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जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की जानकारी
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व का एक हिस्सा है. यह टाइगर प्रोजेक्ट रिज़र्व उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है. कॉर्बेट नेशनल पार्क अपने बाघों के अलावा सुंदर और नयनाभिराम दृश्यों के लिये जाना जाता है.
यहां सैलानी बाघ देखने के साथ ही सुंदर प्राकृतिक दृश्यों के बीच आराम और सुकून के कुछ पल बिताने आते हैं. जिम कार्बेट नेशनल पार्क सिर्फ वन्य जीवन के लिये ही नहीं बल्कि अपने बेहतरीन मौसम के लिये भी दुनिया भर में जाना जाता है. यहां सफारी करने के दौरान अक्सर लोग पलके झपकाना भूल जाते हैं.
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का इतिहास
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा 1936 में मिला. पहले इसे हैली नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था. यह भारत का सबसे पहला राष्ट्रीय उद्यान था.
इस उद्यान के नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज है. यहां आजाद भारत में पहली बार टाइगर प्रोजेक्ट शुरू किया. यहां 1973 में टाइगर प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई. यहां भारत के रॉयल टाइगर्स को सुरक्षित वातावरण में विचरण करते हुये देखा जा सकता है.
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की विशेषतायें
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान कुल 520 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है. पहाड़ी क्षेत्र होने के साथ ही इस इलाका वैविध्यपूर्ण् है, यहां पहाडित्रयों के अलावा दलदली क्षेत्र, नदियां, झरने और बड़ी संख्या में सुंदर झीले स्थित हैं.
यहां बाघों के अलावा भी जैव विविधता देखने योग्य है. पक्षियों की यहां 650 से अधिक प्रजातियां देखी जा सकती है. इनका कलरव कानों को बहुत सुख देता है.
यहां जमीनी जानवर भी बड़ी संख्या में पाये जाते हैं. हिरन की कई प्रजातियां यहां आसानी से देखी जा सकती है जो यहां के बाघों का मुख्य आहार है.
इसके अलावा यहां हाथी भी देखे जा सकते हैं. यहां आपको लोमड़ी, सियार और बाघ के अलावा बिल्ली प्रजाति के दूसरे छोटे सदस्य भी नजर आ जाते हैं.
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में सफारी- Corbett best Safari
जिम कॉर्बेट में सफारी सैलानियों के लिये एक न भूलने वाला अनुभव होता है. यह भारत के उन थोड़े से टाइगर रिजर्व में से एक है जहां सैलानियों को रात में रूकने और सफारी करने की इजाजत है. यह प्रकृति प्रेमियों के लिये एक अलग ही अनुभव होता है. रात का जंगल एक अलग ही रोमांच पैदा करते हैं.
यहां सफारी के लिये कई सुविधायें और क्षेत्र हैं जहां आप अपनी सुविधा और पसंद के आधार चयन कर सकते हैं. जीप और बड़ी गाड़ियों के अलावा आप यहां एलीफेंट सफारी का आनंद भी उठा सकते हैं.
जिम कार्बेट नेशनल पार्क को 5 पर्यटन क्षेत्रों में बांटा गया है. इसमें पार्क का मुख्य क्षेत्र और आस—पास का वह हिस्सा है जो बफर क्षेत्र है को शामिल किया गया है. यहां सैलानी वन्य जीवों को अपने प्राकृतिक आवास में देखकर रोमांच का अनुभव करते हैं. यहां हम इन 5 टूरिस्ट जोन की विशेषतायें बता रहे हैं.
बिजरानी सफारी ज़ोन- Best Safari Zone Corbett national park
बिजरानी सफारी जोन को अपनी प्राकृतिक सुंदरता और हरे—भरे घास के मैदानों के लिये जाना जाता है. दूर तक स्पष्ट दिखाई देने के कारण यहां जंगली जीव आसानी से देखे जा सकते हैं. ज्यादातर पर्यटक इस जोन में ही सफारी करना पसंद करते हैं. यहां आने के लिये रामनगर में ठहरा जा सकता है जो यहां से सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है.
झिरना सफारी ज़ोन
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में झिरना एक और महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र है जो साल भर पर्यटकों के लिए खुला रहता है. झिरना गेट रामनगर शहर से 16 किमी की दूरी पर स्थित है.
ढेला सफारी ज़ोन
ढेला सफारी जोन नवंबर 2014 में टाइगर रिज़र्व ज़ोन में शामिल किया गया है. यह जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक नया इको टूरिज्म ज़ोन है. यह सफारी जोन अपने समृद्ध वनस्पतियों और जीवों की वजह से बड़ी संख्या में पर्यटकों का ध्यान आकर्षित कर रहा है, जो पूरे साल खुला रहता है, जो रामनगर शहर से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
ढिकाला सफारी जोन
जिम कॉर्बेट में सबसे बड़ा और सबसे विविध क्षेत्र होने के नाते ढिकाला सफारी जोन सैलानियों की पहली पसंद है. अगर आपके पास ढेर सारा समय है जो आप इस सफारी जोन के प्राकृतिक सौंदर्य को दिन भर निहार सकते है. ढिकाला रामनगर शहर से 18 किमी दूर है। ढिकाला टूरिज्म ज़ोन के अंदर नाइट आउट करने का आनंद आपको अलग ही अनुभव देगा.
दुर्गा देवी सफारी जोन
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित दुर्गा देवी क्षेत्र पक्षी प्रेमियों के लिये आकर्षण का केन्द्र है. पूरे रिजर्व में सबसे ज्यादा पक्षी यहीं पर देखे जाते हैं.
इस स्थान पर पक्षी प्रेमी अपने आधुनिक कैमरे की मदद से स्टिल फोटोग्राफी में हाथ आजमाते देखे जा सकते हैं. दुर्गा देवी सफारी जोन रामनगर शहर से 36 किमी की दूरी पर स्थित है।
सीताबनी बफर जोन
सीताबनी जोन कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता है। यदि आप प्राकृतिक सुंदरता के शांत वातावरण के शौकीन हैं, तो सीताबनी क्षेत्र की यात्रा अवश्य करें।
कैसे पहुंचें जिम कॉर्बेट – How to Reach jim Corbett national park
रामनगर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क तक पहुंचने का सबसे अच्छा जरिया है. यह एक छोटा सा शहर है जो जिम कार्बेट के कारण महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र में तब्दील हो गया है. जिम कार्बेट आने वाले सैलानी यहीं ठहर कर कार्बेट नेशनल पार्क के वन्य जीवन और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेते हैं.
यह छोटा सा शहर भारत के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुरादाबाद, नैनीताल और बरेली से सड़क और रेल नेटवर्क द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. एक बार जब आप रामनगर पहुंचते हैं, तो कॉर्बेट नेशनल पार्क तक पहुंचने में केवल आधा घंटे लगता है. पार्क रामनगर रेलवे स्टेशन से लगभग 15 किलोमीटर दूर है.
सड़क मार्ग से
रामनगर में सड़क का बहुत अच्छा नेटवर्क है जो विभिन्न शहरों को जोड़ता है. कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 260 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. उत्तराखंड राज्य सरकार की बस सेवा दिल्ली, मुरादाबाद, हल्दवानी और नैनीताल से थोड़े समय के अंतराल पर मिलती है, जो सीधे कॉर्बेट पहुँचती है.
रेल द्वारा
रामनगर के लिये भारत के विभिन्न प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुरादाबाद और बरेली से रेलगाड़ियाँ मिलती है। रामनगर से दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन भी चलती है। आप रानीखेत एक्सप्रेस, कॉर्बेट लिंक एक्सप्रेस और काठगोदाम एक्सप्रेस सीधे रामनगर आ सकते हैं।
प्रमुख शहरों से दूरी:
दिल्ली: रामनगर (260 किलोमीटर) jim corbett national park from delhi
नैनीताल: रामनगर से वाया कालाढूंगी (62 किलोमीटर)
लखनऊ: रामनगर (436 किमी)
देहरादून: रामनगर (232 किमी)
जिम कार्बेट नेशनल पार्क जाने का सही समय कब है? jim corbett national park best time to visit
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के कुछ हिस्से तो वैसे साल भर खुले रहते हैं लेकिन बड़ा हिस्सा बरसात के दौरान बंद कर दिया जाता है. jim corbett national park weather गर्मियों में मौसम खुष्क रहने के कारण हरियाली थोड़ी कम हो जाती है लेकिन बरसात के बाद सर्दियां शुरू होते ही यहां का सौंदर्य कई गुना बढ़ जाता है.
अगर आप जंगल के साथ ही पहाड़ी सौंदर्य का आनंद उठाना चाहते हैं तो नवम्बर से फरवरी जिम कॉर्बेट को देखने का सबसे सही समय होता है.
जिम कॉर्बेट में कौनसी नदियां बहती हैं?
जिम कॉर्बेट ककी मुख्य नदी रामगंगा है. इसके अलावा आपको यहां रामगंगा की कई सहायक नदियां जैसे सोनांदी, पलेन और मंडल भी दिखाई देती है. यहां आपको कोसी नदी भी देखने को मिलती है जो यहां पानी की आपूर्ति करने वाली रामगंगा नदी के बाद दूसरा बड़ा स्रोत है.
कितने दिन में घूमा जा सकता है जिम कॉर्बेट?
अगर आप वन्य जीव प्रेमी या प्रकृति प्रेमी है तो जिम कॉर्बेट से आप लौटना ही नहीं चाहेंगे लेकिन अगर आप इस पूरी तरह देखना चाहते हैं तो कम से कम तीन जोन देख लेना ठीक रहेगा. इस तरह आप चार दिन में करीब—करीब पूरा पार्क आसानी से देख सकते हैं. यह ध्यान रहे कि आप कितनी भी कोशिश करें कुछ न कुछ अच्छा छूट ही जाने वाला है.
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