. यहां नैनीताल के अलावा, भीमताल, सातताल और नौकुचियाताल ऐसी बड़ी झीलें हैं, जिनका नैसर्गिक सौंदर्य देखते ही बनता है. आज नौकुचियाताल की झील की सैर पर चलते हैं.

आज नैनीताल में hotels, shops और अन्य निर्माणों के कारण कंक्रीट के जंगल तैयार हो गए हैं. Tourist Season में नैनीताल में वाहनों की लम्बी कतारों से जाम लगना और Mall Road पर भारी भीड़ लगना आम बात हो चुकी है, वहीं नौकुचियाताल की झील की सुंदरता, यहां की हरियाली और प्राकृतिक खूबसूरती अब भी आपका मन मोह लेगी.

अगर आप प्रकृति की गोद में घंटों एकांत में बैठना चाहते हैं, तो नौकुचियाताल पहुंच कर आपके मुंह से बरबस ही निकल पड़ेगा कि अरे, यही वो जगह है, जिसकी मुझे तलाश थी.

About Naukuchiatal नौकुचियाताल के बारे में

नौ कोने होने के कारण इस झील को नौकुचियाताल का नाम दिया गया है. यह झील समुद्र तल से 3969 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह झील 983 मीटर लम्बी, 693 मीटर चौड़ी और 175 फीट गहरी है.

नैनीताल की झील में गर्मियों में पानी कम हो जाता है, जबकि इस झील में पानी का स्तर साल भर करीब-करीब एक जैसा ही रहता है. कहा जाता है कि पानी का कोई प्राकृतिक स्रोत इस झील के अंदर खुलता है, जिससे इस झील में पानी की कभी कमी नहीं होती.

एक और किंवदंती के अनुसार, जमीन पर खड़े होकर अगर कोई झील के सभी नौ कोने एक साथ देख लेता है, तो उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है.

Best way to reach Naukuchiatal नौकुचियाताल कैसे पहुंचें

नौकुचियाताल नैनीताल से करीब 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. नैनीताल से नौकुचियाताल आने-जाने के लिए टैक्सियों के अलावा दिनभर में दो-तीन बार सरकारी बसों की भी सुविधा है.

नैनीताल से वाया भवाली, भीमताल होकर नौकुचियाताल आना होता है. भवाली Bhawali और भीमताल Bhimtal से sharing taxi भी मिल जाती हैं. Public transport ना सिर्फ सस्ता होता है, बल्कि आपको स्थानीय लोगों से मिलने, उनसे बात करने और उनके जीवन तथा संस्कृति को समझने का भी मौका उपलब्ध कराता है.

निजी टैक्सी में बैठकर किसी स्थान का भ्रमण करना एक कांच की दीवार glass ceiling  के पीछे छुपे रहने की तरह होता है, जिसके आर-पार हम देख तो पाते हैं लेकिन महसूस नहीं कर पाते. वैसे यह अपनी पसंद और सुविधा पर निर्भर करता है.

कुमाऊं की तलहटी में स्थित आखिरी रेलवे स्टेशन Kathgodam to Naukuchiatal काठगोदाम से नौकुचियाताल  की दूरी करीब 26 किलोमीटर है. काठगोदाम से नौकुचियाताल आने के लिए वाया भीमताल आना होता है, नैनीताल जाने की जरूरत नहीं होती.

इसलिए जिन लोगों को एकांत और प्रकृति के करीब रहना अच्छा लगता है, उनके लिए नौकुचियाताल एक अच्छा weekend destination है. खास बात यह है कि दिल्ली, लखनऊ जैसे बड़े शहरों से यहां की दूरी भी अधिक नहीं है.

Best time to visit Naukuchiatal नौकुचियाताल का मौसम

नौकुचियाताल में मार्च से जून के महीने तक अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है. लेकिन झील के पानी को छूकर आती ठंडी हवा हमारे अंदर एक नई उमंग और ताजगी भर देती है.

सितम्बर तक मानसून का मौसम रहता है. यात्रा की कठिनाइयों और भूस्खलन की समस्या के चलते लोग मानसून के मौसम में पहाड़ों का रुख कम ही करते हैं. हालांकि, अच्छी बरसात के बाद पहाड़ सजी-संवरी दुल्हन की तरह नजर आते हैं.

झील में गिरती बारिश की बूंदों से उठती तरंगों को देखने का अपना अलग ही मजा है. सर्दी के मौसम में यहां तापमान शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस तक रहता है. इसलिए सर्दियों में यहां घूमने की प्लानिंग करें तो पर्याप्त गर्म कपड़े ले जाना नहीं भूलें.

Best Places to Stay in Naukuchiatal कहां ठहरें

नौकुचियाताल शांत और सुरम्य स्थान है, फिर भी यहां ठहरने के लिए कुछ अच्छे Resort, Hotels और Homestay आपको मिल जाएंगे. झील के किनारे स्थित रिसॉर्ट्स में ठहरने का अलग ही आनंद है। इसके अलावा 5 किमी दूर भीमताल Bhimtal में ठहरने के लिए बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं.

Naukuchiatal lake  नौकुचियाताल की झील

     नौकुचियाताल आने वाले पर्यटकों के लिए सबसे खास आकर्षण यहां की झील ही है. इस झील में किनारों पर पानी के बीच झूलती पेड़ों की डालियां, उन पर अठखेलियां करते बंदरों को देखकर तथा पक्षियों का कलरव सुनते हुए आपको जन्नत का सा एहसास होगा. कहा जाता है कि इस झील का निर्माण परमपिता ब्रह्मा की कठोर तपस्या के कारण हुआ था. झील के पास ही ब्रह्मा जी का एक छोटा सा मंदिर भी है.

Activities in Naukuchiatal झील में बोटिंग का आनंद

अगर आप झील की खूबसूरती और आस-पास की हरियाली के बीच relax करना चाहते हैं, तो शिकारा बोट में बैठकर झील में boating के लिए निकल जाएं. आधे घंटे के चक्कर में शिकारे वाले आपको झील के बीच तक ले जाकर वापस ले आते हैं, जबकि एक घंटे के चक्कर में आप झील के सभी कोनों की पूरी सैर कर सकते हैं.

बोट स्टैंड या बोट पर बैठकर एक जगह से आप पूरी झील को नहीं देख सकते, इसलिए आनंद तो झील का पूरा चक्कर लगाने में ही आता है. ताल के कई कोने होने के कारण अक्सर झील के कुछ हिस्से में बारिश हो रही होती है और दूसरा हिस्सा शांत होता है, ऐसा नजारा देखना अपने आप में अलग ही अनुभव होता है. अगर छोटे बच्चे या बुजुर्ग साथ नहीं है तो आप पेडल बोट्स पर भी झील की सैर कर सकते हैं.

What to do in Naukuchiatal और क्या करें

नौकुचियाताल की झील में आजकल कयाकिंग kayaking करना भी पर्यटक खासकर युवाओं का पसंदीदा adventure बन गया है. कयाकिंग में डोंगी-नुमा बोट को दो ब्लेड वाले चप्पू के सहारे चलाया जाता है. यहां बच्चे और बड़े जॉर्बिंग water zorbing का भी खूब लुत्फ उठाते हैं.

water zorbing में पारदर्शी रंग की बड़ी सी गेंद में बैठकर पानी की सतह पर इसे लुढ़काया जाता है.  इसके अलावा झील के किनार rope के सहारे lake crossing जैसी कई adventure activities भी अब शुरू हो गई हैं.

Adventure activities in Naukuchiatal एडवेंचर एक्टिविटीज

नौकुचियाताल paragliding के लिए भी पर्यटकों मे बहुत लोकप्रिय है. कृत्रिम पंखों के सहारे हरी-भरी वादियों का bird’s eye view  देखना किसे नहीं लुभाएगा. झील में fishing पर यूं तो रोक है, लेकिन फिर भी कुछ उत्साही लोग यहां मछलियां पकड़ते हुए दिख जाएंगे.

नौकुचियाताल क्षेत्र में बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी भी प्रवास करने आते हैं. इसलिए bird watching में रुचि रखने वालों के लिए भी यह स्थान आकर्षण का केन्द्र है.

What to see in Naukuchiatal अन्य दर्शनीय स्थल

नौकुचियाताल में प्रवेश करने से कुछ ही पहले हनुमान मंदिर भक्तों के लिए एक आकर्षक स्थान है. यहां बजरंग बली की 52 फीट ऊंची प्रतिमा दूर से ही हमारा ध्यान खींच लेती है. मंदिर परिसर से पहाड़ों और घाटियों पर सीढ़ीदार खेतों का शानदार नजारा दिखाई देता है.

यहां माता वैष्णो देवी की कृत्रिम गुफाएं भी बनी हुई हैं. नौकुचियाताल की यह सैर आपको कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर बताना मत भूलिएगा. नैनीताल की यात्रा के क्रम में अगली बार भीमताल और उसके आस-पास के दर्शनीय स्थलों की चर्चा करेंगे.

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