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रामनाथ कोविंद का जीवन परिचय
भारत के 14वें राष्ट्रपति चुने गए रामनाथ कोविन्द के जीवन, परिवार और देश के लिए उनके योगदान के बारे में जानते हैं.
मोरारजी देसाई के निजी सचिव रहे हैं कोविंद
राष्ट्रपति चुने जाने से पहले रामनाथ कोविंद बिहार के गवर्नर रहे हैं. कोविंद ने कानपुर विश्वविद्यालय से वकालत की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वकील के तौर पर अपना करियर शुरू किया. वे दिल्ली हाई कोर्ट में 1977 से केन्द्र सरकार के वकील और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार के स्थायी वकील और एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड भी रहे हैं.
वे करीब 16 वर्ष तक सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में वकील के तौर पर सक्रिय रहे. दिल्ली में वकालत के दौरान वे वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार के समय में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय मोरारजी देसाई के निजी सचिव भी रहे . इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय रहते हुए राष्ट्रीय स्तर तक अनेक दायित्वों का निर्वहन किया.
रामनाथ कोविंद का योगदान Contribution of Ramnath Kovind
71 वर्षीय रामनाथ कोविंद का अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के हितों की संरक्षण के लिए बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है. 1993 में जब केन्द्र सरकार के एक आदेश के कारण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कर्मचारियों के हितों पर संकट आया तो रामनाथ कोविंद ने इसे दूर करने के लिए आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
आगे चलकर अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार ने संविधान में तीन संशोधन कर ये आदेश वापस ले लिए. कोविंद ने सांसद के तौर पर शिक्षा के उत्थान में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. वकालत के दिनों में उन्होंने फ्री लीगल एड सोसायटी के माध्यम से समाज के वंचित एव अभावग्रस्त वर्ग को निशुल्क कानूनी मदद उपलब्ध कराने में भी अहम योगदान दिया.
रामनाथ कोविंद का परिवार Family of Ramnath Kovind
संसदीय जीवन Parliamentary Career of Ramnath Kovind
रामनाथ कोविंद को पहली बार 1994 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य चुना गया और लगातार दो बार यानी करीब 12 वर्ष तक वे राज्यसभा सदस्य रहे. कोविंद अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण, गृह मामले, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, विधि एवं न्याय विषयों पर संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं. वे राज्यसभा की आवास समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं.
कोविंद ने वर्ष 2002 में संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को सम्बोधित किया. वे अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, थाईलैण्ड, नेपाल, पाकिस्तान, सिंगापुर, जर्मनी और स्विट्जरलैण्ड की यात्रा कर चुके हैं.
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