जन्माष्टमी पर कैसे करें लड्डू गोपाल की पूजा- laddugopal pooja vidhi

लड्डू गोपाल भगवान कृष्ण के बाल रूप का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय देवता हैं। लड्डूगोपाल को अक्सर एक छोटे बच्चे के रूप में दर्शाया जाता है, जो एक सुंदर पोशाक पहने हुए है और उसके हाथ में एक लड्डू है।

लड्डू गोपाल को दयालु, करुणामय और प्रेम करने वाला देवता माना जाता है। उन्हें बच्चों और परिवारों का संरक्षक माना जाता है। लड्डूगोपाल को अक्सर लोगों की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए भी जाना जाता है।

जन्माष्टमी, भगवान कृष्ण के जन्म का त्योहार, लड्डू गोपाल के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन, भक्त लड्डूगोपाल की पूजा करते हैं और उन्हें भोग अर्पित करते हैं। वे लड्डू गोपाल की कथाओं और भजनों का भी गायन करते हैं।

लड्डू गोपाल की पूजा करने के कई तरीके हैं। सबसे आम तरीका है उन्हें पंचामृत से स्नान कराना, उन्हें साफ कपड़े पहनाना, उन्हें आभूषण पहनाना, उन्हें आरती करना, उन्हें भोग अर्पित करना और उनकी प्रार्थना करना।

जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरण हैं:

साफ-सफाई और सजावट

जन्माष्टमी के दिन, सबसे पहले अपने घर या मंदिर को अच्छी तरह से साफ-सुथरा करें। फिर, लड्डूगोपाल की मूर्ति या तस्वीर को एक साफ और सुंदर स्थान पर रखें। मूर्ति या तस्वीर के आसपास फूल, दीपक और अन्य सजावट लगाएं।

स्नान

लड्डूगोपाल को दूध, दही, घी और शहद से स्नान कराएं। फिर, उन्हें साफ कपड़े पहनाएं और उन्हें सुंदर आभूषण पहनाएं।

अभिषेक

लड्डू गोपाल को पंचामृत से अभिषेक करें। पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल शामिल हैं।

आरती

लड्डूगोपाल की आरती करें। आरती में, आपको लड्डू गोपाल के सामने घी के दिए जलाना चाहिए और उन्हें फूल और प्रसाद अर्पित करना चाहिए।

भोग

लड्डू गोपाल को उनके पसंदीदा भोग अर्पित करें। लड्डू गोपाल को मक्खन, मिश्री, और लड्डू विशेष रूप से पसंद हैं।

जागरण

रात भर लड्डू गोपाल की पूजा करें। उनके साथ भजन, कीर्तन और नृत्य करें।

प्रार्थना

लड्डूगोपाल से अपनी मनोकामनाएं मांगें। उन्हें यह भी बताएं कि आप उन्हें कितना प्यार करते हैं।

जन्माष्टमी पर लड्डूगोपाल की पूजा करने के लिए ये कुछ सामान्य चरण हैं। आप अपनी सुविधा और परंपराओं के अनुसार इन चरणों को बदल सकते हैं।

लड्डू गोपाल पूजा के अतिरिक्त सुझाव

  • यदि आपके पास लड्डूगोपाल की मूर्ति नहीं है, तो आप एक तस्वीर का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • यदि आपके पास पंचामृत नहीं है, तो आप दूध, पानी और थोड़े से गंगाजल का मिश्रण भी उपयोग कर सकते हैं।
  • यदि आपके पास लड्डूगोपाल के पसंदीदा भोग नहीं हैं, तो आप उन्हें मीठे चावल, हलवा या अन्य मीठे व्यंजन भी अर्पित कर सकते हैं।
  • यदि आप जन्माष्टमी पर जागरण नहीं कर सकते हैं, तो आप रात भर लड्डू गोपाल की आरती कर सकते हैं।
  • जन्माष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव है। लड्डूगोपाल भगवान कृष्ण के बाल रूप का प्रतिनिधित्व करते हैं। जन्माष्टमी पर लड्डूगोपाल की पूजा करके, हम भगवान कृष्ण को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।

लड्डू गोपाल पूजा मंत्र

कृष्ण पूजा के लिए कई मंत्र हैं। यहां कुछ लोकप्रिय मंत्र दिए गए हैं:

कृष्ण मंत्र 1:

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
॥ श्रीकृष्णाय नमः ॥

इस मंत्र का अर्थ है, “मैं भगवान वासुदेव को नमन करता हूं। मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं।”

कृष्ण मंत्र 2:

ॐ कृष्णाय वासुदेवाय
नमस्तुभ्यं देवकीपुत्राय
वासुदेवजश्मणे नमो नमः ॥

इस मंत्र का अर्थ है, “मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो भगवान वासुदेव के पुत्र हैं, जो देवकी के पुत्र हैं, और जो भगवान वासुदेव के प्रकाश हैं।”

कृष्ण मंत्र 3:

ॐ नमस्ते रुक्मिणीकांताय
वृंदावनविहारिणे
गोपिकावल्लभाय कृष्णाय
गोविन्दाय नमो नमः ॥

इस मंत्र का अर्थ है, “मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो रुक्मिणी के पति हैं, जो वृंदावन में विहार करते हैं, जो गोपिकाओं के प्रिय हैं, और जो गोविंद हैं।”

कृष्ण मंत्र 4:

ॐ ह्रीं कृष्णाय गोविंदाय
नमस्तुभ्यं देवकीसुतं
वसुदेवजश्मणे नमो नमः ॥

इस मंत्र का अर्थ है, “मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो गोविंद हैं, जो देवकी के पुत्र हैं, और जो भगवान वासुदेव के प्रकाश हैं।”

इन मंत्रों को कृष्ण पूजा के दौरान या अन्य अवसरों पर भी जप किया जा सकता है।कृष्ण पूजा के दौरान, भक्त अक्सर कृष्ण के भजनों और आरती का भी गायन करते हैं। ये भजन और आरती कृष्ण की महिमा का वर्णन करते हैं और भक्तों को उनके आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करते हैं।

लड्डू गोपाल की आरती

आरती लड्डू गोपाल की

जय जय जय जय लड्डूगोपाल
जय जय जय जय लड्डूगोपाल

श्याम रंग तन छवि सुंदर
मैया यशोदा गोपाल
श्री कृष्ण चंद्र मुखकमल
मुरलीधर श्याम सुंदर

जय जय जय जय लड्डूगोपाल
जय जय जय जय लड्डूगोपाल

बालकृष्ण रूप में विराजे
बृज में खेले मधुबन में
गोपियों संग प्रेम करे
रास रचाए ब्रज में

जय जय जय जय लड्डूगोपाल
जय जय जय जय लड्डूगोपाल

माता यशोदा का लाल
श्याम कृष्ण हमारा माल
हम सबकी रक्षा करे
हम सबका भरण करे

जय जय जय जय लड्डूगोपाल
जय जय जय जय लड्डूगोपाल

आज हमने आपकी आरती की
आपने हमारी मनोकामना पूर्ण की
हम आपकी सदा सेवा करेंगे
आपकी कृपा हम पर बना रहेगी

जय जय जय जय लड्डूगोपाल
जय जय जय जय लड्डू गोपाल

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