Table of Contents
देवास टेकरी वाली माताजी की कहानी- Dewas Tekri Mataji ki Story in Hindi
मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर से मात्र 35 किमी दूर स्थित है, चामुंडा माता की नगरी देवास। कहते हैं कि यहाँ सच्चे मन से मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है। इसलिए हर साल लाखों लोग Navratri पर यहाँ माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। देवास शहर के बीच में पहाड़ी पर माता तुलजा भवानी और माता चामुंडा का मंदिर है। शहर में प्रवेश करते ही आगंतुकों की दृष्टि सबसे पहले टेकरी पर ही पड़ती है।
देवास टेकरी पर स्थित मंदिर (Dewas Tekri Temple)
टेकरी पर दक्षिण दिशा में माँ तुलजा भवानी का मंदिर स्थित है। इन्हे बड़ी माताजी भी कहा जाता है। माता की प्रतिमा को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि वह आधी जमीन में धंसी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि चामुंडा माता और माता तुलजा भवानी बहने हैं। उत्तर दिशा की ओर माँ चामुंडा देवी का मंदिर स्थापित है। इन्हे छोटी माता जी भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि दोनों माताओं की प्रतिमाएं यहाँ जागृत अवस्था में हैं । टेकरी पर कालका माता, अन्नपूर्णा माता का मंदिर, खो-खो माता, अष्टभुजादेवी, दक्षिणाभिमुखी हनुमान मंदिर, कुबेर माता का मंदिर भी है। पास ही में योगी शीलनाथ जी की गुफा है, जहाँ बैठकर वे तपस्या करते थे। मंदिर सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक भक्तों के लिए खुले रहते हैं।
पौराणिक मान्यतायें एवं धार्मिक महत्व
52 शक्ति पीठों में से एक देवास टेकरी
इस स्थान को 52 शक्ति पीठो में से एक माना जाता है। मान्यता है कि सती माता के शरीर के अंग जहाँ-जहाँ गिरे उस स्थान को शक्तिपीठ कहा गया। टेकरी पर माता जी का रक्त गिरा था, इसलिए यहाँ माँ चामुंडा का प्राकट्य हुआ। इन्हे सात माताओं में से एक माना जाता है। टेकरी पर आने वाले भक्तों को भैरुं बाबा के भी दर्शन करने होते हैं, अन्यथा यात्रा सम्पूर्ण नहीं मानी जाती। माँ चामुंडा की प्रतिमा 10वीं शताब्दी की बताई जाती है। नवरात्रि के दौरान पूरे देश से श्रद्धालु माताओं के दर्शन करने के लिए आते हैं। सुबह होते ही भक्तों की लम्बी कतारें लगनी शुरू हो जाती है।
जब माताएं हो गई एक दूसरे से रुष्ट
ऐसा माना जाता है की एक बार किसी बात पर दोनों माताएं एक दुसरे से रुष्ट हो गई। बात इतनी ज्यादा बढ़ गई कि दोनों अपने स्थान छोड़ कर टेकरी से जाने लगी। बड़ी माता पाताल में समाने लगी, जबकि छोटी माता टेकरी उतरने लगी। स्थिति को सँभालने के लिए भैरू बाबा और हनुमान जी उन्हें समझने के लिए आये। दोनों का रौद्र रूप देखकर एक बार उनके भी कदम डगमगा गए, लेकिन अंत में वे माताओं को समझाने में सफल हो गए। तब तक बड़ी माताजी आधी पाताल में समा चुकी थी और छोटी माताजी बहुत नीचे उतर चुकी थी, लेकिन वे दोनों वही रुक गई।
देवास टेकरी की सुरंग का रहस्य
टेकरी पर एक गुप्त सुरंग है, जिसे करीब दो हजार वर्ष पुराना माना जाता है। इस सुरंग का निर्माण उज्जैन और देवास के बीच गुप्त रूप से आने और जाने के लिए किया जाता था। इस सुरंग की लम्बाई करीब 45 किमी मानी जाती है। इसका दूसरा सिरा उज्जैन स्थित भर्तहरि गुफा के समीप निकलता है। ऐसा माना जाता हैं कि उज्जैन के राजा भर्तहरि सुरंग के रास्ते माता की पूजा करने के लिए आते थे।
देवास राजपरिवार की कुलदेवी
Dewas में मराठी राजवंशों ने शासन किया है। पहला घराना है होल्कर और दूसरा घराना है पंवार। होल्कर घराने ने बड़ी माता तुलजा भवानी को अपनी कुलदेवी माना है और पंवार घराने ने छोटी माता अपनी कुल देवी माना है। ऐसा माना जाता है की तुलजा भवानी की स्थापना होल्कर राजवंश ने करवाई थी।
देवास टेकरी तक कैसे पहुंचे
टेकरी तक पहुँचने का पहला रास्ता सीढ़ियों का है। करीब 300 से अधिक सीढ़ियाँ चढ़ कर माता के मंदिर पर पहुंचा जा सकता हैं। इसके अलावा चढ़ाई वाला पक्का रास्ता भी है, जहाँ से बिना सीढ़ियों के मंदिर तक पहुंचा जा सकता हैं। जो लोग मंदिर की सीढ़ियों और पक्के रास्ते से नहीं जाना चाहते उनके लिए रोपवे (Cable Car) का भी बंदोबस्त है। रोपवे का आने और जाने का टिकट मात्र 118 रूपये है। पांच साल से काम उम्र के बच्चों का कोई टिकट नहीं लगता। केबल कार को पहाड़ी के बीच में कुछ सेकंड्स के लिए हवा में रोक जाता है, ताकि सैलानी वहाँ से देवास शहर और टेकरी के मनभावन दृश्यों का आनंद उठा सकें।
कैसे पहुंचे देवास (How to reach Dewas)
हवाई मार्ग से
देवास से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा इंदौर है, जहां से देश के सभी बड़े शहरों के लिए फ्लाइट्स है। इंदौर से देवास की दूरी मात्र 35 किमी है।
रेल मार्ग से
देवास जंक्शन से कई महत्वपूर्ण ट्रेन्स गुजरती हैं। देश के कई बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर आदि से यहाँ की सीधी कनेक्टिविटी हैं।
सड़क मार्ग से
देवास शहर और टेकरी आगरा बॉम्बे हाईवे (AB ROAD) पर स्थित है। मुंबई, भोपाल, अहमदाबाद, जयपुर कोटा और दिल्ली जैसे शहरों से यहाँ सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
प्रमुख शहरों से दूरी (Dewas Tekri Distance from Major Cities)
इंदौर – 35 किमी
उज्जैन – 36 किमी
भोपाल – 152 किमी
दिल्ली – 801 किमी
जयपुर – 555 किमी
अहमदाबाद – 434 किमी
देवास टेकरी के समीप अन्य दर्शनीय/धार्मिक स्थल एवं दूरी (Places to visit near Dewas Tekri)
ओम्कारेश्वर ज्योर्तिलिंग – 112 किमी
महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग – 40 किमी
कालभैरव मंदिर – 45 किमी
पाताल पानी वाटर फॉल – 71 किमी
मांडव (मांडू) – 122 किमी
प्रयागराज इलाहाबाद का इतिहास, दर्शनीय स्थल और धार्मिक महत्व
सबरीमाला मंदिर का इतिहास एवं विवाद
कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारी