Table of Contents
मार्च के त्यौहार 2021- Calendar of March 2021
मार्च के त्यौहार – महाशिवरात्रि Mahashivratri
महाशिवरात्रि 11 मार्च को मनायी जाएगी. हिंदी पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि का त्यौहार देश भर में पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है.
महाशिवरात्रि देवों के देव महादेव की पूजा और उपासना का प्रमुख त्यौहार है. महाशिवरात्रि को शिव की आराधना की रात यानी शिव- रात्रि भी कहा जाता है. इस दिन सभी शिव मंदिरों में कैलाशपति भगवान शिव का अभिषेक और पूजा अर्चना की जाती है और ओम नमः शिवाय के जयकारे लगाए जाते हैं.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस International Women’s Day
हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. 1975 में पहली बार यूनाइटेड नेशन ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया था.पहले अधिकतर देशों में महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था.
उन्हें ये अधिकार दिलाने के मकसद से 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में महिला दिवस को अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया था. पहला राष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी को मनाया गया.इस दिन पुरे विश्व में महिला के लिए उनके सम्मान में अनेको कार्क्रमों का आयोजन किया जाता है.
ब्रज महोत्सव Braj mahotsav
ब्रज महोत्सव विश्व प्रसिद्ध है. हर साल होली से पहले होने वाले इस रंगारंग कार्यक्रम की शुरुआत इस साल 16-17 फरवरी को होगी. दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान रंग, गीत और नृत्य से जुड़ा अनेकों कार्यक्रम होंगे.
यह रंग का त्योहार है. रासलीला नृत्य इस उत्सव का प्रतिष्ठित उत्सव है. यह महोत्सव भगवान कृष्ण और राधा के रास लीलाओं पर आधारित है.
होली Holi
होली 2021 में 28 मार्च को है. होली शब्द होलिका से आया है. इसका संबंध दैत्यराज हिरण्यकश्यप और भक्त प्रहलाद की कहानी से है.सत्य ने असत्य पर इस दिन विजय प्राप्त की थी.
तब से लेकर आज तक होलिका-दहन की स्मृति में होली का पर्व मनाया जाता है.रंगो के इस त्यौहार के साथ ही ऋतू परिवर्तन भी हो जाता हैं. दो दिन के इस रंग बिरंगे पर्व की शुरुआत पहले दिन होलिका दहन से होती है.भारत के हर राज्य में होली का पर्व बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है.
होली ऐसा पर्व है जिसे सभी धर्मो के लोग साथ मिलकर मनाते है. एक दूजे के रंग लगाते है और गले मिल सारे गिले शिकवे दूर करते है.बरसाने और बृज की होली,जयपुर के गोविंद देव जी के दरबार में पांच दिवसीय होली महोत्सव,पंजाब,हरियाणा, बंगाल,बिहार से लेकर नेपाल तक लोग होली त्यौहार मस्ती के साथ मनाते हैं.
होली खेलने के लिए विदेशी सैलानी भी भारी संख्या में भारत आते हैं. पिछले कुछ सालों में होली का प्रचलन इतना अधिक बढ़ गया है की कई देशो में होली का त्यौहार मनाया जाने लगा है.
धुलंडी Dhulandi Utsav
29 मार्च को धुलंडी महोत्सव (रंगों का त्योहार) होलिका दहन के बाद मनाया जाएगा.ये वसंत की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन, युवा और बूढ़े समान रूप से रंग और पानी के साथ खेलते हैं. लोग जी भर कर एक दूजे के साथ अबीर गुलाल की होली खेलते हैं. चारों ओर माहौल खुश-नुमा और रंगीन होता है.
इतिहासकारो के अनुसार धुलंडी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पूतना नामक राक्षसी का वध किया था जिसकी खुशी में गाँव वालो ने बृंदावन में होली का त्यौहार मनाया था. भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रास लीला रचाई थी और अगले दिन रंग खेलने का उत्सव मनाया. तब से रंग खेलने का प्रचलन है. जिसकी शुरूआत वृन्दावन से हुयी थी और आज भी ब्रज की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है.
यह भी पढ़ें-