कम्प्यूटर पर ज्यादा बैठने से हो सकता है सर्वाइकल स्पॉन्डेलाइसिस
सर्वाइकल स्पॉन्डेलाइसिस – आज के इस दौड़भाग की जिंदगी में लोग लैपटॉप या कम्प्यूटर का इस्तेमाल बहुत ज्यादा कर रहे हैं. वयस्क से लेकर बच्चे तक भी इस नई तकनीक से अछूते नहीं है. कम्प्यूटर के सामने लगातार बैठने से उन्हें यह ध्यान नहीं रहता कि उनके सर्वाइकल वर्टिब्रा (cervical vertebrae) किस पोजीशन में जा रही है. प्रापर पोजिशनिंग न होने की वजह से नेक पेन की समस्या देखने को मिलती है.
क्या लक्षण है सर्वाइकल स्पॉन्डेलाइसिस के? (Symptoms of Cervical Spondylosis)
सवाईकल स्पॉन्डेलाइसिस (Cervical Spondylosis) में गर्दन में दर्द, चक्कर आना और उल्टी आना आम बात है. जब यह बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो नसों में दबाव पड़ने से हाथ में भी दर्द होने लगता है और झनझनाहट महसूस होती है. दर्द इतना बढ़ जाता है कि सर्जरी तक की नौबत आ जाती है.
यह भी पढ़े:
फिजियोथैरेपी से करें सवाईकल स्पॉन्डेलाइसिस का निदान (Treatment of Cervical Spondylosis)
फिजियोथैरेपी में हम इंटरमिटेंट सर्वाइकल ट्रैक्शन देते हैं और उसके बाद जहां दर्द होता है वहां अल्ट्रासोनिक थैरेपी का प्रयोग होता है जिससे दर्द में काफी आराम मिलता है. इसके बाद सर्वाइकल एक्सरसाइजेज करवाते हैं. इसमें मुख्यत: सर्वाइकल फ्लैक्सर्स की स्ट्रेचिंग और रोटेशन करवाते हैं. साथ ही आइसो मैट्रिक एक्सरसाइज देते हैं. आखिर में हॉट वाटर फर्मेंटेशन का भी उपयोग करते हैं. साथ ही मरीज को अर्गोनॉमिक्स में बदलाव लाने की सलाह देते है. अर्गोनॉमिक्स में कुर्सी, टेबल और कम्प्यूटर की पोजिशनिंग समझाई जाती है. इस समस्या से जूझ रहे लोगों को सलाह दी जाती है कि वे किसी अनुभवी फिजियोथैरेपिस्ट के सहयोग और देख—रेख में इन उपायों को अपनाएं.
(डॉ. रंजीता आनंद प्रोफेशनल फीजियोथेरेपिस्ट हैं. इनसे [email protected]पर संपर्क किया जा सकता है.)
यह भी पढ़े: