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आंवला : आपको रखे जवान और तंदुरुस्त Amla Keeps You Healthy and Young
आंवला Indian Gooseberry का रोजाना सेवन किया जाए तो आपकी बिगड़ती दिनचर्या के कारण जो बीमारियों का खतरा है, वह न केवल कम होगा बल्कि शरीर में विटामिन सी Vitamin C की कमी भी पूरी होगी.
बढ़ती प्रतिस्पर्धा के इस दौर में अपनी क्षमता से अधिक काम करना और साथ ही साथ अपने आप को भी मैंटेन रखना एक मुश्किल काम है. हर व्यक्ति की दिनचर्या इतनी खराब हो गई है की रहन-सहन और खान-पान से लेकर सोने तक पूरा सिस्टम खराब हो गया है.
ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव और बदलते परिवेश में आप यदि आंवले का नियमित सेवन नहीं करते हैं तो आपके शरीर के बारे में कुछ इस तरह भी बताया जा सकता है… लड़कपन खेल में खोया, जवानी नींद भर सोया, बुढ़ापा देखकर रोया वही किस्सा पुराना है… इसलिए इन सबसे बचना है और जवान दिखना है तो आंवला खाना है क्योंकि आंवला के औषधीय गुण कमाल के हैं.
हर महिला और पुरुष का सपना होता है की वह जवान दिखाई दे. ऐसे में यदि आंवले का नियमित सेवन कर लिया जाए तो आप यंग, फिट और स्मार्ट Young, Fit and Smart लगेंगे और आपका जवान दिखने का सपना पूरा हो जाएगा.
पिछले कुछ सालों से सौन्दर्य प्रसाधन Beauty Cosmetics के नाम से लेकर बालो के झड़ने और सुन्दर दिखने तक के तमाम प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध हैं. इन्हे खरीदने में काफी रुपए खर्च होते हैं और परिणाम वही ढाक के तीन पात.
चेहरे पर पिम्पल्स से परेशान युवक युवतियां रोजाना आंवला काम में लें तो न तो पिम्पल्स होंगे और न ही अनाप—शनाप पैसा ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर खर्च करना पडेगा. आजकल मिडिल एज के लोग लगातार बालों के झड़ने और डैंड्रफ से भी परेशान रहते हैं. ऐसे लोग यदि आंवले का उपयोग करें तो बाल का झड़ना रुकेगा और बाल काले एवं घने दिखाई देंगे.
बड़े बुजुर्ग और डॉक्टर कहते हैं की अक्सर हर रोग की शुरुआत पेट से होती है. लगातार पेट खराब रहने से इंसान ढ़ेरो बीमारियों से घिर जाता है. पेट के लिए विटामिन सी से भरपूर आंवला एक ऐसी औषधि है जिससे आप बीमारियों के जंजाल में फंसने से बच सकते हैं.
क्या भूमिका है विटामिन सी की? – Role of Vitamin C
- विटामिन C शरीर में कई तरह की रासायनिक क्रियाओं में सहायक होता है.
- यह विटामिन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
- आंवले में पाया जाने वाला विटामिन सी मानव शरीर के वृद्ध होने की प्रक्रिया को धीमा करने में काफी सहायक साबित होता है.
- यह आंख के रेटिना, फेफडों के अस्तर और पाचन-तंत्र के लिए आवश्यक है.
विटामिन सी की कमी है खतरनाक – Deficiency of Vitamin C is Harmful
विटामिन सी की कमी से शरीर में दूषित कीटाणुओं की मात्रा बढ़ जाती है. इसके कारण खाया हुआ खाना शरीर में पोषण नहीं कर पाता और घाव में मवाद पड़ना, आंखों में मोतियाबिन्द, चिड़चिड़ा स्वभाव, मसूडों से खून बहना, मुंह से बदबू आना, पाचन क्रिया में दोष उत्पन्न होना, चेहरे पर दाग पड़ जाना, जुकाम होना, शरीर में कमजोरी, चर्म रोग, भूख न लगना जैसी कई समस्याएं शरीर में पैदा हो सकती हैं.
विटामिन सी की कमी से एलर्जी का खतरा बना रहता है और इंसान में स्कर्वी नामक रोग हो जाता है।
आंवला खाने के ये हैं फायदे – The Benefits of Anwala
- आंवला शरीर में विटामिन सी की कमी हर प्रकार से पूरी करता है.
- आंवला खाने से आखों की रोशनी तेज होती है.
- शरीर की पाचन क्रिया मजबूत बनती है.
- आखों की रोशनी तेज होती है और नेत्र रोग होने की सम्भावना ना के बराबर रहती है.
- आंवला खाने से इंसान तरोताजा और जवान दिखाई देता है.
- आंवले के उपयोग से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
- आंवले के नियमित सेवन से दिल की बीमारियां नहीं होती.
- आंवले से इंसान की शारीरिक संरचना मजबूत होती है और बौद्धिक विकास होता है.
- हड्डियां मजबूत होती हैं और बुढ़ापे में घुटनों तथा जोड़ों के दर्द की समस्या नहीं होती.
- आंवला खाने से बाल काले व घने रहते हैं और बालों का झड़ना कम होता है.
- नियमित आंवला खाने से इंसान के चेहरे में सुंदरता आती है.
आंवला एक ऐसी दवाई है जिसे हर इंसान अपने घर में तैयार कर सकता है. यदि आंवले का पेड़ घर में लगा लें और रोज आंवले का सेवन करें तो ना आदमी बीमार होगा ना ही डॉक्टरों के पास जाने की जरुरत पड़ेगी.
आंवला मुरब्बा के रूप में भी खट्टे—मीठे अचार के रूप में काम ले सकते हैं.रोज सुबह आंवला चूर्ण के रूप में भी सेवन किया जा सकता है. आंवला जूस सुबह शाम पीने से कब्ज दूर होता है और सर्दी जुकाम से भी बचाव होता है.
विटामिन सी का महत्व – Importance of Vitamin C
अमेरिकी पत्रिका रेजुवेनेशन रिसर्च के एक संस्करण के अध्ययन के बाद प्रकाशित रिपोर्ट में रक्त में प्लाज्मा के अंदर एस्कॉर्बिक अम्ल के स्तर को बनाए रखने पर केंद्रित मानव शरीर के रक्षात्मक तंत्र का उल्लेख किया गया है.
एएफआर और पीएमआरएस एंजाइम कोशिका के भीतर से और कोशिका के बाहर इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण के लिए उत्तरदायी होते हैं. इससे रक्त में एस्कॉर्बिक अम्ल के स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है.
जब तक दो एंजाइमों को बढ़ाने वाली दवा उपलब्ध नहीं होती तब तक मानव भोजन में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा के साथ बुढ़ापे की प्रक्रिया के खिलाफ संघर्ष कर सकता है.
रक्त प्लाज्मा में उपस्थित एस्कॉर्बिक अम्ल का स्तर व्यक्ति की आयु बढ़ने होने के साथ—साथ कम होता जाता है. ऐसे में मनुष्य को विटामिन सी खाद्य पदार्थों के साथ अलग से ग्रहण करना होता है, क्योंकि शरीर इसका स्वयं निर्माण नहीं करता. एक व्यक्ति को प्रतिदिन औसतन 90 मिलिग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है.
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