वैष्णो देवी यात्रा का सबसे अच्छा समय
Best Time To Go On Vaishno Devi Yatra
माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा Vaishno Devi Holy Shrine जाकर माता के दर्शन के लिए अगस्त August से अक्टूबर October का महीना सबसे बेहतर समय है।
यूं तो वैष्णो देवी दर्शन साल भर ही खुले रहते हैं लेकिन मार्च March महीने से यहां श्रद्धालुओं का आना बढ़ जाता है। हिमालय Himalaya की त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित इस गुफा में पिण्डी स्वरूपा देवियों के दर्शन के साथ प्रकृति के बीच जाने के लिए अगस्त से अक्टूबर महीनों का ठण्डा और सुहावना समय उपयुक्त है।
ऐसे पहुंचें वैष्णो देवी मंदिर
How To Reach Vaishno Devi Temple
माता वैष्णो देवी मंदिर जाने के लिए सबसे पहले जम्मू तवी रेलवे स्टेशन Jammu Tawi Railway Station पहुंचना पड़ता है। अब कटरा भी रेल सेवा से जुड़ गया है। कटरा का श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन के लिए दिल्ली सहित देश के कई बड़े शहरों से सीधी ट्रेनें संचालित होती हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से रेल, सड़क और हवाई मार्ग से यहां पहुंचा जा सकता है। मुम्बई, दिल्ली एवं जयपुर सहित कई शहरों से जम्मू के लिए डेली फ्लाइट हैं।
यात्रा के लिए पहुंचें बेस कैम्प कटरा
Reach Base Camp Katra To Start Yatra
जम्मू से 51 किलोमीटर दूर माता वैष्णो यात्रा बेस कैम्प Base Camp कटरा से ही माता वैष्णो मंदिर की यात्रा शुरू होती है। टैक्सी या स्वयं के वाहन से कटरा जाने वाले यात्री जम्मू नहीं जाना चाहें तो जम्मू से 10 किलोमीटर पहले ही कुंजवानी Kunjwani से कटरा के लिए बायपास लिया जा सकता है। जम्मू से कटरा जाने के लिए भी 15 से 20 मिनट के अंतराल से बसें उपलब्ध हो जाती हैं।
यात्रा से पहले और यात्रा के बाद ठहरने के लिए यहां सामान्य से विशेष सुविधाओं वाले हाॅटेल, लाॅज, धर्मशाला आदि उपलब्ध हैं। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा कटरा बस स्टैण्ड के पास ही संचालित निहारिका काॅम्पलेक्स Niharika Complex और शक्ति भवन Shakti Bhawan में भी सामान्य दरों पर एसी और नाॅन-एसी कमरों में रुका जा सकता है। माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर में भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निशुल्क एवं सामान्य दरों पर विश्राम भवनों में रुकने की व्यवस्था है।
12 किलोमीटर लम्बा है वैष्णो मंदिर ट्रेक
12 KM Long Vaishno Devi Track
कटरा से वैष्णो देवी मंदिर तक जाने के लिए कटरा से 12 किलोमीटर लम्बा ट्रेक पूर्ण सुविधाओं से युक्त है। कटरा से अर्धकुंवारी तक पहुंचने का एक ही रास्ता है। अर्धकुंवारी से माता के भवन तक पहुंचने के दो रास्ते हैं। नया रास्ता अर्धकुंवारी से ठीक पहले इंद्रप्रस्थ व्यू पॉइंट से शुरू होता है। यह रास्ता 500 मीटर छोटा और कम भीड़भाड़ वाला है। बुजुर्ग एवं शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए नए मार्ग पर बैट्री वाहन भी चलाए जाते हैं। जिन्हें पैदल चलने में तकलीफ है वे पुराने मार्ग से घोड़ों-खच्चरों पर या पालकियों-डोलियों में बैठकर भी यात्रा पूरी कर सकते हैं। हिमालय की वादियों का आनन्द उठाने के लिए जहां तक सम्भव हो पैदल ही जाना चाहिए।
एडवासं नहीं कराएं यात्रा रजिस्ट्रेशन
Dont Make Registration In Advance
कटरा से वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा शुरू करने से पहले कटरा में अपनी यात्रा का रजिस्ट्रेशन कराना नहीं भूलें। कटरा बस स्टैण्ड पर स्थित यात्री रजिस्ट्रेशन काउंटर पर रजिस्ट्रेशन करवा कर अपनी यात्रा पर्ची जरूर लें। इस पर्ची के अभाव में बाणगंगा से ही यात्री का वापस लौटना पड़ेगा। हमेशा ध्यान रखें कि यात्रा पर्ची यात्रा शुरू करने से पहले ही लें ना कि एडवांस में क्योंकि पर्ची कटने के 6 घंटे में यात्री को 1.5 किलोमीटर दूर स्थित पहली चेक पोस्ट बाणगंगा तक पहुंचना होता है। किसी दुर्घटना की स्थिति में इस यात्रा पर्ची से यात्री का बीमा कवर भी मिलता है।
सांझी छत तक है हेलीकाॅप्टर सुविधा
Heli Service Upto Sanjhi Chhat
कटरा से वैष्णो देवी जाने के लिए सांझी छत तक हेलीकाॅप्टर की सुविधा मौजूद है। सांझी छत स्थित हेलीपेड पर उतरने के बाद भी वैष्णो देवी मंदिर भवन तक लगभग 2.5 किलोमीटर पैदल चलकर जाना होगा। हेलीकाॅप्टर सर्विस की करंट बुकिंग से पहले यात्री रजिस्ट्रेशन की पर्ची होना जरूरी है और साथ ही हेलीकाॅप्टर में यात्रा करने वाले यात्रियों के परिचय पत्र भी। एक ओर की हेलीकाॅप्टर सुविधा की दर श्राइन बोर्ड द्वारा 1077 रुपए निर्धारित की हुई है। हालांकि दो साल से कम उम्र के बच्चों का टिकट आवश्यक नहीं है।
दर्शनी दरवाजा से पवित्र गुफा की यात्रा
Yatra From Darshni Darwaja To Holy Cave
जय माता दी के जयकारों के बीच पवित्र गुफा के लिए कटरा से लगभग 12 किलोमीटर की यात्रा दैवीय अनुभूति के साथ-साथ नैसर्गिक अनुभूति प्रदान करने वाली है। इस यात्रा की शुरूआत कटरा में दर्शनी दरवाजा से शुरू होती है। कहते हैं माता वैष्णो देवी ने यहीं पंडित श्रीधर को कन्या के रूप में दर्शन दिए थे। यहां से त्रिकुटा पर्वत का पूरा और मनोहारी दृश्य भी दिखाई देता है।
बाणगंगा : यात्रा का पहला पड़ाव
Banganga : First Halt of Yatra
वैष्णो माता मंदिर की यात्रा में दर्शनी दरवाजे के बाद सबसे पहला पाॅइंट आता है बाणगंगा। पौराणिक गाथाओं के अनुसार माता वैष्णो देवी ने लंगूर वीर को प्यास लगने पर अपने बाण से जमीन भेदी जहां से बाणगंगा अवतरित हुई।
चरण पादुका : देवी का प्राचीन मंदिर
Charan Paduka : An Antiquated Temple
बाणगंगा से लगभग सवा किलोमीटर दूर चरण पादुका का प्राचीन मंदिर है। पौराणिक कथाओं में कहा जाता है कि माता वैष्णो अपना पीछा करते भैंरोनाथ को देखने के लिए यहां रुकी और यहां माता के चरण चट्टान पर उभर गए। यहां श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए एक मेडिकल यूनिट स्थापित कर रखी है।
अर्धकुंवारी : यात्रा का मिड पॉइंट
Ardhkunwari : Mid Point Of Yatra
यहां गर्भ की आकृति की एक गुफा में माता वैष्णो ने भैंरोनाथ से छुपने के लिए नौ महीने भगवान शिव की पूजा एवं तपस्या की थी और भैंरोनाथ को पता चलने पर माता ने अपने त्रिशूल से गुफा में दूसरा रास्ता बना डाला था। कटरा से 6 किलोमीटर दूर यह स्थान यात्रा का मिड पाॅइंट Mid-Point है।
हिम कोटी : त्रिकुटा का व्यू पॉइंट
Himkoti : View Point of Trikuta
नए बनाए गए मार्ग पर यात्रा का अगला पड़ाव अर्धकुंवारी से पौने तीन किलोमीटर दूर हिम कोटी है। यहां से त्रिकुटा की घाटी का मनोहारी दृश्य हर यात्री को कुछ देर के लिए रोक ही लेता है। यात्रा के बीच आराम करने तथा हल्के-फुल्के खान-पान के लिए यह सबसे बढ़िया जगह है। प्रकृति को निहारने के लिए यहां व्यूपाॅइंट भी बने हैं जहां से फोटोग्राफी Photography भी की जा सकती है।
सांझी छत : यात्रा का सबसे ऊंचा स्थान
Sanjhi Chhat : Highest Point Of Yatra
समुद्रतल से 6200 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक छोटा सा पठार सांझी छत माता वैष्णो देवी यात्रा का सबसे ऊंचा स्थान है। यहां से माता वैष्णो देवी भवन मात्र 2 किलोमीटर दूर रह जाता है। यहीं हेलीपेड है जहां हेलीकाॅप्टर से आने वाले यात्रियों को उतरना पड़ता है। श्राइन बोर्ड ने इस स्थान का काफी विकास किया है और यात्रियों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यहां 24 बेड का हाॅस्पिटल भी विकसित किया गया है।
पवित्र गुफा : जहां भैंरोनाथ का सिर अलग किया
Holy Cave : Where Devi Beheaded Bhairo Nath
यात्रा के अंतिम पड़ाव पवित्र गुफा में माता तीन पिण्डियों महा काली, महा लक्ष्मी और महा सरस्वती के रूप में प्रकट होती हैं। श्रद्धालु दर्शन के लिए कतार में लगने से पहले यहां स्थित स्नान घाटों पर स्नान करते हैं। इसी पवित्र गुफा के बाहर वैष्णवी को भैंरोनाथ ने आद्यकुमारी के बाद पुनः खोज कर ललकारा था जिसके बाद वैष्णवी ने अपना दैवीय रूप धरा और भैंरोनाथ का सिर धड़ से अलग कर दिया। देवी की खड़ग का वार इतना तेज था कि भैंरोनाथ का सिर डेढ़ किलोमीटर दूर पहाड़ी के दूसरे स्कंध पर जा गिरा। इसी स्कंध पर आज भैंरो मंदिर है जिसके दर्शन करने पर ही माता वैष्णो देवी की यात्रा पूरी मानी जाती है।
इन बातों का रखें ध्यान
Do’s and Don’ts
- कटरा में यात्री रजिस्ट्रेशन काउंटर से निःशुल्क यात्रा पर्ची लेना नहीं भूलें।
- हाई ब्लड प्रेशर, दिल और अस्थमा के मरीज यात्रा से पहले अपने डाॅक्टर की अनुमति जरूर लें।
- हेलीकाॅप्टर सर्विस एवं माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड के विश्राम भवनों एवं यात्रा पर्ची की आॅनलाइन बुकिंग वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की आॅफिशियल वेबसाइट www.maavaishnodevi.org से ही कराएं।
- कुलियों, टट्टूवालों, पालकीवालों आदि की सेवाएं लेने से पहले उनका रजिस्ट्रेशन कार्ड जरूर देखें और कार्ड का नम्बर नोट कर लें।
- हेलीकाॅप्टर सर्विस की करंट बुकिंग के लिए रेल, बस, टैक्सी, एयरोप्लेन आदि के यात्रा दस्तावेज जरूर साथ रखें।
- भवन पहुंचने पर दर्शन के लिए अपनी यात्रा पर्ची पर ग्रुप नम्बर जरूर ले लेवें।
- कटरा से पवित्र गुफा की यात्रा के लिए अधिक सामान साथ में नहीं ले जाएं।
- ठण्डे मौसम से बचने के लिए ऊनी कपड़े और बारिश से बचने का साधन जरूर साथ रखें।
- कम्बल साथ नहीं ले जाएं, ये बहुत किफायती दरों पर मंदिर परिसर में आसानी से किराए पर मिलते हैं।
- खाने पीने का सामान साथ नहीं रखें क्योंकि पूरे ट्रेक पर खाने पीने का सामान उपलब्ध है।
- नवरात्र के समय दर्शन में अधिक समय लग सकता है, यात्रा की योजना इसके अनुसार ही बनाएं।
- भूस्खलन आशंकित स्थानों के पास आराम नहीं करें।
- आॅनलाइन सेवाओं सम्बंधी पूछताछ के लिए टेलीफोन नम्बर 01991-232887 और ई-मेल आईडी [email protected] पर सम्पर्क करें।
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