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Amazing facts about Croatia in hindi – ​​क्रोएशिया के बारे में रोचक तथ्य

History-geography and amazing facts about Croatia in hindi - क्रोएशिया के बारे में जानकारी और रोचक तथ्य

​​क्रोएशिया के बारे में जानकारी और रोचक तथ्य

​क्रोएशिया ने फीफा फुटबॉल कप के फाइनल में पहुंच कर पूरी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया है. इस छोटे से देश के बारे में आइए आपको देते हैं, रोचक जानकारी. क्रोएशिया का पूरा नाम रिपब्लिक आफ क्रोएशिया है.

यह देश मध्य और दक्षिण यूरोप के बीच स्थित है. एड्रियाटिक सी के पास स्थित यह देश 56 हजार 594 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसकी Croatia capital राजधानी ज़गरेब या ज़ागरेब Zagreb Croatia है जो सावा नदी पर बसा हुआ है. यह इस देश का सबसे बड़ा शहर भी है.

इस देश में करीब 43 लाख लोग Croatia population निवास करते हैं, जिनमें से ज्यादातर रोमन कैथोलिक हैं. क्रोएशिया के नागरिको को क्रोएट्स कहा जाता है. क्रोएशिया एक बाल्कन देश है जो युगोस्लाविया से अलग होकर बना है.

क्रोएशिया का इतिहास- History of Croatia

क्रोएशिया के बारे में माना जाता है कि 6वीं शताब्दी में क्रोएट्स Croatian people यहां आकर बस गए और 9 वीं शताब्दी तक वे इस स्थिति में आ गए कि अपना राजा चुन सके.

तोमिसलाव 925 ईस्वी में क्रोएशिया का पहला राजा बना. 910 ईस्वी में उसे ड्यूक आफ क्रोएशिया बनने का मौका मिला था और उसने 928 ईस्वी तक राज किया. 

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तोमिसलाव ने बुल्गेरियन साम्राज्य से लड़ने के लिए बेंजेंटाइन साम्राज्य से संधि की और बुल्गारिया से युद्ध लड़ा. इस राजवंश ने लगभग दो शताब्दियों तक क्रोएशिया पर राज्य किया.

पीटर कैसेमिर चतुर्थ और दिमित्र जोवोनमिर इस राजवंश के सबसे प्रतापी शासक रहे. क्रोएशिया के इतिहास में एक बड़ा अध्याय तब जुड़ा जब उसने 1102 में हंगरी के साथ एक यूनियन में शामिल होने का फैसला लिया. 15वीं शताब्दी तक यह यूनियन बना रहा.

उस वक्त आटोमन साम्राज्य अपने उत्थान पर था और आटोमन राजाओं ने 1527 में क्रोएशिया पर अधिकार कर लिया. क्रोएशिया की ससंद ने फर्डीनेंड आफ हेसबर्ग को अपना राजा स्वीकार कर लिया.

यूगोस्लाविया वन और क्रोएशिया Yugoslavia-1 and Croatia

क्रोएशिया स्लाव जाति के लोगों का देश है. स्लाव जाति के लोग रूस और युगोस्लाविया में बिखरे हुए हैं. इन लोगों को इनकी भाषा स्लाव  Croatia language के आधार पर यह विशेषण दिया गया है.

15 वीं शताब्दी से ही बाल्कन देशों पर दो राजवंशों का प्रभाव रहा और इन पर आधिपत्य को लेकर उनमें जंग चलती रही. आटोमन साम्राज्य और आस्ट्रिया हंगरी इन बाल्कन देशों को लेकर आपस में लड़ते रहें लेकिन 19 वीं सदी आते—आते आटोमन साम्राज्य का अंत हो गया।

क्रोएशिया 1878 में हुई बर्लिन के संधि के कारण 19वीं सदी के आरंभ में टुकड़ों में बंट गया. एक हिस्सा फ्रांस के प्रभाव वाले इलारियन प्रोविंस में चला और दूसरा टुकड़ा हंगरी और आस्ट्रीया के प्रभुत्व वाले बोस्निया हर्जेगोविना में चला गया.

प्र​थम विश्व युद्ध भी इन बाल्टिक देशों की आपसी खींचतान के कारण ही शुरू हुआ. दरअसल सर्बिया बोस्निया हर्जेगोविना को अपना हिस्सा मानता था और आस्ट्रिया ने उस पर कब्जा किया हुआ था. 

सर्बिया के लोगों ने ही आस्ट्रिया के राजकुमार फर्डिनेंड की हत्या कर दी, जिससे पहला विश्व युद्ध शुरू हो गया. इस युद्ध में आस्ट्रिया का पतन हो गया. प्रथम विश्व से पहले बाल्कन देश दो लडाइयां लड़ चुके थे जिन्हें पहला बाल्कन युद्ध 1912 और दूसरा बाल्कन युद्ध 1913 कहा जाता है.

इन दोनों युद्धों में बुल्गेरिया ने विशेष रोल निभाया. आस्ट्रिया से आजाद होने के बाद 1918 में सात  बाल्टिक देशों स्लोवेनिया, क्रोएशिया, वोज्वोडिना, बोस्निया—हर्जेगोविना, मोंटेनिग्रो और सर्बिया ने मिलकर किंगडम आफ सर्बस क्रोएट्स एंड स्लोवेन्स का निर्माण किया.

1929 में इसका नाम बदलकर किंगडम आफ युगोस्लाविया कर दिया गया. इसे युगोस्लाविया—वन के नाम से भी जाना जाता है. सर्बिया के राजा को युगोस्लाविया का राजा स्वीकार कर लिया गया.

किंगडम आफ युगोस्लाविया में सर्ब्स का बोलबाला था. हरेक फैसले में उनकी बात सुनी जाती थी और दूसरे जाति समूहो जैसे स्लोवेनियन्स, क्रोएशियन्स और बोस्नियन्स को अनदेखा किया जाता था इससे युगो​स्लाविया में असंतोष गहराने लगा और जगह—जगह विद्रोह के स्वर उठने लगे.

क्रोएशिया में क्रोएट्स ने अपना एक मिलिशया बना लिया, जिसे नाम दिया उस्तासे या उस्तास. इसने क्रोएशिया के रूप में अलग देश बनाने की मांग रखी.

युगोस्लाविया—टू और क्रोएशिया- Yugoslavia-2 and Croatia

1941 में जब दूसरा विश्व युद्ध आरंभ हुआ तो युगोस्लाविया में उभर रहे इस असंतोष को भुनाने के लिए इटली ने क्रोएशिया के अलग मुल्क की मांग का समर्थन किया और उस्तास को प्रोत्साहन दिया.

इससे क्रोएशिया में रहने वाले सर्ब्स और क्रोएट्स में हिंसक झड़पें शुरू हो गई. इटली ने सर्बिया पर आक्रमण कर दिया और उस पर अधिकार कर लिया. क्रोएशिया को अलग मुल्क बनाने का आश्वासन दिया लेकिन दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति पर इटली की हार हुई और रूस जीत गया. 

रूस की जीत ने सर्बिया को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया और क्रोएशिया की अलग मुल्क बनने की मांग को दबा दिया गया. साम्यवादी क्रांति के प्रभाव में युगोस्लाविया का एक बार फिर गठन किया.

इस नये युगोस्लाविया में सभी पुराने सदस्यों को रखा गया लेकिन राजतंत्र समाप्त कर दिया गया. सर्बिया के राजा ने लंदन में शरण ली. युगो​स्लाविया किंगडम से बदलकर 1945 में सोशलिस्ट रिपब्लिक आॅफ युगोस्लाविया बन गया. क्रोएशिया को भी रिपब्लिक आफ क्रोएशिया का नाम दे दिया गया. जिसे युगो​स्लाविया—2 भी कहा जाता है.

मार्शल टीटो और क्रोएशिया- Marshal Tito and Croatia

इस नये सोशलिस्ट रिपब्लिक का नेता जोसेफ ब्रोज टीटो को बनाया गया जिन्हें मार्शल टीटो भी कहा जाता है. इन्होंने साम्यवादी प्रथा के अनुसार वन पार्टी गवर्नमेंट के सिद्धान्त पर चलते हुए कभी बहुपार्टी चुनाव नहीं होने दिए और 1980 तक लगातार पहले प्रधानमंत्री और बाद में राष्ट्रपति के तौर पर शासन करते रहे. इन्होंने एक तानाशाह के तौर पर शासन किया जिसने अपने विद्रोहियों को या तो मरवा दिया या फिर जेल में डलवा दिया.

इसके बाद भी आम जनता से टीटो का सलूक अच्छा रहा और वे सभी रिपब्लिक्स को अपने साथ लेकर चलते रहे. मार्शल टीटो को बेनीवोलेन्ट डिक्टेटर कहा जाता है. उन्होंने ब्रदरहुड एंड यूनिटी का नारा दिया. इसी बीच जब भी क्रोएशिया से आजादी की आवाजें उठी तो उनका दमन कर दिया गया.

उन्होंने नाम या गुटनिरपेक्ष आंदोलन की स्थापना की जिसका भारत भी सदस्य बना. 1980 में उनकी मौत के बाद युगोस्लाविया में एक बार फिर अलगाव की बात उठने लगी और 10 साल बाद युगोस्लाविया टूट गया.

उत्तरी युगोस्लाविया और दक्षिणी युगोस्लाविया- North Yugoslavia Vs South Yugoslavia

मार्शल टीटो के मरने के बाद इस गुट में शामिल सभी देशों में राष्ट्रवाद की भावना में उभार आया क्योंकि अभी तक सभी फैसलों में सर्ब्स का ही बोलबाला था. नये राष्ट्रपति बनाने के लिए रोटेशन प्रेसीडेन्सी का सिद्धान्त अपनाया गया.

इस सिद्धान्त के अनुसार हरेक रिपब्लिक के राष्ट्रपति को बारी—बारी से युगोस्लाविया का राष्ट्रपति बनने का मौका मिलेगा. इस सिद्धान्त से देश को नुकसान हुआ और केन्द्रिय शक्ति कमजोर हुई. इस सिस्टम से वह देश का राष्ट्रपति बनने लगा जिनके पास ज्यादा रिपब्लिक के वोट थे.

उत्तरी युगोस्लाविया में दो रिपब्लिक स्लोवेनिया और क्रोएशिया थे जबकि दक्षिणी युगोस्लाविया में 5 रिपब्लिक और आटोनॉमस क्षेत्र थे. ऐसे में देश का राष्ट्रपति ज्यादातर दक्षिण युगोस्लाविया से ही चुनकर आने लगा. 

उत्तरी युगोस्लाविया ज्यादा सम्पन्न था और दक्षिण युगोस्लाविया ज्यादा गरीब था. स्लोवेनिया और क्रोएशिया दोनों ही अपना पैसा बांटना नहीं चाहते थे जबकि स​र्बिया इसके वितरण के पक्ष में था.

इसी बीच सर्बियाई नेता स्लोबोदान मिलावेसिच का उदय हुआ. उसने क्रोएशिया और स्लोवेनिया का दमन करना शुरू कर दिया. 1990 में साम्यवादी सरकार की कांग्रेस बुलाई गई, जिसमें मिलावेसिच ने क्रोएशिया और स्लोवेनिया के सभी प्रस्तावों को मानने से इंकार कर दिया.

इन दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने कांग्रेस से वॉकआउट किया और क्रोएशिया ने अपनी आजादी के बारे में गंभीरता से सोचना शुरू कर दिया.

आजादी की राह पर क्रोएशिया Freedom of Croatia

क्रोएशिया के प्रतिनिधियों ने वापस लौटकर चुनाव की घोषणा कर दी और उनके देश में पहली बार मल्टी पार्टी इलेक्शन हुए. साम्यवादियों की हार हुई और राष्ट्रवादियों ने जीत दर्ज की.

इस चुनाव से राष्ट्रवादी पार्टी के फ्रेनियो टूडमान सत्ता में आ गए. टूडमान ने क्रोएशिया के झंडे के तौर पर उसी मिलिशिया उस्तास के प्रतीक चिन्ह को अपनाया जिसने दूसरे विश्व युद्ध में सर्बिया के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और सर्ब्स का जनसंहार किया था. उनके इस कदम से क्रोएशिया में रहने वाले सर्ब्स आक्रोशित हो गए.

उन्हें एक बार फिर 1945 में हुए नरसंहार की याद आ गई और उन्होंने सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया. युगोस्लाविया की पीपल्स आर्मी ने विद्रोहियों का साथ दिया और क्रोएशिया की सरकार को गिरा दिया गया.

इससे स्लोवेनिया और क्रोएशिया में असंतोष फैल गया और आजादी के लिए इन दोनों रिपब्लिक्स के लोगों ने रेफरेंडम करवाया. 1990 में स्लोवेनिया में जनमत संग्रह हुआ और 1991 में क्रोएशिया में. दोनों देशों के लोगों ने आजादी की मांग पर मुहर लगा दी. क्रोएशिया ने 25 जून 1991 को अपनी आजादी की घोषणा की दी.

सर्बिया ने इसे मानने से इंकार कर दिया और पीपल्स आर्मी आफ यूगोस्लाविया ने क्रोएशिया और स्लोवेनिया पर हमला कर दिया. स्लोवेनिया ने पहले से ही इस युद्ध की तैयारी कर रखी थी और उसने महज 10 दिनों में युगोस्लाविया को हरा दिया.

युगोस्लाविया ने उसकी आजादी को स्वीकार कर लिया. क्रोएशिया का संघर्ष चलता और क्रोएट्स पर सर्ब्स का जुल्म बढ़ गया. इस स्थिति को देखकर मेसी​डोनिया जो अभी तक तटस्थ बना हुआ था उसने भी युगोस्लाविया से खुद को अलग कर लिया. मेसीडोनिया को भी एक आजाद मुल्क के तौर पर मान्यता मिल गई.

क्रोएशिया का संघर्ष और बोस्निया युद्ध Croatia and Bosnia War

यूरोपीय देशों ने क्रोएशिया और सर्बिया में शांति स्थापित करने के लिए हेग में शांतिवार्ता बुलाई लेकिन मिलोसेविच ने इस वार्ता को असफल कर दिया क्योंकि उसे विश्वास था कि क्रोएट्स के पास सर्बिया से लड़ने की ताकत नहीं है.

युगोस्लाव आर्मी ने क्रोएशिया के कई शहरों पर कब्जा कर लिया और क्रोएट्स का नरसंहार किया जाने लगा. एथनिक क्लीजिंग जैसा बोस्निया युद्ध में हुआ वैसा कोई दूसरा उदाहरण मानव इतिहास में नहीं मिलता. बहुसंख्यक होने के बावजूद क्रोएट्स का बड़े पैमाने पर नरसंहार हुआ.

सर्ब्स ने उनसे शहर के शहर खाली करवा लिए. इतने दमन के बाद भी क्रोएट्स ने लड़ना जारी रखा. इस नरसंहार को रोकने लिए यूएन ने हस्तक्षेप किया लेकिन इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा और सर्ब्स जातिय नरसंहार करते रहे. 

यूरोपीय देश इससे चिंतित हो उठे और आखिर में नाटो ने इस युद्ध को खत्म करने का फैसला लेते हुए हवाई हमले शुरू कर दिए. सर्बिया ज्यादा दिनों तक इन हमलों के सामने टिक नहीं सका और उसने हथियार डाल दिया.

1995 में अमेरिका के डेटन में डेटन अकोर्ड संधि पर हस्ताक्षर हुए और बोस्निया युद्ध समाप्त हुआ. इसके बाद क्रोएशिया पूरी तरह आजाद हुआ. बोस्निया—हर्जेगोविना नया मुल्क बना. 

सीज आफ साराजेवो siege of sarajevo

बोस्निया युद्ध में साराजेवो शहर की घेराबंदी जो सीज आॅफ साराजेवो कहलाता है बहुत मशहूर हुआ. बोस्नियन सर्ब्स ने 4 साल तक शहर को घेरे रखा. दिन रात गोलाबारी की.

स्नाइपर्स ने गलियों तक में लोगों का निकलना मुश्किल कर दिया. दिखाई देने वाले हरेक शख्स को मार दिया जाता था लेकिन इतने जुल्मों के बाद भी वे इस शहर को जीत नहीं पाए और आखिर मे 4 साल बाद इस घेराबंदी को बिना किसी निर्णय के समाप्त करना पड़ा. 

क्रोएशिया में पर्यटन Croatia tourism

क्रोएशिया अपने सुंदर पर्यटकीय स्थलों के पूरी दुनिया में जाना जाता है. सुंदर समुद्र तट, प्राकृतिक और सुरम्य नेशनल पार्क, यूरोपीय शैली के चर्च और आधुनिक इमारते इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती है. यहां हम क्रोएशिया के प्रमुख पर्यटन स्थल दे रहे हैं.

➤ Dubrovnik Old Town Walls

➤ Diocletian’s Palace in Split

➤ Hvar Town

➤ Plitvice National Park

➤ Zagreb’s Gornji Grad

➤ Sailing Around Kornati National Park

➤ Zadar’s Romanesque Churches

➤ Zlatni Rat Beach

➤ Korčula Town

➤ Mljet National Park

➤ Rovinj

➤ Brijuni National Park

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