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रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की जानकारी
रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान उत्तरी भारत का सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है. ranthambore national park location in india map रणथम्भौर नेशनल पार्क दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित है, जो जयपुर से लगभग 130 किमी की दूरी पर है. आजादी से पहले यहां का जंगल जयपुर के महाराजाओं के शिकार क्षेत्रों में से एक था.
रणथम्भौर नेशनल पार्क अपने बाघों के लिये पूरी दुनिया में विख्यात है, यहां के बाघों पर अंतर्राष्ट्रीय एजेसिंयों ने डाक्यूमेंट्री बनाई है और रिसर्च किया है.
ranthambore national park flora and fauna कौन से जानवर है रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में?
रणथम्भौर वैसे तो अपने बाघों लिये विश्वविख्यात है लेकिन यहां का वन्य जीवन में बहुत समृद्ध है.
यहां बाघों के अलावा तेंदुए, धारीदार हाइना, सांभर हिरण, चीतल, नीलगाय, आम या हनुमान लंगूर, मकाक, सियार, जंगली बिल्लियाँ, भालू, काले हिरन, भारतीय जंगली सूअर, चिंकारा, टोडी कैट, डेजर्ट कैट्स, इंडियन फ्लाइंग फॉक्स, भारतीय लोमड़ी, इंडियन मोल रैट्स और नेवले पाये जाते हैं.
रेंगने वाले जीवों में दलदली मगरमच्छ, मॉनीटर छिपकली, कछुये, करैत, नाग, रसैल वाइपर और गिरगिट पाये जाते हैं.
रणथंभौर में कई प्रजाती के पक्षी भी पाये जाते हैं. एक अनुमान के अनुसार यहां पक्षियों की 272 से ज्यादा प्रजातियां देखी जा सकती हैं. मलिक तालाब, रणथंभौर किला, राजबाग तालाब, पदम तालाब और झालरा क्षेत्र पक्षियों को देखने के लिए सबसे अच्छे स्थान है.
यहां प्रमुख रूप से गूज, वुडपेकर्स, इंडियन ग्रे हॉर्नबिल्स, कॉमन किंगफिशर, बी ईटर्स, पैराकीट्स, एशियन पाम स्विफ्ट, उल्लू, कबूतर, सैंडपाइपर, गूलर, टर्न्स ग्रेट देखे जा सकते हैं.
अगर आपकी किस्मत अच्छी रही तो आपको ईगल्स, फ्लेमिंगोस, इबिस, पेलिकन, स्टॉर्क, पिट्स, कोयल, मुनिया, बुलबुल और मैना देखने को मिल सकती है.
रणथम्भौर नेशनल पार्क की वनस्पति संपदा fauna of ranthambore national park
रणथंभौर राष्ट्रीय पार्क की वन सम्पदा भी बहुत समृद्ध है. यहां की वनस्पति ज्यादातर शुष्क पर्णपाती प्रकार की है. यहां लगभग 300 प्रजातियों के पेड़ पाये जाते हैं.
यहां प्रमुख तौर पर आम, इमली, बबूल, बरगद, बेर, पलाश, जामुन, कदम, खजूर और कैर के पेड़ पाये जाते हैं. साथ ही कारेल, खेजड़ा, कीकर, महुआ और नीम भी बहुतायत में पाया जाता है.
रणथंभौर की टाइग्रेस क्वीन- मछली (टी -16)
रणथंभौर की सबसे प्रमुख और मशहूर बाघिन मछली को माना जाता है. मछली (टी -16) को ”लेडी ऑफ द लेक” भी कहा जाता है. इस बाघिन को बाघों के मूल स्वरूप के विपरीत पानी में रहना बहुत अधिक पसंद था.
रणथम्भौर की गौरव माने जाने वाली इस बाघिन का जन्म 1997 में हुआ था औश्र इसकी मृत्यु 18 अगस्त 2016 को हो गई. ऐसा माना जाता है कि मछली बाघिन दुनिया में सबसे अधिक फोटो खींचने वाली बाघिन है. मछली एक सुंदर और दमदार बाघिन थी और रणथंभौर के 350 वर्ग मील क्षेत्र में इसका अधिपत्य था.
वैसे तो रणथंभौर में 62 बाघ हैं लेकिन मछली यहां आने वाले पर्यटको और वन्यजीव प्रेमियों को सबसे ज्यादा दिखती थी और उनको फोटो मोमेंट देती थी.
मछली बाघिन का नाम मछली रखने के पीछे भी एक कारण है. वन विभाग बाघों की पहचान करने के लिये उनके किसी शारीरिक चिन्ह के आधार पर उनका नाम रख देता है. मछली के बायें कान पर मछली के आकार का एक निशान था इसलिये उसे मछली कहा जाने लगा. नाम के अनुरूप इस बाघिन को पानी से बहुत प्रेम था.
मछली को टाइग्रेस क्वीन और क्रोकोडाइल किलर भी कहा जाता था. मछली को कई पुरस्कार और अवार्ड भी मिले. भारत सरकार ने मछली पर एक डाक टिकट भी जारी किया. सामान्य तौर पर बाघ 10 से 15 साल तक ही जीवित रहते हैं लेकिन मछली ने इस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया और 20 साल की उम्र पाई. वह दुनिया की सबसे लंबे उम्र की बाघिन बनी.
आज बेशक मछली चली गई है लेकिन रणथंभौर में उसकी इतनी कहानियां और बच्चे हैं कि उसके बारे में यहां आने वाले हरेक पर्यटक को बताया जाता है कि मछली किन तालाबों और पोखरों में नहाई और अपने हक की लड़ाई में उसके न जाने कितने बाघों को हराया.
ranthambore national park safari — रणथम्भौर नेशनल पार्क में सफारी
रणथम्भौर नेशनल पार्क मौसम के हिसाब से प्रवेश की व्यवस्था होती है. बरसात के दौरान पार्क को सैलानियों के लिये बंद कर दिया जाता है. शाम को भी पार्क जल्दी बंद कर दिया जाता है और टाइम टेबल में भी परिवर्तन होता रहता है लेकिन रणथम्भौर में सफारी की सारणी यहां देखी जा सकती है.
ranthambore safari time table
महीना | सुबह की ट्रिप | शाम की ट्रिप |
1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक | 6.30 बजे से 10.00 बजे तक | दोपहर 2.30 बजे से शाम 6.00 बजे तक |
1 नवंबर से 31 जनवरी तक | सुबह 7.00 बजे से 10.30 बजे तक | दोपहर 2.00 बजे से शाम 5.30 बजे तक |
1 फरवरी से 31 मार्च तक | 6.30 बजे से 10.00 बजे तक | दोपहर 2.30 बजे से शाम 6.00 बजे तक |
1 अप्रैल से 15 मई तक | सुबह 6 बजे से 9.30 बजे तक | दोपहर 3.00 बजे से 6.30 बजे तक |
15 मई से 30 जून | सुबह 6 बजे से 9.30 बजे तक | 3.30 बजे से शाम 7.00 बजे तक |
कैसे पहुँचे रणथम्भौर
रणथंभौर नेशनल पार्क भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है, इस पार्क तक पहुंचने का सबसे आसान तरीका सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन है, जो जयपुर, बॉम्बे और दिल्ली जैसे शहरों को जोड़ता है. हवाई यात्रा के लिये जयपुर निकटतम हवाई अड्डा है.
हवाई मार्ग द्वारा: रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान तक पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जयपुर में सांगानेर हवाई अड्डा है. जयपुर और रणथंभौर के बीच की दूरी लगभग 180 किमी है और दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर, आदि सहित सभी प्रमुख शहरों से जयपुर के लिए नियमित उड़ानें हैं. सैलानी रणथंभौर तक पहुँचने के लिए सांगानेर हवाई अड्डे से सीधी टैक्सी या बस ले सकते हैं.
रेल द्वारा: रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान को अन्य महत्वपूर्ण शहरों से जोड़ने वाला निकटतम रेलवे स्टेशन सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन है, जो पार्क से 10 किमी की दूरी पर स्थित है. पर्यटक रणथंभौर पार्क तक आसानी से पहुंचने के लिए स्थानीय बस, टैक्सी या कैब का लाभ उठा सकते हैं.
सड़क मार्ग से: रणथंभौर राज्य के बस सेवा के माध्यम से सभी प्रमुख शहरों और कस्बों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और यहां निजी बसों और टैक्सियों के माध्यम से पहुँचा जा सकता है. जयपुर, दिल्ली, अहमदाबाद, अजमेर और जोधपुर से रणथंभौर की यात्रा बस से आसानी से की जा सकती है.
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