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Chardham Yatra 2019 in Hindi – चार धाम यात्रा 2019

Chardham Yatra 2019 in Hindi - चार धाम यात्रा 2019

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चार धाम यात्रा 2019 के बारे में जानकारी

चार धाम यात्रा chardham yatra 2019 भारत में धार्मिक दृष्टिकोण से सबसे अधिक महत्व रखती है. चार धामों में  बद्रीनाथ भगवान विष्णु को समर्पित है तो केदारनाथ  भगवान शिव को. वहीं गंगोत्री और यमुनोत्री गंगा और यमुना नदी को समर्पित हैं.

पर्वत राज हिमालय की गोद में स्थित  ये सभी पवित्र तीर्थ स्थल भारत की देव भूमि  उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं. मूल रूप से चार धाम हैं केदारनाथ- बद्रीनाथ धाम की यात्रा  द्वारिका पुरी और जगन्नाथ पुरी.

लोक मान्यता के अनुसार  यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को छोटा चार धाम कहा जाता है. लेकिन अब श्रद्धालु इन चार तीर्थस्थलों की यात्रा को ही चार धाम यात्रा कहने लगे हैं। हिन्दी हाट के इस लेख में हम उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के बारे में विस्तार से जानेंगे.

हर साल हजारों की संख्या में लोग  पूजा-अर्चना के लिए इन मंदिरों में आते हैं. चार धाम की यात्रा परंपरागत रूप से, पश्चिम से शुरू होती है और पूर्व में समाप्त होती है. इस प्रकार, चार धाम यात्रा यमुनोत्री से शुरू होकर गंगोत्री की ओर बढ़ती है और फिर  केदारनाथ और बद्रीनाथ पहुंच कर चार धाम की यात्रा पूरी होती है. 

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार चार धाम यात्रा को महाभारत काल में पांडवों ने बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के रूप में परिभाषित किया था. पांच पांडवों का मानना था कि ये चार जगह ऐसी है, जहाँ लोग जाकर अपने पापों को शुद्ध कर सकते हैं. हिन्दू धर्म के अनुसार अपने जीवनकाल में चार धाम की यात्रा करना पवित्र माना जाता है.

चार धाम यात्रा 2020 chardham yatra 2020

हिंदी पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन और अंग्रेजी कलैंडर के अनुसार साल 2020 में  गंगोत्री और यमनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा की शुरूआत हो जाएगी.

इस साल केदारनाथ के कपाट अक्षय तृतीया के 11 दिन बाद  18 मई को और बदरीनाथ के कपाट अक्षय तृतीया के 12 दिन बाद 19 मई को खुलने की संभावना है.

हालांकि, अधिकृत पुष्टि मंदिर प्रशासन द्वारा कलेंडर जारी होने के बाद ही हो पाएगी. केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर के कपाट साल में सिर्फ छह महीने के लिए ही खुलते हैं. 

हरिद्वार से चार धाम की दूरी chardham yatra Distance from haridwar

हरिद्वार से यमुनोत्री 246 किलोमीटर, यमुनोत्री से गंगोत्री लगभग 114 किलोमीटर, गंगोत्री से केदारनाथ 300 किलोमीटर, केदारनाथ से बद्रीनाथ की दूरी 200 और बद्रीनाथ से हरिद्वार की दूरी लगभग 300 किलोमीटर है. 

चार धाम की यात्रा में यमनोत्री तक पहुंचने के लिए लगभग 5 से 7 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है. गंगोत्री धाम के अंत तक गाड़ी जाती है लकिन यहाँ से आप गोमुख जाना चाहते है तो आप को अत्यंत कठिन रास्ते पर ट्रैकिंग करते हुए जाना होगा.

गंगोत्री से केदारनाथ पहुंचने के लिए सड़क मार्ग की दूरी तय करने के बाद लगभग 20 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. केदारनाथ से बद्रीनाथ धाम तक वाहन आ जा सकते हैं.

चार धाम यात्रा लगभग 10 से 12 दिन में आराम से पूरी की जा सकती है. हेलीकॉप्टर से यात्रा 5  या इससे भी कम दिनों में पूरी की जा सकती है.

चार धाम यात्रा की पूर्व तैयारी Chardham Yatra Pre Prepration

यदि आप धाम यात्रा की यात्रा करने की सोच रहे हैं तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें, जिससे आपकी चार धाम यात्रा ना केवल सुगम हो पायेगी, बल्कि अविस्मरणीय व आनन्दमय भी होगी.

प्रतिदिन व्यायाम शुरू कर दें. साथ ही अपने आस-पास किसी पहाड़ी क्षेत्र में पैदल चलने की आदत बना लें ताकि यात्रा के दौरान पहाड़ी क्षेत्र से गुजरते हुए चार धाम यात्रा में आपको कोई शारीरिक समस्या न हो.

इससे आपको हाईबीपी, अनिन्द्रा, सांस लेने की तकलीफ, पैरों और सिर में  दर्द जैसी अन्य शारीरिक समस्याओं यात्रा के दौरान आपकी यात्रा में बाधा उत्पन्न नहीं कर पाएगी.

कैसे करवाएं चारधाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन chardham yatra registration

चार धाम यात्रा  के रजिस्ट्रेशन के लिए आप को लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं है. चार धाम यात्रा के लिए आप घर बैठे भी ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते है. 

इसके लिए चार धाम यात्रा की आधिकारिक वेबसाइट पर अपनी जरूरी जानकारी और दस्तावेज अपलोड करके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को घर बैठे भी पूरी कर सकते हो.

यदि आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे हैं तो उत्तराखंड सरकार  द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए हरिद्वार रेलवे स्टेशन, होटल राई हरिद्वार, रोडवेज बस स्टेंड ऋषिकेश, हेमकुंड गुरुद्वारा ऋषिकेश, सोनप्रयाग, पांडुकेश्वर, गोविंद घाट एवं उत्तरकाशी के अलवा सरकार द्वारा बनाये गए अन्य रजिस्ट्रेशन काउंटर पर जाकर अपनी यात्रा का पंजीकरण करवा सकते हैं.

चार धाम यात्रा पर जाने के लिए इस नीली लाइन पे क्लिक करने के बाद अपनी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा करें –  https://goo.gl/Jf5521  

चार धाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन की फीस 50 रुपये है.

क्यों जरूरी है चार धाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन ?

चार धाम की यात्रा शुरू करने से पहले अपना यात्रा पंजीयन करवाना आवश्यक है. यात्रा में रजिस्ट्रेशन करवाने से तीर्थयात्री की सभी जरुरी जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, घर का पता, उसके साथ यात्रा करने वाले यात्रियों की जानकारी सरकार के पास आ जाती है.

इससे यात्रा से सम्बंधित सभी जरुरी बातें जैसे यात्रा का मार्ग, मौसम की जानकारी आदि आपको सही समय पर मिलती रहती हैं. साथ ही आपदा की स्थिति में  पंजीकृत यात्री की मदद प्रशासन आसानी से कर पाता है.

रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए जरुरी दस्तावेज

तीर्थयात्री अपना  वोटर आईडी, ड्राविंग लाइसेन्स, आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों के साथ ही सभी जरूरी जानकारी भर कर यात्रा रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इसके बाद आपको एक यात्रा कार्ड जारी किया जाता है जिसे यात्रा के दौरान आप अपने पास रखें. 

हेलिकॉप्टर से भी जा सकते है चार धाम  Chardham  Yatra  by Helicopter

दिल्ली, देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, गौरीकुंड  से हेलीकॉप्टर से चार धाम की यात्रा करने के लिए उत्तराखंड सरकार और निजी कंपनियों के हैलीकॉप्टर श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने के लिए आसानी से उपलब्ध उपलब्ध हो जाते हैं. 

चारों धाम की चार्टर सेवा का खर्च प्रति व्यक्ति खर्च हेलीकॉप्टर चलाने वाली कम्पनी अपने अनुसार निर्धारित करती है. हेलीकॉप्टर से चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड टूरिज्म की वेबसाइट या चार धाम की यात्रा करवाने वाली कंपनियों के हेलीकॉप्टर की ऑनलाइन बुकिंग कही से कभी भी करवा सकते हैं.

हेलीकॉप्टर से यात्रा बुकिंग करवाने से  पूर्व सभी नियमों को ध्यान पूर्वक पढ़ना चाहिए ताकि यात्रा के समय कोई दिकत ना आये.

बस से चार धाम यात्रा Chardham Yatra By Bus

देश के लगभग सभी जगहों से चार धाम यात्रा के लिए बसों का संचालन किया जाता है. निजी यात्रा कम्पनियां चार धाम की यात्रा करवाती हैं. बस द्वारा चारधाम यात्रा पर जाने से पूर्व बस कंपनियों द्वारा जारी सभी ऑफर की जानकारी टिकट बनवाने से पूर्व जान लें. अनेकों धार्मिक संस्थान भी सामान्य किराये पर चार धाम की यात्रा करवाती हैं.

सड़क मार्ग से यदि आप चारधाम की यात्रा के लिए जा रहे हैं तो इन बातों का विशेष  ध्यान रखें.

► अपनी गाड़ी की संपूर्ण  जांच करवाने के बाद ही अपने निजी वाहन से यात्रा शुरू करें. यात्रा के दौरान वाहन के सभी जरुरी दस्तावेज जैसे RC, वाहन इंश्योरेंस, फिटनेस, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल  सर्टिफ़िकेट और अपना ड्राइविंग लाइसेंस  अपने साथ रखें. 

► यात्रा के दौरान हमेशा अपने वाहन को सड़क के बाईं ओर रखें. पहाड़ी क्षेत्र में ड्राइविंग के दौरान जरूरी होने पर हॉर्न का प्रयोग करें, ओवर-टेक न करें. पहाड़ी क्षेत्र में एक दिन में 8 घंटे से अधिक ड्राइव नहीं करना चाहिए.

► ड्राइविंग करते समय चप्पल के बजाय जूते का उपयोग करें. सूर्यास्त के बाद ड्राइविंग नहीं कर यात्रा से पहले सुनिश्चित करें कि आपके वाहन का ईंधन टैंक भरा हुआ है,अपने साथ प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स भी गाड़ी में रखें और निर्धारित स्थानों पर ही अपना वाहन पार्क करें. 

► शराब पी कर गाड़ी ना चलाएं और अन्य वाहन चालकों के साथ प्रतिस्पर्धा न करें. सभी सरकारी निर्देशों का पालन करने के साथ ही कोशिश करें कि पहाड़ी रोड पर गाड़ी चलाने वाले कुशल ड्राइवर को गाड़ी चलाने के लिए साथ ले जायें. 

ट्रेन से चार धाम यात्रा Chardham Yatra by Train

चारधाम के लिए देश के लगभग सभी बड़े स्टेशन से हरिद्वार और ऋषिकेश तक आप अपनी यात्रा ट्रेन से कर सकते हैं. आगे की यात्रा बस या अन्य निजी वाहन से करनी पड़ती है.

भारतीय रेलवे आईआरसीसीटीसी के माध्यम से विशेष ट्रेनों का संचालन करता है. यदि आप ट्रेन से यात्रा पर जाना चाहते हैं तो तत्काल अपना टिकट बुक करवाएं.

कैसे करें चारधाम यात्रा की  तैयारी Preparation of Chardham Yatra

चार धाम यात्रा के दौरान आपको अपना सामान अपने कंधे पर ले जाना होता है. साथ ही सुरक्षा का भी ध्यान रखना पड़ता है. ऐसे में सिर्फ जरूरत का व कम से कम सामान ले जाने का प्रयास करें ताकि आपकी यात्रा और सुगम हो सके.

क्या – क्या ले जायें साथ

► यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करवाएं ताकि रजिस्ट्रेशन में दी गयी जानकारी के आधार पर विपरीत परिस्थिओं  में सरकार आपकी मदद कर सके. 

► चारधाम यात्रा के लिए अनेकों लोक लुभावने ऑफर निजी कम्पनियों द्वारा दिए जाते हैं. इस लिए किसी भी निजी कंपनी द्वारा संचालित चार धाम यात्रा पर जाने से  पूर्व यात्रा से संबंधित सभी बिन्दुओं और  कंपनी के बारे में गहनता  से जानकारी ले लें. 
► पीछे टांकने वाला बैग (पिट्ठू बैग) जो कि वाटरप्रूफ हो तो और अच्छा होगा. साथ में विंडचीटर (पेंट-शर्ट वाला) और छोटी छतरी भी ले जायें.

►यदि पुरूष हैं तो टी-शर्ट व लोवर का इस्तेमाल करे ताकि चलने में सुविधा रहे और महिलाएं भी यदि लोवर व टी-शर्ट पहने तो अच्छा होगा या फिर सलवार सूट को प्राथमिकता दें क्योंकि साड़ी में चलना मुश्किल होता है. इसलिए सलवार सूट व पेंट-शर्ट यात्रा में  बेहतर सिद्ध होते है.

►महिला व पुरुष दोनों ही अच्छे व उच्च गुणवत्ता के ग्रिप वाले जूतों का उपयोग करें, जिससे चलने में आसानी रहे. एक लाइटर व मोमबत्ती अपने साथ ले लें क्योंकि बर्फीला क्षेत्र होने के कारण माचिस जलाने में परेशानी होती है.

► गर्म कपड़े भी अपने साथ लें, लेकिन याद रहे वो ज्यादा वजनदार नहीं होने चाहिए. यदि आपको ज्यादा सर्दी लगती है तो टोपी व वाटरप्रूफ दस्ताने अपने साथ ले लें.

► खाने में चना, ड्राई फ्रूट्स व बिस्किट जैसी चीजें भी अपने साथ रख लें, जिससे कि भूख लगने पर अपने बैग से निकालकर खा भी सकें और अपने साथियों को खिला भी सकें.

► एक टॉर्च जिसमें अच्छी गुणवत्ता के सैल हों और एक कैमरा भी अपने साथ ले जाएं ताकि इस अविस्मरणीय यात्रा को कैमरे में कैद किया जा सके.

► पासपोर्ट साइज के 5—10 फोटो, आईडी प्रूफ व साथ ही आईडी प्रूफ की फोटोकॉपी भी साथ रखें.

► एक फोटो लगा कर कार्ड भी बना लें जिसमें आपका नाम, पता व मोबाइल नंबर लिखा हो. इस कार्ड में यात्री अपने घर का व घर के नजदीकी पुलिस स्टेशन का नंबर भी लिख कर रखें इस कार्ड को यात्रा के समय डोरी से बांध कर अपने गले में लटका लें.

► दर्दनाशक, एंटीबायोटिक दवाओं, खाँसी, एंटीसेप्टिक क्रीम, ठंड और बुखार के लिए दवाओं के साथ एक जीवन रक्षक दवाइयों का किट बना लें ताकि यात्रा में परेशानी न हो.अपनी नियमित दवाओं को कैरी करें, क्योंकि आपको इस तरह के दूरस्थ स्थानों पर केवल सीमित और सामान्य दवा मिल सकती है.

यात्रा के दौरान किन—किन बातों से बचें

यात्रा के दौरान समय-समय पर मौसम की सही जानकारी के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध जानकारी पर ही विश्वास करें. यात्रा के दौरान ना कोई अफ़वाह फैलायें, न फैलाने दें.

किसी भी समस्या में सरकार द्वारा नियुक्त संस्थान या व्यक्ति से ही से ही संपर्क करें. पूरी यात्रा में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. न गंदगी फैलाएं और न फैलाने दें.

चारधाम के साथ ही इन स्थानों पर भी जा सकते हैं आप घूमने

हरि की पौड़ी, हरिद्वार, केम्प्टी मसूरी, यमुना नदी, बांड़ट, श्री यमुनोत्री मंदिर, प्रकाशद्वार गुफा, विश्वनाथ मंदिर, शक्ति मंदिर, भागीरथी नदी, श्री गंगोत्री मंदिर, टिहरी बांध, मंदाकिनी नदी, सोनप्रयाग, गौरीकुंड, अलकनंदा नदी, श्री नरसिंह मंदिर, आदि शंकरचार्य समाधि, धौलीगंगा नदी, विष्णुप्रयाग, बास गुफा, गणेश गुफा, भीम पुल, सरस्वती नदी, माणा गांव, मंदाकिनी नदी, भागीरथी और अलकनंदा नदी का संगम , ऋषिकेश, लक्ष्मण झूला और हरिद्वार. 

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