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एमनेस्टी इंटरनेशनल की रोचक जानकारी
एमनेस्टी इंटरनेशनल का नाम हम अक्सर परिचर्चाओं और डिबेट्स में सुनते हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट और उसके आंकड़ों का उल्लेख कई अखबार और वेबसाइट्स अपनी रिपोर्ट्स और डॉक्यूमेंट्री में करते हैं.
Amnesty International क्या काम करता है, किस तरह यह अपनी रिपोर्ट्स तैयार करता है. इसके बारे में जानने के लिये यह आलेख पढ़िये.
एमनेस्टी इंटरनेशनल क्या काम करता है?
एमनेस्टी इंटरनेशनल एक गैर सरकारी संगठन यानि एनजीओ है. यह संगठन पूरी दुनिया में मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाता है और सरकार तथा व्यवस्था द्वारा किये जा रहे मानवाधिकार उल्लंघन के कार्यों को पूरी दुनिया के सामने लाने का प्रयास करता है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल का इतिहास
Amnesty International की स्थापना जुलाई, 1961 में युनाइटेड किंगडम में की गई. पीटर बेनीसन इसके संस्थापक थे. इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है.
यह संस्था लीगल एडवोकेसी, मीडिया, अपील कैम्पैन, रिसर्च और मानवाधिकारों की पैरवी करने का काम प्रमुखता से करती है. आज पूरी दुनिया में 70 लाख से ज्यादा लोग इसके सदस्य और समर्थक हैं. वर्तमान में कुमी नाइडू इसके सेक्रेट्री जनरल के पद पर कार्यरत हैं.
सेक्रेट्री जनरल | कार्यकाल | देश |
---|---|---|
पीटर बेनीसन | 1961-1966 | ब्रिटेन |
एरिक बेकर | 1966—1968 | ब्रिटेन |
मार्टिन एनल्स | 1968—1980 | ब्रिटेन |
थॉमस हैमरबर्ग | 1980—1986 | स्वीडन |
इयान मार्टिन | 1986—1992 | ब्रिटेन |
पियरे सीन | 1992—2001 | सेनेगल |
इरिना खान | 2001—2010 | बांग्लादेश |
सलिल शेट्टी | 2010—2018 | भारत |
कूमी नइडू | 2018 से वर्तमान | दक्षिण अफ्रिका |
किन देशों में काम कर रहा है एमनेस्टी?
एमनेस्टी इंटरनेशनल का पूरी दुनिया में अपने समर्थकों के भरोसे चलता है हालांकि कई स्थानों पर एमनेस्टी ने प्रोफेशनल्स को भी हायर कर रखा है. आस्ट्रेलिया, यूरोप, एशिया, अफ्रिका, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के कई देशों में इस संगठन के कार्यालय कार्यरत है.
भारत में Amnesty International का कार्यालय एमनेस्टी इंडिया के नाम से कार्य करता है.
कौन करता है एमनेस्टी को फंडिंग?
Amnesty International को काम करने के लिये जिन पैसों की जरूरत होती है उसकी व्यवस्था वह फंंडिंग और डोनेशन के जरिये करता है. एमनेस्टी इस बात से इंकार करता रहा है कि उसने विभिन्न देशों की सरकारों या उनके किसी विभाग से कभी कोई फंडिंग स्वीकार नहीं की है.
हालांकि पिछले दस सालों के दौरान एमनेस्टी को ब्रिटेन के डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल डवलपमेंट, यूरोपियन कमीशन, युनाइटेड स्टेट्स स्टेट डिपार्टमेंट और कई सरकारों से फंडिंग प्राप्त हुई है. अमेरिका का रॉकफेलर फाउंडेशन भी एमनेस्टी को फंड करने वाली प्रमुख एजेन्सीज में से एक है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुख्य सिद्धान्त
एमनेस्टी इंटरनेशनल का मुख्य सिद्धांत ऐसे लोगों और कैदियों पर ध्यान केंद्रित करना है, जिन्हें अनावश्यक कारणों से कैद किया गया है या हिंसा के माध्यम से एक राय व्यक्त करने से रोका गया है.
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दमन का विरोध करने की प्रतिबद्धता, राजनीतिक और दमनकारी नीतयों पर सवाल और विभिन्न मामलों के बारे में तथ्यों को इकट्ठा कर मानव अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत वातावरण बनाना है.
एमनेस्टी को लेकर हुये विवाद और आलोचनायें
एमनेस्टी इंटरनेशनल अपने खर्च, अपने स्टाफ की सुरक्षा, खराब प्रतिष्ठा वाले संगठनों से जुड़ाव और रिपोर्टस के प्रति पूर्वाग्रह को लेकर हमेशा से विवादों में रहा है. एमनेस्टी को लेकर कई देशों की सरकारों ने और उनके समर्थकों ने खुला विरोध दर्ज करवाया है.
एमनेस्टी को अपने कार्यकलापों की वजह से आस्ट्रेलिया, चीन, भारत, ईरान, इजरायल कतर, सउदी अरब, अमेरिका और रूस जैसे कई देशों में विरोध का सामना करना पड़ा है.
इन देशों ने एमनेस्टी का सुरक्षा के प्रति रवैया और आतंकवाद के प्रति नरम रूख का लेकर कई बार आलोचना की है और कई देशों ने इसकी रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है. वेटिकन ने भी कई बार एमनेस्टी की आलोचना की है.
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