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कोरोना वायरस से बचने का आयुर्वेदिक इलाज
कोरोना वायरस ने चीन में तबाही मचा रखी है और चीन ने इससे निपटने के लिये अपने सारे संसाधन झोंक रखे हैं. भारत चीन का पड़ोसी मुल्क है, ऐसे में इस वायरस के भारत आने की बहुत संभावना है. इस वायरस के कुछ संदिग्ध भारत के कई राज्यों जिनमें केरल, बिहार और राजस्थान शामिल है, पाये गये हैं.
अगर यह वायरस भारत में फैलता है तो आपको इससे कैसे बचना होगा, इसका आयुर्वेदिक उपाय आपको बता रहे हैं. यह उपाय आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देंगे और अगर ईश्वर न करें, कहीं आपको इस वायरस से सामना हुआ तो आपका शरीर ज्यादा मजबूती से इसको झेल पायेगा.
आपको निम्न स्टेप्स का पालन करना होगा, इनकी मदद से न सिर्फ आप बीमारी से बचे रहेंगे बल्कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिये आपका शरीर तेजी से तैयार हो जायेगा-
- अपनी स्वच्छता पर पूरा ध्यान दें और गंदगी से दूर रहने की कोशिश करें.
- अपने हाथ और चेहरे को साफ पानी और साबुन से कम से कम 20 सेकेण्ड तक धोयें.
- अपने साथियों और अपरिचितों से हाथ मिलाने और शारीरिक संपर्क में आने से बचें.
- अपने हाथों से अपनी आंखों, नाक और मूंह को बिना जरूरत के न छुये, अगर आपको यह करना पड़ रहा है तो अपने हाथों को पहले साफ पानी और साबुन से धोयें.
- बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें.
- अगर आप स्वयं बीमार हैं तो घर से बाहर न निकलें और ज्यादा से ज्यादा आराम करें.
- अपने हाथों को हैंड सैनेटाइजर की मदद से साफ रखें.
- सार्वजनिक स्थानों पर संक्रमण से बचने के लिये एन95 मास्क का उपयोग करें.
- अगर आप बीमार हैं और आपको लगता है कि आपकी बीमारी के लक्षण कोरोना वायरस से मिलते-जुलते हैं तो तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें.
कोरोना वायरस से बचने का आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद में उपचार आपके शरीर के रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत बनाने पर आधारित होता है. आयुर्वेदिक औषधियां आपके शरीर को मजबत बनाती है ताकि शरीर रोगो से लड़ सके. यहां जो उपचार बताये जा रहे हैं वह आपके शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनायेंगे.
- 5 ग्राम अगस्त्य हरितयाकी, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ लेवें.
- संशमनी वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार सेवन करें.
- 5 ग्राम त्रिकटू (पिपली, मरिच और सौंथी) पाउडर और तुलसी के 3-4 पते लेकर उसे 1 लीटर पानी में तब तक उबाले जब तक वह आधा लीटर न हो जाये। इसके बाद इसे एक साफ बोतल में भरकर रख लें और प्यास लगने पर इसका सेवन करें.
- प्रतिमर्श न्यास विधि का उपयोग करते हुये रोज सुबह अनु तेल या तिल तेल की दो बूंदे अपनी दोनो नासिकाओं में डालें.
नोटः यह विधि आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी की गई है. इसका उपयोग किसी रजिस्टर्ड आयुर्वेदाचार्य से परामर्श के उपरांत ही करने की सलाह दी जा रही है.
कोरोना वायरस से सामने आने वाले लक्षण
कोरोना वायरस में कोई विशेष लक्षण सामने नहीं आता है. इस वायरस का संक्रमण होने पर बुखार, सांस लेने में तकलीफ और सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. यह वायरस मानव के श्वसन तंत्र पर हमला करता है. बीमारी ज्यादा फैलने पर किडनियां प्रभावित होती है.
इस वायरस के साथ खतरनाक बात यह है कि यह मानव से मानव में आसानी से फैलता है. यह बीमार के बाॅडी फ्ल्यूड्स में पाया जाता है इसलिये इस बीमारी के संदिग्धों के आस-पास आने पर भी संक्रमण का खतरा बना रहता है.
किससे फैलता है corona virus?
वैज्ञानिक अभी तक यह खोज नहीं पाये है कि आखिर यह वायस मनुष्य में किस जानवर के माध्यम से पहुंचा है. अभी तक इस मामले में कयास ही लगाये जा रहे हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि चीन में चमगादड़ो के मांस के माध्यम से इस वायरस ने आदमी के शरीर में प्रवेश किया है. चीन में लगभग सभी जंगली जानवरों का मांस खाया जाता है. इसमें चमगादड़ भी शामिल हैं.
चीन का वुहान शहर जंगली जानवरों के मांस का बड़ा बाजार माना जाता है और यहां चमगादड़ों से बने व्यंजन खाने की पुरानी परम्परा है, ऐसे में यह माना जा रहा है कि किसी संक्रमित चमगादड़ के मांस की वजह से मनुष्य में यह वायरस आ गया है. चीन की सरकार ने इस संभावनरा को देखते हुये मांस न खाने की एडवाइजरी भी जारी की है.
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