Yogi Adityanath Biography in Hindi योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ की जीवनी

योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए भारत के राजनीतिक परिदृश्य पर छा गए हैं. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री होने के साथ ही वे गोरखपुर स्थित गोरक्षनाथ पीठ के प्रमुख महंत भी हैं.

वे हिंदुत्व के प्रखर पैरोकार और भारतीय जनता पार्टी के पहली पंक्ति के नेता हैं. उनके प्रशंसक उन्हें ‘महाराज जी’ कहकर बुलाते हैं. उत्तरप्रदेश में उनके मुख्यमंत्री काल को विभिन्न नजरिए से देखा परखा गया है.

Short Biography of Yogi Adityanath योगी आदित्यनाथ की संक्षिप्त जीवनी

योगी आदित्यनाथ का मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है. बालक अजय का जन्म तत्कालीन उत्तर प्रदेश के पौड़ी गढ़वाल ( अब उत्तराखंड में) जिले की यमकेश्वर तहसील स्थित एक छोटे से पंचुर गांव में 5 जून 1972 को हुआ.

कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद अजय ने 22 वर्ष की आयु में परिवार त्याग दिया और संन्यास ग्रहण करने गोरखपुर चले आए. उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें  दीक्षा दिलाई और  नया नाम दिया- योगी आदित्यनाथ.

संन्यास ग्रहण करने के उपरांत योगी आदित्यनाथ ने हिंदुत्व की अलख जगाने का मार्ग चुना. Yogi Adityanath ने  अपने गुरु के आदेश पर  गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से वर्ष 1998 में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उन्होंने 26 वर्ष की अल्पायु में सबसे युवा सांसद चुने जाने का गौरव हासिल किया.

इसके बाद लगातार पांच बार वे लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद 19 मार्च 2017 को Yogi Adityanath को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई.

Early life of Yogi Adityanath योगी आदित्यनाथ का आरम्भिक जीवन

योगी आदित्यनाथ गढ़वाली ठाकुर  के पिता मोहन सिंह बिष्ट एक फॉरेस्ट रेंजर रहे हैं. उनकी माता का नाम सावित्री देवी है. योगी आदित्यनाथ 7 भाई-बहनों में पांचवें हैं. उनकी तीन बड़ी बहनें, एक बड़े भाई हैं. दो भाई उनसे छोटे हैं.

उनके बड़े भाई गोरखनाथ इंटर कॉलेज में लैब असिस्टेंट हैं और छोटे भाई भी इस कॉलेज में नौकरी करते हैं. उनकी बड़ी बहनें दिल्ली, रुड़की और ऋषिकेश के नजदीक नीलकंठ में ब्याही हैं.

अजय (Yogi Adityanath का बचपन का नाम) ने अपनी प्राथमिक शिक्षा 1977 में टिहरी के गाजा में शुरू की और 1987 में इसी स्कूल  से दसवीं की परीक्षा पास की. 1989 में उन्होंने ऋषिकेश के भारत मंदिर इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास की.

वे 1990 में स्नातक की पढ़ाई करने के दौरान छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े. 1992 में उन्होंने श्रीनगर ( गढ़वाल) स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से गणित विषय में बीएससी की पढ़ाई पूरी की.

1993 में वह एमएससी की पढ़ाई कर रहे थे, इस बीच उनका गोरखपुर जाना हुआ. यहां वे गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख महंत अवैद्यनाथ महाराज के सम्पर्क में आए.  महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें संन्यास लेने के लिए प्रेरित किया.

योगी आदित्यनाथ का संन्यासी जीवन  Yogi Adityanath as a Sanyasi

महंत अवैद्यनाथ ने 15 फरवरी 1994 (yogi adityanath age) को अजय सिंह बिष्ट का दीक्षाभिषेक किया और इस तरह गढ़वाल के अजय सिंह बिष्ट अब योगी आदित्यनाथ बन गए. संन्यास ग्रहण करने के बाद Yogi Adityanath ने गोरखनाथ मठ की धार्मिक, आध्यात्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक गतिविधियों को बखूबी संभाला.

उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामाजिक जागरण के लिए अभियान चलाया. छुआछूत की बुराई को दूर करने के लिए उन्होंने वहां सहभोज की शुरुआत की, जिसमें सभी लोग साथ मिलकर भोजन करते थे. गोसरंक्षण और गोसेवा के लिए उन्होंने विशेष रूप से कार्य किया. उन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर अन्य धर्म अपना चुके लोगों को फिर से हिंदू धर्म में लाने के लिए घर वापसी अभियान चलाया.

योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक जीवन  Political career of Yogi Adityanath

महंत अवैद्यनाथ 1998 में राजनीति से पूरी तरह दूर हो गए और मठ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया. इस तरह, Yogi Adityanath की राजनीतिक यात्रा शुरू हुई. 1998 में योगी आदित्यनाथ पहली बार गोरखपुर से लोकसभा के लिए चुने गए.

इसके बाद  वर्ष 1999, 2004, 2009 और 2014 के चुनाव में वे लगातार इसी सीट से  जीत दर्ज कर सांसद चुने गए.  वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश के  विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें स्टार प्रचारक बनाया. उन्होंने पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 175 रैलियां कीं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भारी बहुमत से जो जीत हासिल की, उसमें योगी का बहुत बड़ा योगदान माना जाता है.

मुख्यमंत्री कार्यकाल  CM of Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की भारी जीत के बाद Yogi Adityanath को 18 मार्च, 2017 को प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया. उन्होंने 19 मार्च, 2017 को शपथ ग्रहण की. उनके मुख्यमंत्री बनते ही उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खाने बंद कर दिए गए. योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोकथाम के लिए एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन किया.

उन्होंने उत्तर प्रदेश में गोतस्करी पर प्रतिबंध लगाया. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद हुई पहली केबिनेट बैठक में प्रदेश के 87 लाख लघु एवं सीमांत किसानों की कर्ज माफी का निर्णय लिया गया.

अपराधियों से निपटने के लिए उनके कार्यकाल में हुए एनकाउंटर्स पर सवाल उठाए गए. विकास दूबे एनकाउंटर ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. इसके अलावा योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से लाए गए जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर भी बहुत विवाद हुआ. लखीमपुर खीरी​ विवाद, हाथरस बलात्कार कांड और कोरोना प्रबंधन को लेकर भी उनकी बहुत कठोर आलोचना हुई है.

योगी आदित्यनाथ से जुड़े विवाद Controversies related to Yogi Adityanath

इस दौरान वे कई बार विवादों में भी रहे, लेकिन उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती गई. वर्ष 2002 में उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया. पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में हिंदू युवक इस संगठन से जुड़े. इस संगठन ने हिंदू जागरण के लिए अभियान चलाए, वहीं इस संगठन पर नफरत फैलाने और उपद्रव के आरोप भी लगते रहे हैं.

वर्ष 2005 में उत्तर प्रदेश के एटा जिले में योगी आदित्यनाथ ने 1800 ईसाइयों का धर्मांतरण करवाया और उनकी कथित घर वापसी करवाई, जिस पर काफी विवाद भी हुआ.

7 सितम्बर 2008 को आजमगढ़ में योगी पर जानलेवा हमला हुआ, हालांकि उनके समर्थकों ने हमलावर को मार गिराया. इसके बाद जिले में दंगा फैल गया. इस मामले में योगी आदित्यनाथ पर भी एफआईआर दर्ज की गई.

योगी आदित्यनाथ की लिखी पुस्तकें Books by Yogi Adityanath

योगी आदित्यनाथ रोज डायरी लिखने के साथ-साथ दैनिक अखबारों के लिए भी समय-समय पर लेख लिखते हैं. उन्होंने धर्म और आध्यात्म से जुड़े विषयों पर कई पुस्तकें भी लिखी हैं,  इनके नाम हैं-  ‘यौगिक षटकर्म’, ‘हठयोग: स्वरूप एवं साधना’ एवं  ‘राजयोग: स्वरूप एवं साधना’.

योगी आदित्यनाथ ने भारत के पड़ोसी देश नेपाल पर एक पुस्तक  ‘हिन्दू राष्ट्र नेपाल’ भी लिखी है. योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर से प्रकाशित योगवाणी मासिक पत्रिका के प्रधान सम्पादक हैं. उन्होंने साप्ताहिक अखबार हिन्दवी का सम्पादन भी किया है.

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