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नीति आयोग के बारे में जानकारी
नीति आयोग की स्थापना भारत सरकार ने 1 जनवरी 2015 को केबिनेट में प्रस्ताव पारित कर की है. नीति आयोग का पूरा नाम National Institution for Transorming India (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) है. अब योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग भारत के विकास के उद्देश्य से निर्देशात्मक और नीतिगत सुझाव देने के लिए भारत सरकार के थिंक टैंक का काम कर रहा है.
7 Pillars of NITI Aayog in Hindi नीति आयोग के सात मार्गदर्शक सिद्धांत
नीति आयोग मुख्यतः सुशासन के सात मार्गदर्शक सिद्धांतों पर काम करता है. जिन्हें 7 पिलर्स ऑफ इफेक्टिव गवर्नेंस कहा जाता है. ये हैं जन अभिमुख (प्रो-पीपुल), गतिविधि अभिमुख (प्रो- एक्टिविटी), पार्टिसिपेशन ( नागरिक सहभागिता), एम्पावरिंग (सशक्तीकरण), इनक्लूजन ऑफ ऑल (सर्व समावेशन), इक्वेलिटी (समानता), ट्रांसपरेंसी (पारदर्शिता).
Functions of NITI Aayog नीति आयोग के कार्य
नीति आयोग केन्द्र और राज्य स्तरों पर सरकार को नीति के प्रमुख कारकों के संबंध में प्रासंगिक महत्वपूर्ण एवं तकनीकी परामर्श उपलब्ध कराता है. नीति आयोग पूरी दुनिया के सकारात्मक प्रभावों को अपनाते हुए आर्थिक मोर्चे पर भारत के परिप्रेक्ष्य में नये मॉडल्स का विचार सुझा रहा है.
नीति आयोग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, प्रैक्टिशनरों के जरिए ज्ञान, नवाचार, उद्यमशीलता को उपयोग में लाते हुए एक ज्यादा बेतर प्रणाली का निर्माण कर रहा है. इसके अतिरिक्त नीति आयोग कार्यक्रमों और नीतियों के क्रियान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी विकास और क्षमता निर्माण पर जोर दे रहा है.
नीति आयोग का मूल सिद्धांत सहकारी संघवाद है. नीति आयोग के पास अनुदान जारी करने की शक्तियां नहीं हैं. यह सलाहकार संस्था के तौर पर ही कार्य करता है.
Difference between NITI Aayog and Planning Commission in Hindi नीति आयोग और योजना आयोग में अंतर
योजना आयोग और नीति आयोग में मूलभूत अंतर है कि इससे केंद्र से राज्यों की तरफ चलने वाले एक पक्षीय नीतिगत क्रम को बदल कर राज्य को देश के निर्माण अपना योगदान देने की तरफ केन्द्रित किया गया है. राज्य अपनी वास्तविक और सतत भागीदारी से अपने हित को राष्ट्रीय हित के अनुसार निर्धारित कर पा रहे हैं और ज्यादा बेहतर योजनाओं का निर्माण संभव हो रहा है.
NITI Aayog 3 year plan in Hindi नीति आयोग का त्रिवर्षीय एक्शन प्लान
नीति आयोग का काम भारत में बदलाव लाने के लिए तीन वर्षीय एक्शन प्लान, सात वर्षीय स्ट्रैटजी पेपर और 15 वर्षीय विजन डॉक्यूमेंट का निर्माण करना है. नीति आयोग का पहला त्रिवर्षीय एक्शन प्लान एक अप्रेल 2017 को आ चुका है. योजना आयोग पंचवर्षीय योजनाएं तैयार करता था. 12वीं पंचवर्षीय योजना 31 मार्च 2017 को खत्म होने वाली थी, जिसे छह महीने का विस्तार दिया गया.
नीति आयोग के त्रिवर्षीय एक्शन प्लान में सरकार के लिए विकास का व्यापक मानचित्र दिया गया है. चूंकि नीति आयोग के पास वित्तीय अधिकार नहीं है, इसलिए त्रिवर्षीय कार्य योजना में योजनाओं या राशि आवंटन का जिक्र नहीं किया गया है. सरकार ने योजनागत और गैर-योजनागत व्यय का विभाजन खत्म कर दिया है, इसलिए नीति आयोग की रिपोर्टों की वित्तीय भूमिका नहीं है.
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Objectives of NITI Aayog नीति आयोग के उद्देश्य
– राष्ट्रीय उद्देश्यों को दृष्टिगत रखते हुए राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और रणनीतियों का एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना. नीति आयोग का विजन बल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को राष्ट्रीय एजेंडा का प्रारूप उपलब्ध कराना है।
– सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकता है इस तथ्य की महत्ता को स्वीकार करते हुए राज्यों के साथ सतत आधार पर संरचनात्मक सहयोग की पहल और तंत्र के माध्यम से सहयोगपूर्ण संघवाद को बढ़ावा देना.
– ग्राम स्तर पर विश्वसनीय योजना तैयार करने के लिए तंत्र विकसित करना.
– यह सुनिश्चित करना कि जो क्षेत्र विशेष रूप से उसे सौंपे गए हैं उनकी आर्थिक कार्य नीति और नीति में राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को शामिल किया गया है.
– समाज के उन वर्गों पर विशेष रूप से ध्यान देना जिन तक आर्थिक प्रगति से उचित प्रकार से लाभान्वित ना हो पाने का जोखिम है.
– रणनीतिक और दीर्घावधि के लिए नीति तथा कार्यक्रम का ढ़ांचा तैयार करना और पहल करना. साथ ही उनकी प्रगति और क्षमता की निगरानी करना. निगरानी और प्रतिक्रिया के आधार पर मध्यावधि संशोधन सहित नवीन सुधार करना.
– महत्वपूर्ण हितधारकों तथा समान विचारधारा वाले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक और साथ ही शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थानों के बीच भागीदारी को प्रोत्साहन देना.
– विकास के एजेंडे के कार्यान्वयन में तेजी लाने के क्रम में अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-विभागीय मुद्दों के समाधान के लिए मंच प्रदान करना.
– सुशासन तथा सतत और न्यायसंगत विकास की सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली पर अनुसंधान करने का स्टेट ऑफ आर्ट सेंटर बनना.
-आवश्यक संसाधनों की पहचान करने सहित कार्यक्रमों और उपायों के कार्यान्वयन का सक्रिय मूल्यांकन और सक्रिय निगरानी.
– कार्यक्रमों और नीतियों के क्रियान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता निर्माण पर जोर.
– राष्ट्रीय विकास के एजेंडा और उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अन्य आवश्यक गतिविधियां संपादित करना।
NITI Aayog composition in Hindi नीति आयोग की संरचना
नीति आयोग का गठन इस प्रकार किया गया है-
नीति आयोग के अध्यक्ष- भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
उपाध्यक्ष- प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त. नीति आयोग के वर्तमान उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार. नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष डॉ. अरविन्द पानगड़िया थे.
सदस्य- पूर्णकालिक
अंशकालिक सदस्य- अग्रणी विश्वविद्यालय, शोध संस्थानों और संबंधित संस्थानों से होते हैं. प्रो. रमेश चंद, वी.के. सारस्वत, बिबेक देबरॉय, डॉ. वी.के. पॉल वर्तमान में पूर्णकालिक सदस्य हैं.
मुख्य कार्यकारी अधिकारी- भारत सरकार के सचिव स्तर का अधिकारी, निश्चित कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त. वर्तमान में नीति आयोग सीईओ अमिताभ कांत हैं.
पदेन सदस्य- केन्द्रीय मंत्रिपरिषद से अधिकतम चार सदस्य, जो प्रधानमंत्री द्वारा नामित होते हैं. वर्तमान में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह. अरुण जेटली, पीयूष गोयल और राधा मोहन सिंह वर्तमान में पदेन सदस्य हैं.
विशेष आमंत्रित सदस्य- संबंधित कार्य क्षेत्र की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ और कार्यरत लोग विशेष आमंत्रित के रुप में प्रधानमंत्री द्वारा नामित किए जाते हैं. वर्तमान में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, थावर चंद गहलोत और स्मृति ईरानी विशेष आमंत्रित सदस्य हैं.
– नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल हैं.
– विशिष्ट मुद्दों और ऐसे आकस्मिक मामले, जिनका संबंध एक से अधिक राज्य या क्षेत्र से है, उनको देखने के लिए क्षेत्रीय परिषद गठित की गई हैं. ये परिषदें विशिष्ट कार्यकाल के लिए बनाई जाती हैं. प्रधानमंत्री के निर्देश पर नीति आयोग की क्षेत्रीय परिषदों की बैठक होगी और इनमें संबंधित क्षेत्र के राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल होते हैं. इनकी अध्यक्षता नीति आयोग के उपाध्यक्ष करते हैं.
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