दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी और उनके ऑपरेशन – Duniya Ki Pramukh Khufiya Agency in Hindi

दुनियाभर के देश अपनी आंतरिक सुरक्षा के लिए जासूसी संस्थाओं का संचालन करते है। खुफिया एजेंसी का काम अपने जासूसों को दुश्मन देशों में भेज कर वहां होने वाली ऐसी गतिविधियों पर नजर रखना होता है, जो उनके देश को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचा सकती हैं। आज की पोस्ट में हम जानेंगे की दुनिया की टॉप जासूसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं (प्रमुख खुफिया एजेंसियां) कौन सी है ? Duniya Ki Pramukh Khufiya Agency kaun si hain ?

मोसाद  -MOSSAD (इज़रायल की खुफिया एजेंसी)

Duniya Ki Pramukh Khufiya Agency kaun si hain ? इज़रायल की खुफिया एजेंसी मोसाद दुनिया की सबसे बेहतरीन इंटेलिजेंस एजेंसी है। इज़रायल दुनिया का एकमात्र यहूदी मुल्क है। इसी वजह से यह चारों ओर से शत्रुओं से घिरा हुआ है। मोसाद का मुख्यालय तेल अवीव में है।

1949 में स्थापित इस एजेंसी ने कई देशों में जाकर Covert Operations को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। Operation Entebbe इसके सबसे सफल ऑपरेशन से एक है। 1976 में कुछ आतंकवादियों ने एक प्लेन को हाईजैक करके 106 इजराइली नागरिकों को बंधक बना लिया था और प्लेन को युगांडा ले गए थे। युगांडा की दूरी इजरायल से 4000 किलोमीटर है और युगांडा के तानाशाह ईदी अमीन ने इज़रायल को मदद देने से इंकार कर दिया था। MOSSAD के बेहतरीन प्लान की वजह से इजरायली फोर्सेस 4000 किलोमीटर दूर युगांडा पहुंचती है और सफलतापूर्वक ऑपरेशन को अंजाम देते हुए 106 में से 102 बंधकों को सुरक्षित छुड़ाकर वापस अपने देश ले आती हैं।

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग – Raw (रॉ)

Research & Analysis Wing भारत की खुफिया एजेंसी है, जिसे रॉ के नाम से भी जाना जाता है। 1962 के चीन युद्ध और 1965 के पाकिस्तान युद्ध के बाद भारत सरकार ने एक ऐसी संस्था की आवश्यकता महसूस की, जो दुश्मन देशों की सीक्रेट भारत सरकार को मुहैया करा सके। इसी को ध्यान में रखते हुए 1968 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में रॉ का गठन हुआ और आर एन काओ को रॉ का पहला चीफ बनाया गया। रॉ का मुखिया बनते ही काओ ने अपने एजेंट पाकिस्तान में नियुक्त करने शुरू कर दिए।

रॉ द्वारा इकट्ठी की हुई जानकारियों ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की दिशा बदल दी और भारत को विजय दिलाई। पाकिस्तान को अपने 90 हजार से अधिक सैनिकों के साथ सरेंडर करना पड़ा। इतना ही नहीं, भारत ने पाकिस्तान की सबसे शक्तिशाली पनडुब्बी गाजी को भी डुबो दिया।

रॉ अपने एजेंट की नियुक्ति भारतीय सेना सशस्त्र बल पुलिस विभाग एवं अन्य सरकारी विभागों से करता है।

सीआईए – CIA (अमेरिका की खुफिया एजेंसी)

Central Intelligence Agency अमेरिका की खुफिया एजेंसी का नाम है। इस एजेंसी का गठन 1947 में Second World War के बाद किया गया था। इस संस्था ने दुनिया भर में सफलतापूर्वक अपने जासूसों का नेटवर्क स्थापित किया है और बेहद ही सफल Covert Operations को अंजाम दिया है। इराक और अफगानिस्तान वॉर के निर्णायक नतीजे सीआईए के बेहतरीन नेटवर्क की वजह से ही प्राप्त हो सके थे। पाकिस्तान के एक शहर से कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का पता लगाकर उसे मारने में CIA ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

इस संस्था के नाम कुछ असफलताएं भी रही है। अमेरिका पर हुआ 9/11 का हमला और भारत द्वारा सफलतापूर्वक 1998 में किया गया पोखरण परमाणु परीक्षण सीआईए के Intelligence Failure के उदाहरण हैं।

आईएसआई – ISI (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी)

इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (Inter Services Intelligence) पाकिस्तान की Khufiya Agency का नाम है। इस की स्थापना 1948 में हुई थी। ISI का चीफ पाकिस्तानी आर्मी का वरिष्ठ अधिकारी होता है। वैसे तो दूसरी खुफिया एजेंसियों की तरह इस एजेंसी का काम भी दूसरे देशों से खुफिया जानकारियां जुटाना होता है, लेकिन ISI का मुख्य फोकस हमेशा से ही भारत की जासूसी करना पाया गया है। इसके अलावा ISI पाकिस्तानी आर्मी के साथ में मिलकर की वहां की राजनीति में सीधा हस्तक्षेप करती है। कई बार ISI की मिलीभगत भारत में हुए आतंकवादी हमलों में भी पाई गई है।

एमआई 6 – MI6

MI6 की स्थापना 1909 में की गई थी। यह इंग्लैंड की Khufiya Agency है। इसका पूरा नाम मिलिट्री इंटेलीजेंस सेक्शन 6 (Military Intelligence Section 6) है। ISI एवं RAW के कार्य करने का तरीका बहुत कुछ MI6 से मिलता है।

एमएसएस – MSS

मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (Ministry of State Security) की स्थापना 1983 में की गई थी । यह चाइना की Khufiya Agency है।

एफएसबी – FSB

सेंट्रल सिक्योरिटी सर्विस ऑफ द रशियन फेडरेशन रूस (Russia) की Khufiya Agency का नाम है। 1995 में स्थापित इस एजेंसी का मुख्यालय मास्को में है। यह संस्था पूर्व में KGB के नाम से जानी जाती थी। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद में KGB को समाप्त कर दिया गया और FSB का जन्म हुआ। रोचक बात यह है, कि रूस वर्तमान राष्ट्रपति पुतिन पहले केजीबी के एजेंट के रूप में काम कर चुके हैं।

मितेश नागर
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं तकनीकी विशेषज्ञ हैं। इनसे [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है।)

 

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