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सदाबहार छठ पूजा गीत
छठ पूजा गीत का छठ पूजा में बहुत महत्व है. यह गीत भगवान सूर्य की प्रशंसा और छठी मईया की महिमा में गाये जाते हैं. भोजपूरी छठ गीतों को लेकर अब बहुत नये प्रयोग हो रहे हैं.
परम्परागत तौर कुछ विशेष छठ गीत है जिनका प्रयोग भोजपुरी गायको ने किया है. पुरानी परम्परा में शारदा सिन्हा के छठ गीत और अनुराधा पौंडवाल के छठ गीत बहुत लोकप्रिय है.
नये गायकों में खेसारी लाल का छठ गीत, पवन सिंह का छठ गीत और निरहुआ के छठ गीत बहुत लोकिप्रय हो रहे हैं. हम यहां प्रमुख रूप से लोकप्रिय भोजपूरी छठ गीत दे रहे हैं.
काच्चे ही बांस के बहंगिया
काच्चे ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाए
होए ना बलम जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाए
कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाए
बाट जे पूछे ना बटोहिया,
बहंगी केकरा के जाय,
तू तो आंध्र होवे रे बटोहिया,
बहंगी छठ मैया के जाए,
वह रे जे बाड़ी छठी मैया ,
बहंगी उनका के जाए,
कांच ही बांस के बहंगिया
बहंगी लचकत जाए,
होए ना देवर जी कहरिया ,
बहंगी घाटे पहुंचाई ,
वह रे जो बाड़ी छठी मैया
बहंगी उनका के जाए ,
बाटे जे पूछे ना बटोहिया
बहंगी केकरा के जाय,
तू तो आन्हर होय रे बटोहिया
बहंगी छठ मैया के जाए ,
वह रे जय भइली छठी मैया ,
बहंगी उनका के जाए,
केलवा के पात पर उगे लन सुरुजमल
केलवा के पात पर उगे लन सुरुजमल झांके – झुके।
के करेलू छठ बरतिया से झांके – झुके।
हम तोहसे पूछी बरतिया ए बरतिया के केकरा लागी,
के करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी।
हमरो जे बेटवा तोहन अइसन बेटावा से उनके लागी।
से करेली छठ बरतिया से उनके लागी।
अमरूदिया के पात पर उगे लन सुरुजमल झाके – झुके।
के करेलू छठ बरतिया से झाके – झुके।
हम तोहसे पूछी बरतिया ए बरतिया के केकरा लागी।
के करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी।
हमरो जे स्वामी तोहन अइसन स्वामी से उनके लागी।
से करेली छठ बरतिया के उनके लागी।
नारियर के पात पर उगे लन सुरुजमल झाके – झुके।
के करेली छठ बरतिया से झांके – झुके।
हम तोहसे पूछी बरतिया ए बरतिया से केकरा लागी।
के करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी।
हमरो जे बेटी तोहन बेटिया से उनके लागी।
से करेली छठ बरतिया से उनके लागी।
आठ ही के काठ के कोठरिया
आठ ही के काठ के कोठरिया हो दीनानाथ,
रूपे छाने लागल केवाड़।
ताहि ऊपर चढ़ी सुतले हो दीनानाथ,
बांझी केवडूवा धइले ठाड़।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ,
कौन संकट पडल तोहार।
पुत्र संकट पडल, मोरा हो दीनानाथ
ओहिला केवडूवा धईले ठाड़।
पुत्र संकट पडल, मोरा हो दीनानाथ
ओहिला केवडूवा धईले ठाड़।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ,
कौन संकट पडल तोहार।
नैना संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ
ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ,
कौन संकट पडल तोहार।
काया संकट पडल मोरा हो दीनानाथ,
ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
बांझीनी के पुत्र जब,
दिहले दीनानाथ खेलत-कुदत घर जात।
अन्हरा के आंख दिहले कोढ़िया के कायावा
हसत बोलत घर जात।
छठ पूजा गीत – हो दीनानाथ
सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ हे घूमइछा संसार
आन दिन उगइ छा हो दीनानाथ आहे भोर भिनसार
आजू के दिनवा हो दीनानाथ हे लागल एती बेर
बाट में भेटिए गेल गे अबला एकटा अन्हरा पुरुष
अंखिया दियेते गे अबला हे लागल एती बेर
बाट में भेटिए गेल गे अबला एकटा बाझिनिया
बालक दियेते गे अबला हे लागल एती बेर
छठ पूजा गीत – मारबो रे सुगवा
ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥
छठ पूजा गीत – पहिले पहिल, छठी मईया व्रत तोहार
पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहार।
करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार।
सब के बलकवा के दिहा, छठी मईया ममता-दुलार।
पिया के सनईहा बनईहा, मईया दिहा सुख-सार।
नारियल-केरवा घोउदवा, साजल नदिया किनार।
सुनिहा अरज छठी मईया, बढ़े कुल-परिवार।
घाट सजेवली मनोहर, मईया तोरा भगती अपार।
लिहिएं अरग हे मईया, दिहीं आशीष हजार।
पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहर।
करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार।
छठ पूजा गीत – कबहुँ ना छूटी छठि मइया
कबहुँ ना छूटी छठि मइया,
हमनी से बरत तोहार
तहरे भरोसा हमनी के,
छूटी नाही छठ के त्योहार
अपने सरन में ही रखिह,
दिह आसिस हज़ार
गोदिया भराईल छठी मइय्या,
बाटे राऊर किरपा अपार
चाहें रहब देसवा बिदेसवा,
छठ करब हम हर बार
डूबतो सुरुज के जे पूजे,
इहे बाटे हमर बिहार
फलवा दउरवा सजाके,
अईनी हम घाट पे तोहार
अईनी हम घाट पे तोहार
दिहनी अरघ छठी मईया,
करीं हमर आरती स्वीकार
कबहुँ ना छूटी छठि मइया,
हमनी से बरत तोहार
तहरे भरोसा हमनी के,
छूटी नाही छठ के त्योहार
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