Chandra Grahan in Hindi चंद्रग्रहण के प्रभाव

चंद्रग्रहण Lunar Eclipse खगोलिय विज्ञान की एक चिर—​परिचित परिघटना है. चंद्रग्रहण 16 जुलाई को है. 2019 के जुलाई माह में हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहा है. इतिहासकारो के अनुसार  गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण होना जैसी घटना 149 वर्षों बाद हो रही है. इससे पहले साल 1870 में ऐसा दुर्लभ योग हुआ था.

सरकार एजेंसी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह आंशिक चंद्रग्रहण होगा जिसे अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम उत्तर पूर्वी हिस्सों को छोड़कर देश भर में देखा जा सकेगा. चंद्र ग्रहण पूरे भारत में रात 1 बजकर 31 मिनट से दिखेगा. यह 17 जुलाई सुबह 4:31 बजे पर खत्म होगा.

कब होता है चंद्रग्रहण

खगोल विज्ञान के अनुसार, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य जब एक सीध में होते हैं तब ग्रहण होता है. सूर्य और चंद्रमा के बीच धरती आ जाती है तो उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है. यही घटना चंद्रग्रहण कहलाती है. खगोल विज्ञानियों के अनुसार, 16 जुलाई की रात लगने वाला ग्रहण इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है.

विज्ञान के नजरिये से बेहद खास है चंद्र ग्रहण

वैज्ञानिकों ने इसे हाफ ब्लड थंडर मून इक्लिप्स Half Blood Thunder Moon Eclipse नाम दिया है. खगोल विज्ञान में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए यह नजारा शानदार होगा, यह चंद्रग्रहण भारत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, एशिया और यूरोप के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा.

ज्‍योतिषाचार्य के अनुसार ग्रहण के दोषकाल वाले समय को सूतक कहा जाता है, इसलिए सूतक लगने से ग्रहण खत्म होने तक किन बातों बचना चाहिए जानने के लिए पढ़िए.

सूतक काल से चंद्र ग्रहण खत्म होने तक कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए. 
चंद्र ग्रहण के दौरान स्नान नहीं करना चाहिए. ग्रहण खत्म होने के बाद या इससे पहले स्नान कर लें.ग्रहण के दौरान अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिेए.

शास्त्रों के अनुसार, सूतक काल से लेकर ग्रहण खत्म होने तक किसी भी भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए.

चंद्रग्रहण में गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया से भी दूर रहना चाहिए क्योंकि ग्रहण की छाया का कुप्रभाव से गर्भस्थ शिशु पर पड़ने का डर रहता है, जो बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदेह होता है.

सूतक काल से ग्रहण खत्म होने तक बाहर खाना-पीना नहीं चाहिए. साथ ही इस दिन मांस-मदिरा और शराब के सेवन से करना नहीं चाहिए.
ग्रहण के दौरान स्त्री-पुरुष प्रसंग से बचना चाहिए. इस दौरान संबंध बनाना अशुभ और परलोक में कष्टकारी माना गया है. इस समय गर्भधारण से संतान पर बुरा प्रभाव पड़ता है, ऐसा शास्त्रों का मत है.

सूतक काल में किसी भी गरीब व असहाय व्यक्ति या फिर अपने मां-बाप का अपमान ना करें.चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए.

स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान करा कर उनकी पूजा करें.

कैसे देखें चंद्र ग्रहण 

चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखा जा सकता है. चंद्र ग्रहण देखने के लिए किसी खास प्रकार के चश्मे की दरकार नहीं है. घर से चंद्र ग्रहण देख सकते हैं.

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