भारतीय ज्योतिष में नक्षत्रों के स्वामी
भारतीय ज्योतिष में माने गए 28 नक्षत्रों के भी 28 विभिन्न देवता माने गए हैं. जिस देवता का जो स्वभाग है, उसी के अनुरूप उस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति का स्वभाव भी माना जाता है.
क्या होते हैं नक्षत्र?
भारतीय ज्योतिषियों ने सम्पूर्ण आकाश मण्डल को 27 भागों में विभक्त कर प्रत्येक भाग को एक-एक नक्षत्र की संज्ञा दे दी है. जिस तरह पृथ्वी पर स्थान की दूरी को किलोमीटर में नापा जाता है ठीक उसी तरह आकाश में एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी को नक्षत्रों के माध्यम से नापा जाता है. जिस प्रकार हमारी पृथ्वी पर नापने के लिए दूरी में किलोमीटर, मीटर और सेंटीमीटर होते हैं, उसी प्रकार प्रत्येक नक्षत्र के भी 4 चरण और 60 अंश होते हैं. कहीं कही नक्षत्रों के अंश को घटी के नाम से भी संबोधित किया जाता है.
कौन होते हैं नक्षत्र स्वामी ?
भारतीय ज्योतिष में इन नक्षत्रों को स्वतंत्र नहीं किसी न किसी देवता के अधीन माना गया है. इन नक्षत्र स्वामियों का अपने नक्षत्र पर प्रभाव होता है और उस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर नक्षत्र के गुणों के साथ ही उसके स्वामीपति के गुणों का भी प्रभाव पड़ता है.
क्र. | नक्षत्र | स्वामी |
1. | अश्विनी | अश्विनीकुमार |
2. | भरणी | काल |
3. | कृतिका | अग्नि |
4. | रोहिणी | ब्रह्मा |
5. | मृगशिरा | चन्द्रमा |
6. | आर्दा | रूद्र |
7. | पुनर्वसु | अदिति |
8. | पुष्य | बृहस्पति |
9. | अश्लेषा | सर्प |
10. | मेघा | पितर |
11. | पुर्वाफाल्गुनी | भग |
12. | उत्तरा फाल्गुनी | अर्यमा |
13. | हस्त | सूर्य |
14. | चित्रा | विश्वकर्मा |
15. | स्वाति | पवन |
16. | विशाखा | शुक्राग्नि |
17. | अनुराधा | मित्र |
18. | ज्येष्ठा | इन्द्र |
19. | मूल | निऋति |
20. | पूर्वाषाढ़ा | जल |
21. | उत्तराषाढ़ा | विश्वेदेवा |
22. | अभिजित | ब्रह्मा |
23. | श्रवण | विष्णु |
24. | धनिष्ठा | वसु |
25. | शतभिषा | वरूण |
26. | पूर्वाभाद्रपद | अजैकपाद |
27. | उत्तराभाद्रपद | अहिर्युध्म्य |
28. | रेवती | पूषा |
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