X
    Categories: health

health care-gender fitness महिलाएं ज्यादा फिट होती हैं या पुरूष?

gender fitness man-and-woman-fitness

महिला और पुरूष कौन ज्यादा फिट?

जीवन प्रत्याशा या जीवन जीने की अवधि को लेकर किए गए हालिया रिसर्च में सामने आया है कि gender fitness महिलाएं पुरूषों की तुलना में ज्यादा लंबे समय तक जीवित रहती हैं. गहराई से देखें तो दोनों के बीच ढेरों बीमारियों को लेकर संवेदनशीलता में बहुत सुक्ष्म अंतर है. फिर भी यह रिसर्च ढेरों आम धारणाओं को धाराशायी करता नजर आता है.

Gender Fitness ओस्टियोपोरोसिस

हड्डियों को पतला कर देने वाली यह बीमारी प्रमुख तौर पर महिलाओं से ही जोड़ी जाती रही है क्योंकि हिप ओस्टियोपोरोसिस के 75 प्रतिशत मामलों में उन्हें ही इस बीमारी का सामना करना पड़ा है हालांकि पचास की उम्र के बाद हर पांच में से एक पुरूष में इस बीमारी के लक्षण पाए जाते हैं लेकिन वे अनडायग्नोस्ड ही रह जाते हैं क्योंकि इस बीमारी को महिलाओं के साथ पूरी तरह जोड़ दिया गया है.
क्यों? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि महिलाओं की बोन डेन्सिटी पुरूषों के मुकाबले कम होती है और उम्र बीतने के साथ यह और कम होती जाती है, खासकर मेनोपाॅज के बाद एस्ट्रोजन के उत्सर्जन में कमी हो जाने से हड्डियों का क्षय बढ़ जाता है.

कम करें रिस्कः

इससे बचने के लिए कैल्शियम से भरपूर दुग्ध उत्पाद भोजन का प्रमुख हिस्सा होना चाहिए और विटामीन डी सप्लीमेंट को प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि पाया गया है कि भारतीय हड्डियों को पोषित करने वाले न्यूट्रेंन्टस का उपयोग कम करते हैं. इसके अलावा हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए वजन उठाने संबंधी कसरत रोज कम से कम 30 मिनट तक करना बेहतर होगा. यह अपने शरीर का वजन उठाने से लेकर एरोबिक्स तक कुछ भी हो सकता है जो आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायता कर सके.

Gender Fitness हृदय रोग

इस तथ्य के बावजूद की gender fitness पुरूषों को महिलाओं की तुलना में ज्यादा हार्ट अटैक आते हैं, इसे जेंडर पर बांट कर देखें तो आप पाएंगे कि महिलाओं और पुरूषों में इस बीमारी से मरने का अनुपात 50ः50 है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हार्ट अटैक के मामले में महिलाओं के मरने की संभावना ज्यादा होती है.
क्यों? मेनोपाॅज से पहले तक महिलाओं को हृदय रोग से बचाने में एस्ट्रोजन एक हार्ट प्रोटेक्टिव की तरह काम करता है लेकिन इसके बाद हृदय रोग की संभावना महिलाओं में समान उम्र के पुरूषों की तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ जाती है. 45 की उम्र तक महिलाओं की तुलना में पुरूषों में उच्च रक्तचाप की संभावना ज्यादा होती है जो हृदय रोग का एक प्रमुख कारक है लेकिन 70 की उम्र के बाद महिलाओं में रिस्क की दर पुरूषों की तुलना में ज्यादा हो जाती है.

कम करें रिस्कः

अगर आपको वजन कम करने की जरूरत हैं तो इसे कम करें, धुम्रपान न करे और 40 कर उम्र के बाद नियमित तौर पर अपने रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल की जांच कराते रहें. अगर आपके परिवार में हृदय रोग का इतिहास रहा है तो चालीस की उम्र से पहले ही इन सावधानियों को अपना लें तो बेहतर होगा.

Gender Fitness यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई)

महिलाओं में यौन संचारित संक्रमण होने की संभावना पुरूषों की तुलना में चार गुना तक ज्यादा होती है.
क्यों? ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि योनी की परत शिश्न की चमड़ी की तुलना में कहीं ज्यादा नाजूक और पतली होती है जिसकी वजह से बैक्टिरिया और वायरस को शरीर में प्रवेश करने के लिए ज्यादा आदर्श वातावरण मिलता है.

कम करें रिस्कः

इस समस्या से निजात पाने का सबसे सरल उपाय है कि सहवास के दौरान कंडोम का प्रयोग किया जाए.

Gender Fitness लिवर डैमेज

लिवर डैमेज की वजह से महिलाओं की तुलना में कहीं ज्यादा पुरूष मौत के मुंह में चले जाते हैं. इस बीमारी की वजह से जहां 40 प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु होती हैं वहीं पुरूषों में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत है लेकिन कम एल्कोहल इस्तेमाल करने के बावजूद महिलाओं में पुरूषों की तुलना में इस समस्या से ग्रसित होने की संभावना ज्यादा है.
क्यों? परम्परागत तौर पर पुरूष ज्यादा शराब पीते रहें है लेकिन महिलाओं में भी अब यह चलन आरंभ हो गया है लेकिन समस्या यह है कि कम शराब सेवन के बावजूद उनके शरीर में एल्कोहल को तोड़ने वाला एंजाइम पुरूषों की तुलना में कम स्रावित होता है, बाॅडी फैट तुलनात्मक रूप से ज्यादा होने के कारण यह तय हो जाता है कि उनका शरीर एल्कोहल की सांद्रता को उस स्तर तक कम नहीं कर पाता है ऐसे में महिलाओं एल्कोहल की ज्यादा मात्रा अपनी रक्त संचार प्रणाली में भेज देती है जो सीधे लीवर के संपर्क में आता है और लीवर खराब हो जाने की संभावना बढ़ जाती है.

कम करें रिस्कः

पुरूषों को 21 युनिट प्रति सप्ताह और महिलओं को 14 युनिट प्रति सप्ताह से अधिक शराब का सेवन नहीं करना चाहिए और कोशिश करें कि सप्ताह में कम से कम दो दिन ऐसे हों जब शराब का सेवन बिल्कुल न किया जाए.

Gender Fitness सर्दी और जुकाम

हालिया रिसर्च में सामने आया है कि महिलाओं में सर्दी और जुकाम होने की संभावना पुरूषों की तुलना में कम होती है.
क्यों? पिछले वर्ष स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में किए गए एक अध्ययन के दौरान पाया गया कि महिलाओं का प्रतिरोधी तंत्र एस्ट्रोजन हार्मोन के उच्च दर की वजह से पुरूषों की तुलना में ज्यादा सक्रिय होता है जो जुकाम के वायरस से लड़ने के लिए बेहतर बना देता है. वहीं दूसरी ओर पुरूषों का प्रतिरोधी तंत्र एक कमजोर रिस्पांस दिखाता है क्योंकि टेस्टोराॅन हार्मोन वायरस से लड़ने की प्रक्रिया में कमजोर भूमिका का निर्वाह करता है.

कम करें रिस्कः

शोध के दौरान पाया गया कि जुकाम फैलने की सबसे बड़ी वजह ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आना या फिर उन चीजों के संपर्क में आना है जिनसे संक्रमित व्यक्ति संपर्क में आया है जैसे दरवाजों के हैंडल आदि. इस समस्या से बचने के लिए बार-बार हाथ धोना चाहिए.

फेफड़ों का कैंसर

महिलाओं में लंग कैंसर की दर लगातार बढ़ रही है.
क्यों? ऐसा पाया जा रहा है कि कुछ क्षेत्रों में धुम्रपान करने के मामले में महिलाएं पुरूषों को पीछे छोड़ रही हैं. रिसर्च दिखाते हैं कि महिलाएं इस व्याधि को कम ही छोड़ पाती है और साथ ही एस्ट्रोजन को भी इस बीमारी को बढ़ाने के लिए संदेह की निगाहों से देखा जा रहा है. जिसकी सहायता से यह समझा जा सकता है कि क्यों धुम्रपान करने वाली महिलाओं में लंग कैंसर की संभावना धुम्रपान करने वाले पुरूषों की तुलना में तीन गुना तक ज्यादा होती है.

कम करें रिस्कः

लंग कैंसर के दस में से नौ मामलों के लिए धुम्रपान ही जिम्मेदार होता है, इसलिए इसे तुरंत छोड़ें. आपकी रिस्क दर तुरंत कम हो जाएगी और दस साल बाद किसी धुम्रपान करने वाले की तुलना में घटकर आधी ही रह जाएगी.
——

यह भी पढ़ें:

Fever: Useful Information in Hindi
Health Care-आहार से बनाइए दिल को सेहतमंद
Health Tips- दिन में झपकी लीजिए, स्वस्थ रहिए
Health Tips- बालों को स्वस्थ बनाने के 10 नुस्खे
hindihaat: