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भारत और इजरायल संबंधों पर निबंध
भारत और इजरायल हमेशा एक दूसरे के दोस्त रहे हैं और भारत के आजाद होने के बाद और इजरायल के अस्तित्व में आने के साथ ही दोनों के बीच मधुर संबंध बन गए. आज दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सैन्य कारोबार व्यापक तौर पर होता है.
भारत इजरायल के सैनिक आयुधो का बड़ा ग्राहक है और इजरायल रूस के बाद भारत को सबसे ज्यादा हथियारों की आपूर्ति करता है. इसके अलावा भी दोनों देश कई और मसलों पर एक मत रखते हैं, जिनमें से आतंकवाद भी एक है.
भारत-इजरायल के सम्बन्धों का इतिहास
भारत-इजरायल लगभग एक साथ ही 1947 में अस्तित्व में आए. 1947 में भारत को जहां ब्रिटिश राज से आजादी मिली वहीं इसी साल फिलिस्तीन योजना आई जिसके आधार पर इजरायल का निर्माण हुआ.
हालांकि तत्कालीन समय में भारत ने संयुक्त राज्य में फिलिस्तीन योजना के आधार पर फिलिस्तीन के विभाजन का विरोध किया था और इसके खिलाफ मतदान किया था लेकिन आगे चलकर 17 सितम्बर 1950 को भारत ने इजरायल को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता दे दी और यहीं से भारत—इजरायल दोस्ती का अध्याय शुरू हुआ.
इसके तीन साल बाद 1953 में इजरायल को भारत के मुंबई में अपना दूतावास खोलने की अनुमति भी दे दी गई. 1992 से इजरायल और भारत के संबंधों में और प्रगाढ़ता आई क्योंकि उदारवाद को अपनाते हुए भारत ने अपने बाजार को पूरी दुनिया को खोल दिया और इस कारण इजरायल भारत का एक अहम रणनीतिक और व्यापारिक साझीदार बन गया.
भारत और इजरायल के प्रतिनिधियों के दौरे
आजादी के 70 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री बने जिन्होंने इजरायल की यात्रा की. इस यात्रा से दोनों देश और नजदीक आ गए. इस नजदीकी ने दक्षिण एशिया में भारत की स्थिति और मजबूत की है.
भारत के प्रधानमंत्री भले ही इजरायल 70 साल बाद जा रहे हों लेकिन इजरायल के राष्ट्रपति एजर वीजमैन 1997 में ही भारत का दौरा करने वाले पहले इजरायली राष्ट्रपति बने.
2000 में इसरायल की यात्रा करने वाले जसवंत सिंह देश के पहले विदेश मंत्री बने. इसी यात्रा के दौरान आतंकवाद को लेकर दोनों देशों के बीच सूचनाओं के आदान—प्रदान को लेकर समझौता हुआ.
2003 में एरियल शेरोन इजरायल के पहले प्रधानमंत्री बने जो भारत की यात्रा पर आए.
2006 में भारत सरकार के मंत्रियों शरद पवार, कपिल सिब्बल और कमल नाथ ने इजरायल की यात्रा की.
2012 में विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने भी इजरायल की दो दिवसीय यात्रा की.
2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान दोनों देश के प्रधानमंत्रियों नरेन्द्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू ने न्यूयॉर्क में द्विपक्षीय वार्ता की. विदेशी धरती पर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की यह पहली मुलाकात रही.
नवम्बर 2014 में राजनाथ सिंह इजरायल की यात्रा करने वाले पहले गृहमंत्री बने. साथ ही ऐसा पहली बार हुआ जब कोई भारतीय नेता इजरायल आया लेकिन फिलिस्तीन नहीं गया.
2014 में इजरायल के पूर्व राष्ट्रपति शिमोन परेस ने भारत का दौरा किया.
2015 में इजरायल के रक्षा मंत्री मोसे यालोन भारत आए.
इसी साल भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इजरायल की यात्रा करने वाले भारत के पहले राष्ट्रपति बने.
भारतीय राष्ट्रपति को इजरायल की प्रतिष्ठित सभा नेसेट को संबोधित करने का गौरव प्रदान किया गया.
2016 में भारतीय विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज भी इजरायल की यात्रा पर गईं.
सितम्बर 2016 में भारतीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने भी कृषि प्रौद्योगिकी के विकास के लिए इजरायल की यात्रा की.
इजरायल के राष्ट्रपति रेवेन रिवाल वर्ष 2016 में भारत में एक हफ्ते की यात्रा पर आए. ऐसा करने वाले वे दूसरे इजरायली राष्ट्रपति बने.
इजरायल भारत सैन्य और रणनीतिक संबंध military relationship between israel and india
- भारत ने अपने अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के माध्यम से इजरायल का उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित किया.
- इजरायल ने भारत को हवाह से हवा में मार करने वाली मिसाइली बराक उपलब्ध करवाई.
- इजरायल उन थोड़े से देशों में शामिल था जिसने भारत के परमाणु परीक्षण का कोई विरोध नहीं किया.
- 1996 में इजरायल ने भारत को 32 यूएवी यानी मानव रहित विमान उपलब्ध करवाए.
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- इजरायल ने भारतीय वायु सेना के उपयोग के लिए लेजर गाइडेड बम प्रदान किए जिनका कारगिल के युद्ध के दौरान इस्तेमाल किया गया.
- इजरायल ने भारत को अत्याधुनिक राडार फाल्कन अवाक्स दिया.
- 2005 में भारत द्वारा 50 इजरायली ड्रोन खरीदे गए.