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Benifits of High Fiber Foods- फाइबर फूड

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फाइबर फूड के फायदे Fiber Foods in Hindi

फाइबर फूड हमारे आहार का प्रमुख हिस्‍सा है. हरी सब्जियों, फलों और रसदार पदार्थों के नियमित सेवन से हमारे शरीर में फाइबर की पूर्ति होती है, जिससे शरीर को एनर्जी मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. सही मात्रा में भोजन के रूप में फाइबर का सेवन करने से हमारा पाचन तंत्र ठीक रहता है. साथ ही फाइबर फूड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और दिल की बीमारी के खतरे को भी रोकता है.

फाइबर के क्या है फायदे

फाइबर फूड खाद्य पदार्थों के छिलकों और उनके रेशों में पाया जाने वाला उपयोगी तत्व है, जो की हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी होता है. फाइबर पाचन क्रिया को सही रखता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बनाये रखता  है. सही मात्रा में फाइबर फूड के नियमित सेवन से मोटापे से छुटकारा मिलता है. स्वस्थ शरीर होने से व्यक्ति लम्बे समय तक जीवित रहता है।

इन -इन  पदार्थों में पाया जाता है

फाइबर फूड गेहूं के आटे, हरी पत्तेदार सब्जियों, प्याज, छिलके वाली दालों, मूली, अंगूर, खीरा, सलाद, सेब, बेसन, पपीता, शकरकंद, ईसबगोल की भूसी, दलिया,और सूजी जैसे खाद्य पदार्थो में सही मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा चोकर, साबुत अनाजों, अलसी और आलूबुखारा में पाया जाने वाला फाइबर फूड हमारी आंतों को मजबूती देता है. प्रतिदिन भोजन  में इन खाद्य पदार्थो का सेवन सही मात्रा में किया जाये तो शरीर में फाइबर की पूर्ति सही मात्रा में होगी.

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फाइबर फूड रास्पबेरी

रास्‍पबेरी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है. एक कप रास्‍पबेरी में होल ग्रेन अनाज ब्रेड की 2 से 3 स्‍लाइस जितना फाइबर होता है. इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी तथा दूसरे कई महत्त्वपूर्ण खनिज जैसे फासफोरस, पोटैशियम, कैल्शियम तथा आयरन जैसे तत्‍व पाये जाते हैं जो मेटाबॉलिज्‍म को सही रखते  है.

दो तरह का होता है फाइबर

मूलतः फाइबर दो तरह के होते हैं, एक पानी में नहीं  घुलने वाला और दूसरा पानी में घुलनशील फाइबर. ओट्स, बीन्स, संतरा, पानी में न घुलने वाले फाइबर हैं और जड़वाली सब्जियां, हरी सब्जियां, मक्का, गेहूं में पाया जाने वाला फाइबर पानी में घुल जाते हैं. घुलनशील फाइबर के अच्छे स्रोत में सेम, दाल, दलिया, मटर, खट्टे फल, ब्लूबेरी, सेब और जौ शामिल हैं. अघुलनशील फाइबर के अच्छे स्रोतों में गेहूं का आटा, गेहूं की भूसी, भूरा चावल, फूलगोभी, आलू, टमाटर और खीरे हैं.

कुछ खाद्य पदार्थ जैसे पालक और गाजर, दोनों प्रकार के फाइबर का अच्छा स्रोत हैं. घुलने वाला फाइबर के सेवन से  शरीर में कोलेस्टेरॉल नहीं बनता है. और न घुलने वाला फाइबर के सेवन से पेट साफ रहता है. भोजन में नियमित फाइबर फूड नहीं लेने से कब्ज की परेशानी हो सकती है.

फाइबर फूड का सेवन बीमारियों से बचाता है।

फाइबर फूड खाने को पचने में सहायता करता है, जिसके कारण पेट सम्बन्धी सभी समस्याएँ दूर होती है. फाइबर के सही मात्रा में सेवन से पेट साफ रहता है और कोलेस्ट्रॉल कम होता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा नहीं रहता है। फाइबर से खून में शुगर का लेवेल
बैलेंस रहता है, जिससे शुगर जैसी बीमारी नहीं होती है. फाइबर के सेवन से शरीर का वजन संतुलित रहता है और मोटापे जैसी बीमारी से भी बचा जा सकता है.

किस मात्रा में करे फाइबर फूड का उपयोग

एक अध्यन के अनुसार अधिकांश लोग भोजन के जरिए औसतन 14 ग्राम रेशे (फाइबर) का सेवन करते हैं, जबकि भोजन में कम से कम 18 ग्राम होना जरुरी है .

किस खाने में कितनी होती है फाइबर की मात्रा high fiber indian food list

लगभग 100 ग्राम ओट्स में 1.7 ग्राम फाइबर होता है. वही 100 ग्राम सेब में 2.4 ग्राम, 100 ग्राम नाशपाती में 3.1 ग्राम, 100 ग्राम ब्रॉक्ली में 2.6 ग्राम, 100 ग्राम उबली हुई दाल में 8 ग्राम और 100 ग्राम फ्लेक्सीड में 27 ग्राम फाइबर होता है. एक कप राजमा व लोबिया में लगभग 15 ग्राम से अधिक फाइबर मौजूद होता है. एक एवोकैडो में लगभग 9 ग्राम फाइबर होता है, एक चम्‍मच चिया बीज में लगभग 5.5 ग्राम और 2 चम्‍मच अलसी के बीज में 4 ग्राम फाइबर की मात्रा होती है.

अमेरिकी रिसर्च के अनुसार 50 वर्ष से कम उम्र के पुरुषों और महिलाओ को प्रतिदिन लगभग 38 ग्राम और 50 वर्ष से  अधिक आयु वाले पुरुषों और महिलाओ प्रति दिन 30  ग्राम फाइबर फूड का उपभोग करना चाहिए, वही 40 से छोटी उम्र वाली महिलाओं को 25 ग्राम प्रतिदिन भोजन के रूप में फाइबर का उपभोग करना चाहिए।

उम्र बढ़ाता है फाइबर फूड

वैज्ञानिकों के अनुसार, फाइबर के सही सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है, जिसके कारण इंसान लंबे समय तक जिन्दा रहता है. अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन का निष्कर्ष समझा जाये तो अनाज, रोटी और पास्ता जैसे खाद्य पदार्थ विशेष प्रभावी है. 14 साल की अवधि में, जो सबसे ज्यादा अनाज फाइबर खा चुके थे, उनमें कम फाइबर युक्त पदार्थ खाने वालों की तुलना में मरने की संभावना 19 प्रतिशत कम रहती है. 

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