X

मोमासर उत्सव : Momasar Festival of Shekhawati in Hindi

मोमासर उत्सव : Momasar Festival of Shekhawati in Hindi

मोमासर उत्सव : शेखावाटी Momasar Festival of Shekhawati in Hindi

शेखावाटी का मोमासर उत्सव Momasar Festival हर साल की तरह लोक कलाकारों का दो दिनी सालाना जलसा जयपुर विरासत फाउंडेशन एवं मोमासर के निवासियों के सहयोग से आयोजित किया जाता है. इस साल 2019 में 16  और 17  अक्टूबर को यह फेस्टिवल आयोजित किया जाएगा.

क्या होता है मोमासर उत्सव में?

इस कार्यक्रम में लगभग 250 से अधिक स्थानीय लोक कलाकार अपनी प्रतिभा और कौशल दिखायेंगे. कार्यक्रम में राजस्थान के दुर्लभ संगीत और संगीतकारों की अदभुत कलाकारी देखने को मिलती है जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है. दो दिन तक चलने वाले इस उत्सव में कला की बारीकियों को सहजता से महसूस किया जा सकता है.

दो दिनों तक चलने वाले इस पारम्परिक उत्सव में कलाकार अपनी बोली और अपनी भाषा में तैयार किए हुए गीत संगीत प्रस्तुत करते हैं. पूरे उत्सव के दौरान कलाकारों के पास दुर्लभ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट देखने को आसानी से मिल जाते हैं.

उत्सव के पहले दिन गांव के मंदिर में गायन से शुरू होता है और दिनभर कलाकारों के रंग में सराबोर रहता है. शाम होते-होते कलाकार और संगीत प्रेमी गांव के ताल मैदान के नाम से प्रसिद्ध जगह पर एकत्र होते हैं और फिर राजस्थानी संस्कृति का जो रंग उस मंच पर देखने को मिलता है, शायद ही ऐसे नजारे कहीं और देखने को मिलें.

दो दिन तक चलने वाले फेस्टिवल में गोरबन्द, फार्म म्यूजिक, फोटोग्राफी, पेन्टिंग, पेन्टिंग एक्जिबिशन सहित राजस्थान की लुप्त होती कलाओं का आनन्द उठाया जा सकता है.

कला और कलाकारों का महाकुंभ Mahakumbha of Art & Artists

राजस्थान के बीकानेर जिले के मोमासर गांव Momasar Village में मनाया जाने वाला शेखावाटी उत्सव Momasar Festival राजस्थानी कला और कलाकारों का महाकुंभ है जहां राजस्थान की दुर्लभ कलाओं, विधाओं और कलाकारों को एक मंच पर देखा जा सकता है. कलाकारों का यह सालाना जलसा न केवल राजस्थान अपितु देश और दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है. सही मायने में यह एक ऐसा मंच है जो पूरे राजस्थान से लोक कलाकारों को एक मंच पर लाता है. इस त्यौहार में राजस्थान के कई गांवों सहित बीकानेर और जयपुर शहर के हजारों लोग भाग लेते हैं. यह उत्सव पूरे भारत के कई संगीतकारों और संगीत प्रेमियों को भी होस्ट करता है और दुनिया भर के कई लोग यहां आते हैं. देश-विदेश के छात्र और कला के क्षेत्र में रिसर्च करने वाले लोग इस फेस्टिवल में कला की बारीकियों और कला को नजदीक से जानने व समझने के लिए मोमासर आते हैं.

मोमासर गांव का परिचय About Momasar Village in Hindi

मोमासर गांव बीकानेर जिले की श्रीडूंगरगढ़ तहसील में स्थित है. यह गांव जयपुर-बीकानेर नेशनल हाईवे नंबर 11 (NH 11) पर जयपुर से लगभग 260 किमी दूर है. कहा जाता है कि 500 साल पुराने इस गांव की स्थापना मुमोजी मोयल नामक एक राजपूत ने की थी.

इस गांव में सभी वर्गों के लोग रहते है. पुरानी हवेलियों और बावड़ियों के लिए भी इसे जाना जाता है. मोमासर गाव के प्राचीन भोमिया जी  के मंदिर में राजस्थान भर से श्रद्धालु दर्शनों के लिए वर्षभर आते रहते हैं.

कैसे पहुंचे मोमासर How to Reach Momasar

रेल Train, सड़क Road, और हवाई मार्ग Air से मोमासर गांव तक बड़े ही आसानी से पंहुचा जा सकता है. सड़क मार्ग से जाने के लिए जयपुर से सीकर रतनगढ़ होते हुए राजलदेसर से करीब 40 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए मोमासर तक पहुंच सकते हैं. रेल मार्ग से जाने के लिए जयपुर से राजलदेसर तक ट्रेन से जाएं. वहां से जीप, टैक्सी या अन्य उपलब्ध वाहन से 40 किलोमीटर दूरी तय कर मोमासर पहुंच सकते है. हवाई मार्ग से जाने के लिये बीकानेर एयरपोर्ट पर पहुंच कर लगभग 100 किलोमीटर सड़क मार्ग से सफर तय कर मोमासर तक पहुँचा जा सकता है.
यह भी पढ़ें:

राजस्थान का हिल स्टेशन माउंट आबू

रानी की बाव के बारे में रोचक जानकारी

रामदेवरा की यात्रा की कैसे करें तैयारी?

लोकदेवता देवनारायण जी की कथा और महिमा

hindihaat: