लक्ष्मीजी की आरती की महिमा – Laxmi Mata Aarti in Hindi
लक्ष्मीजी की आरती – दिवाली पूजा करे तो माँ लक्ष्मीजी की आरती जरूर गानी चाहिए और साथ ही माँ के 101 नाम का उच्चारण करना चाहिए ,इससे माँ प्रसन्न होती है और घर में सुख – समृद्धि आती है.
क्यों विशेष है लक्ष्मीजी की आरती?
लक्ष्मी जी धन और समृद्धि की देवी हैं. साथ ही वे विश्व के पालक भगवान विष्णु की सहधर्मिणी भी हैं. उनको प्रसन्न करने वाले को धन के साथ ही वैकुण्ठ में निवास करने का सौभाग्य मिलता है. वैकुण्ठ के वास को स्वर्ग के वास से भी श्रेष्ठ माना गया है. मां लक्ष्मी जिसकी अराधना से प्रसन्न हो जाती है वह अंत मे वैकुण्ठ में मां के चरणों में स्थान पाता है. मां लक्ष्मी जी की आरती उन्हें प्रसन्न करने का सबसे सरल माध्यम है. मां की आरती उनके वैभव और गुणों का बखान है और जो भी इसे पूरे मन से गाता है, मां उसकी अरदास अवश्य सुनती है.
लक्ष्मी जी का आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय…
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय…
तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता ।
जोकोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय…
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय…
जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय…
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ॐ जय…
शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ॐ जय…
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ॐ जय…
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