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भविष्य की इलेक्ट्रिक कार और इलेक्ट्रिक कार का भविष्य
कुछ सालों पहले हम सुना करते थे कि आने वाले समय में बिजली से चलने वाली इलेक्ट्रिक कार Electric Cars (EVs) और उडने वाली कारें Flying Cars आया करेंगी. तब हमें यह भविष्य की बात लगा करती थी मगर वह वक्त अब वास्तव में आ गया है. पूरी दुनिया इस बात को जानने में जुटी है कि भविष्य की इलेक्ट्रिक कारें Future Cars कैसी होंगी और इलेक्ट्रिक कारों का भविष्य Future of EVs क्या होगा.
हमें क्यों चाहिए इलेक्ट्रिक कार Why do we need Electric Cars
डीजल और पेट्रोल की एफिशिएंट कारों के बावजूद हमें आखिर इलेक्ट्रिक कार की जरूरत क्यों है. क्या परम्परागत ईंधन Fossil Fuel खत्म हो रहा है. या फिर मनुष्य की जरूरतें और इच्छाएं पेट्रोल—डीजल की कारें पूरा नहीं कर पा रही. How Many Cars in World- आइए नजर डालते हैं कि अभी दुनियाभर में कितनी कारें हैं. ताजा आंकड़ों के अनुसार अभी दुनियाभर की सड़कों पर लगभग 1.2 बिलियन यानी 120 करोड़ कारें दौड़ रही हैं. एक और रिपोर्ट के अनुसार 2035 तक इनकी संख्या 200 करोड़ तक पहुंचने वाली है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर हमें पर्यावरण को बचाना है तो इन कारों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन carbon emissions को 80 प्रतिशत तक कम करना होगा. यह कार्बन उत्सर्जन Carbon Emission कम करने के लिए या तो कारों की संख्या कम की जाए या कारों के ईंधन को बदला जाए. कारों के ईंधन को बदलने का सबसे बेहतरीन विकल्प इलेक्ट्रिक कार ही हैं और इसीलिए कारों का भविष्य हैं इलेक्ट्रिक कारें.
पहली इलेक्ट्रिक कार First Electric Car
भविष्य की इलेक्ट्रिक कारों के बारे में जानने से पहले एक रोचक बात जानते हैं. क्या आपको पता है कि पहली इलेक्ट्रिक कार First Electric Car कब बनीं. आपको आश्चर्य होगा कि पहली इलेक्ट्रिक कार 1832 से 1839 के बीच स्कॉटिश आविष्कारक रॉबर्ट एंडरसन Scottish inventor Robert Anderson ने नॉन—रिचार्जेबल प्राइमरी सेल से चलने वाला इलेक्ट्रिक कैरिज का आविष्कार कर डाला था.
हालांकि यह एक व्यावहारिक और सफल व्हीकल नहीं था. थॉमस अल्वा एडिसन Thomas Alva Edison ने भी कारों का भविष्य Future of Cars इलेक्ट्रिक कारों में देखा था और पावरफुल बैटरी वाले कॉमर्शियल व्हीकल तैयार करने का मिशन 1899 में शुरू किया था. उनका यह मिशन पूरा नहीं हो सका मगर दुनिया के विभिन्न देशों के आविष्कारकों Car Inventors और आटोमोबाइल इंडस्ट्री Automobile Industry से जुड़ी कम्पनियों ने इलेक्ट्रिक कार की रिसर्च पर काम करना शुरू कर दिया था.
आधुनिक इलेक्ट्रिक कार Modern Electric Cars
आधुनिक इलेक्ट्रिक कारों की बात की जाए तो 2004 में टेस्ला मोटर्स Tesla Motors ने अपने इलेक्ट्रिक मॉडल Tesla Roadster के डवलपमेंट का काम शुरू किया. यह कार 2008 में सड़क पर उतारी गई. लीथियम-आयोन बैटरी Lithium-ion Battery से चलने वाली यह पहली सफल कार थी.
एक बार चार्ज करने के बाद लगभग 300 किलोमीटर तक दौड़ने वाली इस मॉडल की लगभग 2,450 कारें 2012 तक 30 से अधिक देशों में बेची गई. जुलाई 2009 में भी मित्सुबिशी Mitsubishi ने इलेक्ट्रिक कार का i-MiEV मॉडल जापान में उतारा.
इसके बाद कई कम्पनियों ने अपने इलेक्ट्रिक मॉडल के साथ-साथ हाइब्रिड मॉडल भी समय-समय पर बाजार में उतारे जो बिजली के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल जैसे परम्परागत ईंधन से भी चलते थे. इलेक्ट्रिक कारों की मॉडर्न सीरीज Modern series में निसान, रेनॉं, फोर्ड, टेस्ला, फॉक्सवेगन और मर्सीडीज जैसी कम्पनियों ने 17 से अधिक मॉडल 2017 तक लॉन्च किए.
भारत और इलेक्ट्रिक कार Electric Cars in India
भारत सरकार Govt. of India ने अपनी मंशा जता दी है कि 2030 तक भारतीय कार बाजार Indian Car Market में केवल इलेक्ट्रिक कारें ही बेची जा सकेंगी. यह अगर सम्भव होता है तो कार्बन उत्सर्जन का एक बड़ा हिस्सा कम हो सकेगा.
केवल भारत ही नहीं दुनिया के दूसरे देश भी पेट्रोल—डीजल जैसे परम्परागत ईंधन Fossil Fuel से चलने वाली कारों की बिक्री रोकना चाहती हैं. नार्वे 2025 तक पेट्रोल—डीजल कारों की बिक्री बंद करना चाहता है. वहीं जर्मनी ने 2030 और यूके ने 2040 तक केवल इलेक्ट्रिक कारें रखने का लक्ष्य रखा है.
भारत में केवल महिंद्रा इलेक्ट्रिक Mahindra Electric ही ईवी पर काम रही है जो केवल 140 किलोमीटर रेंज और 85 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वाली इलेक्ट्रिक कार बनाने में ही सक्षम है. हालांकि 350 वोल्ट की बैटरी पर काम चल रहा है जिसके बाद टॉप स्पीड 200 किलोमीटर और रेंज 350 किलोमीटर तक पहुंचने की सम्भावना है.
निकट भविष्य की इलेक्ट्रिक कार Future Next electric Cars
आने वाले कुछ सालों की बात करें तो जो कारें हमारे सामने होंगी उनके पहले मॉडल लगभग तैयार हैं और कुछ तो मार्केट में आ भी चुकी हैं. भविष्य की अल्ट्रा मॉडर्न कारों Ultra-Modern Cars के बारे में जानने से पहले एक नजर हमारी मॉडर्न इलेक्ट्रिक कारों पर डालते हैं.
जगुआर आई-पेस (Jaguar I-Pace)
जगुआर की यह कार लॉस एंजिल्स आटो शो Los Angeles Auto Show 2015 में नजर आई थी. 90 किलोवॉट/घंटा 90 kilowatt-hour क्षमता की यह कार 400 हॉर्सपावर की है. अमेरिका में यह कार 2018 की शुरूआत में ही सड़कों पर नजर आने वाली है.
निसान लीफ (Nissan Leaf 2.0)
टोक्यो मोटर शो Tokyo Motor Show 2015 में रिवील हुई इस कार को अभी सड़क पर उतरने में वक्त है मगर 2018 तक इसे देखा जा सकता है. निसान Nissan की यह कार 200 मील रेंज में है. इस कार की बैटरी 60 किलोवॉट/घंटा 60 kilowatt-hour है.
फॉक्सवेगन ई-गोल्फ (Volkswagen e-Golf)
साधारण सा दिखने वाला फोक्सवेगन का यह मॉडल भी 186 मील की रेंज में है. कम्पनी के अनुसार यह मॉडल 2018 में मार्केट में होगा. अभी इस मॉडल की ज्यादा समीक्षाएं एक्स्पर्ट्स की ओर से आनी बाकी हैं. हालांकि मार्केट में इस मॉडल के लॉन्च होने में भी वक्त है.
पोर्श मिशन-ई (Porsche Mission-E)
अपनी आटोमोबिल डिजाइन के लिए अव्वल रहने वाली कम्पनी ने यह विशेषता अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल में भी बरकरार रखी है. इलेक्ट्रिक होने के बावजूद भी यह 600 हॉर्सपावर क्षमता की कार है. कम्पनी का दावा है कि महज 3.5 सैकंड में 60 मील रफ्तार को छूने वाली यह कार एक चार्ज में 300 मील कवर कर सकेगी. इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि यह कार 15 मिनट में 80 प्रतिशत तक चार्ज हो सकती है. अभी तक इस कार के बैटरी सिस्टम का खुलासा नहीं हो पाया है.
टेस्ला-3 (Tesla-3)
लम्बे समय से इलेक्ट्रिक कार के रिसर्च एंड डवलपमेंट में जुटी टेस्ला कम्पनी का यह मॉडर्न मॉडल है. पूरी दुनिया की आटोमोबाइल इंडस्ट्री की नजरें इस मॉडल पर टिकी हैं. 215 मील रेंज की रफ्तार के कारण यह मॉडल सबका चहेता बन चुका है. यह मॉडल भी अगले साल सामने होगा.
शेवरले बोल्ट-ईवी (Chevrolet Bolt EV)
जनरल मोटर्स General Motors की यह कार पहले ही बाजार में आ चुकी है. इसकी क्षमता 200 हॉर्सपावर है. इसके स्पेशियस इंटीरियर और Baggage स्पेस ने लोगों को खूब लुभाया है. इस कार में 60 मील की रफ्तार को केवल सात सैकंड के पिकअप में छूने की क्षमता है.
हुंडई ई-एसयूवी (Hyundai E-SUV)
दूसरी कम्पनियों ने जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल कार सेगमेंट EV Car Segment में लग्जरी, हैचबैक और सिडान मॉडल तैयार किए हैं वहीं हुंडई कम्पनी एसयूवी मॉडल तैयार कर रह है. यह हुंडई की पहली लोंग—रेंज इलेक्ट्रिल व्हीकल है. कम्पनी के अनुसार यह मॉडल 2018 में बाजार में आने वाला है.
मर्सीडीज जेन-ईक्यू (Mercedes Gen-EQ)
मॉडर्न इलेक्ट्रिक कार की दौड़ में जर्मनी की इस लग्जरी कार कम्पनी ने भी एंट्री ली है. मर्सीडीज ने एसयूवी सेगमेंट SUV Segment में 400 हॉर्सपावर का एसयूवी ईवी मॉडल उतारने की तैयारी की है. इंडस्ट्री को आशा है कि गैस से चलने वाली कारों के सेगमेंट में धाक जमाने वाली यह कम्पनी इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट भी परचम फहरा सकती है.
नियो ईपी-9 (NIO EP9)
इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट EV Segment में मॉडल डिजाइन के हिसाब से यह एक इलेक्ट्रिक सुपरकार EV Supercar है. 200 मील कवर कर सकने वाली यह कार पावर के नजरिए से अतुलनीय है. इस कार का डिजाइन ही कारों के शौकीन लोगों में रोमांच पैदा कर देता है.
फोर्ड ई-एसयूवी (Ford’s E-SUV)
फोर्ड कम्पनी ने स्मार्ट और स्मॉल ईवी Smart and Small EV बाजार में उतारने की तैयारी की है. फोर्ड जिस इलेक्ट्रिक कार को बाजार में लाने जा रही है वह कार एक चार्ज में 300 मील तक दौड़ सकेगी. हालांकि यह कार 2020 तक मार्केट में आएगी.
भविष्य की अल्ट्रा-माडर्न इलेक्ट्रिक कार Ultra-Modern EVs of Future
आइए अब जरा अपनी इमेजिनेशन को एक्टिव कीजिए क्योंकि अब हम बात करने वाले हैं उन इलेक्ट्रिक कार की जो आटोमोबाइल का भविष्य बनने वाली हैं. दी गार्जियन the guardian अखबार के सम्पादकीय में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक कारें दुनिया बदल देंगी.
सबसे बड़ी बात है कि जहां दुनिया की सभी कम्पनियां 2018 तक अपने इलेक्ट्रिकल व्हीकल EVs लॉन्च करने वाली हैं वहीं गार्जियन अखबार के एडिटोरियल में छपा है कि आटोमोबाइल दुनिया की एक बड़ी कम्पनी वोल्वो Volvo ने घोषणा की है कि 2019 के बाद यह कम्पनी कोई पेट्रोल कार नहीं बनाएंगी.
इससे स्पष्ट है कि भविष्य इलेक्ट्रिक कार का ही है. सितम्बर 2017 में नेशनल ज्योग्राफी की वेबसाइट पर पब्लिश हुए एक आर्टिकल के अनुसार 2014 तक दुनिया की सड़कों पर इलेक्ट्रिक कार ही राज करेंगी. एक और बड़े सर्वे के अनुसार 2020 से लेकर 2030 के बीच का समय दुनिया के ट्रांसपोर्टेशन को बदल डालेगा. मतलब साफ है कि इलेक्ट्रिक कार का समय आ रहा है.
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