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शेहला राशिद का जीवन परिचय
शेहला राशिद अपने काम की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहती हैं. इस युवा नेता को जेएनयू में लगे नारों के बाद लोग विशेष तौर पर पहचानने लगे हैं. शेहला समय-समय पर अपने विचारों की वजह से सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर रही हैं. इनके कई ट्वीट्स और सोशल मीडिया मैसेज विवादों में रहे हैं. यहां हम उनके जीवन के कुछ अनछुये पहलुओं के बारे में बता रहे हैं.
शेहला का आरंभिक जीवन – Early life of Shehla Rashid
शेहला राशिद का पूरा नाम शेहला राशिद शोरा है. इनका जन्म जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में हुआ. अपनी स्कूली शिक्षा इन्होंने यहीं से पूरी की. इसके बाद इन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाॅजी से कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की. इसके बाद कुछ समय तक इन्होंने बतौर इंजीनियर एचसीएल टेक्नोलाॅजी में काम किया.
शेहला राशिद का राजनीतिक जीवन – Political Career of Shehla Rashid
शेहला राशिद के जीवन में बड़ा बदलाव तब आया जब इन्होंने नौकरी छोड़कर कश्मीर में बाल अधिकारों और महिला सशक्तीकरण के लिये काम करना शुरू किया. इस काम को करते हुये उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र से मास्टर्स की पढ़ाई शुरू कर दी. इसके बाद इसी संस्थान से इन्होंने कानून और व्यवस्था में एम. फिल. की पढ़ाई कर रही हैं.
शेहला राशिद ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में वाम विचार वाले छात्र संगठन आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन या आइसा की सदस्यता ले ली. 2015 में शेहला को इस संगठन ने जेएनयू में वाइस प्रेसीडेंट के पद पर चुनाव लड़वाया. उन्होंने इस चुनाव में जीत हासिल की. इसी साल शेहला ने स्काॅलरशिप करने के यूजीसी के फैसले का बड़ा विरोध किया और पहली बार अखबारों में जगह पाई.
शेहला राशिद और जेएनयू विवाद – Shehla Rashid JNU Controversy
शेहला राशिद के राजनीतिक जीवन में बड़ा बदलाव तब आया जब 9 फरवरी, 2016 को जेएनयू में देश विरोधी नारे लगे और इस विवाद के बाद जवाहर लाल नेहरू स्टुडेंट यूनियन के प्रेसीडेंट कन्हैया कुमार के साथ उमर खालिद और कुछ अन्य छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया. शेहला ने इसके विरोध में आंदोलन किया और न्यूज चैनल्स पर वह अपने साथियों का पक्ष रखते हुये दिखाई पड़ी.
शेहला राशिद और कश्मीर – Shehla Rashid on Kashmir issue
शेहला राशिद कश्मीर की रहने वाली है और वे अक्सर कश्मीर में भारत सरकार की नीतियों की आलोचना करती रहती है. इस आलोचना को एक तरफा मानने वाले लोग उनका कड़ा विरोध करते हैं. जेएनयू में हुयी नारेबाजी में भी कश्मीरी छात्रों पर ही संदेह किया जा रहा है. ऐसे में शेहला को उस प्रकरण में भी पक्ष लेने पर गलत ठहराया जाता रहा है.
समय के साथ वे कश्मीर के उन प्रमुख महिलाओं में शामिल हो गये जिनकी पहचान पूरे देश और दुनिया में हैं. फिलहाल उन्हांेने कश्मीर में एक नये राजनीतिक दल जम्मू-कश्मीर पीपल्स मुवमेंट को ज्वाइन कर लिया है. इस पार्टी को भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक पूर्व अधिकारी शाह फैसल ने बनाया है जो कश्मीर की मुख्यधारा के दलों की तरह चुनाव में हिस्सा लेगी.
शेहला राशिद से जुड़े विवाद – Shehla Rashid Controversies
शेहला राशिद अपने विचारों की वजह से अक्सर विवाद में आ जाती हैं. इन विवादों की वजह से उन पर कई मामले दर्ज हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने इन पर फरवरी 2017 में फेसबुक पर किये गये कमेंट को आपत्तिजनक मानते हुये एफआईआर दर्ज करवाई.
27 अक्टूबर, 2018 को एक बड़ा विवाद तब हुआ जब उन्होंने इस्लाम अपनाने वाले आईरिश गायक सुहाडा डेविट को इसके लिये बधाई दी. इसके बाद उनकी चारों ओर भारी आलोचना होने लगी और शेहला ने अपना ट्वीटर अकाउंट डिएक्टीवेट कर दिया.
19 फरवरी, 2019 को देहरादून पुलिस ने शेहला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जब उन्होंने अपने ट्वीटर अकाउंट पर कश्मीरी लड़कियों के एक होस्टल में फंसे होने का दावा किया जो बाद में झूठा निकला.
19 अगस्त, 2019 को दिल्ली में शेहला राशिद की शिकायत दर्ज करवाई गई, जब उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर भारतीय सेना द्वारा कश्मीरी युवाओं को पीटने और उसका प्रसारण लाउड स्पीकर पर करवाने का दावा किया. सेना ने शेहला के इस आरोप को सिरे से खारिज किया और इसे अफवाह बताया.
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