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साइबर फोरेंसिक विज्ञान में करिअर
साइबर फोरेंसिक विज्ञान Cyber Forensic Science एक नया विषय है जो लगातार बढ़ती डिजिटल दुनिया के कारण अस्तित्व में आया है। आज जबकि वास्तविक दुनिया के साथ एक वर्चुअल दुनिया भी अपना अस्तित्व बना रही है और हरेक आदमी इस वर्चुअल वर्ल्ड में अपनी पहचान बनाने और पैसा कमान की दौड़ में हिस्सा ले रहा है.
ऐसे में दिनबदिन इंटरनेट पर होने वाले अपराध में भी लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। अब तक सामान्य व्यक्ति के साथ ही धोखा हो रहा था लेकिन अब तो बड़ी बड़ी कंपनियां भी इन धोखेबाजों की चंगुल में फंसती नजर आ रही है। हैक करने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।
इस समस्या और नये तरह के अपराध ने नये तरह के अपराध विशेषज्ञों की मांग करनी शुरू कर दी है। डिजिटल फोरेंसिक विज्ञान Digital Forn या साइबर फोरेंसिक विज्ञान ऐसे ही विशेषज्ञों को तैयार करने का काम कर रहा है। जैसे जैसे देश में कम्प्यूटर का चलन बढ़ रहा है। ज्यादा से ज्यादा काम आनलाइन सेवाओं के माध्यम से किया जा रहा है और इसी क्रम में ढेर सारा डेटा और पैसा इस वर्चुअल दुनिया में रोज सफर कर रहा है। ऐसे में अपराध को रोकने के साथ-साथ सिस्टम को और ज्यादा सुरक्षित बनाने का काम इन विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है।
क्या करते हैं साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञ
साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञ वर्चुअल दुनिया के सूपर काॅप कहे जा सकते हैं। ये कम्प्यूटर साॅफ्टवेयर इंजीनियर्स इंटरनेट की दुनिया में हुए अपराध की तफ्सील और जानकारियां इकट्ठा करते हैं ताकि अपराधी तक पहुंचा जा सके और उसके विरूद्ध साक्ष्य बटोरे जा सके। ये विशेषज्ञ बैंक फ्राॅड से लेकर फर्जी ईमेल आईडी तक जैसे मामलों की जांच करते हैं और उस व्यक्ति तक पहुंचने में मदद करते हैं जिसका हाथ इस तरह के अपराध के पीछे होता है। इस तरह के अपराध करने वाले व्यक्ति खुद टेक्नो एक्सपर्ट होते हैं इसलिए साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट को तकनीक पर अपनी पकड़ पूरे समय बनाए रखनी होती है। आमतौर पर कम्प्यूटर फोरेंसिक विशेषज्ञ, साइबर पुलिस, साइबर अन्वेषक या डिजिटल डिटेक्टिव भी कहा जाता है।
क्या पढ़ते हैं साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट
यह क्षेत्र अपने आपमें काफी विस्तृत है, इस क्षेत्र में अपना करिअर बनाने का सपना देखने वाले उम्मीदवारों को टेक्नोलॉजी और कानून की जानकारी होनी चाहिए। कम्प्यूटर और साइबर अपराध के तहत छात्रों को साइबर अपराद्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जाता है, जिसमें कम्प्यूटरीकृत और नेटर्वक प्रचालन में विभिन्न प्रकार के जोखिम को समझना, कम्प्यूटर अपराध से जुड़े सुराग की पहचान करना, कम्प्यूटर अपराध की जांच के पहलुओं के बारे में जानना, कम्प्यूटर से जुड़े अपराध की रोकथाम के विभिन्न उपायों को समझना और कभी-कभी होने वाले साइबर नुकसान को सीमित रखने के लिए सुरक्षा तकनीको से परिचित होना शामिल हैं।
कितना कमाते हैं साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञ
आमतौर पर पूरी दुनिया की सरकारें इस तरह के विशेषज्ञों की सेवाएं लेती है और भारत में भी पुलिस, सीबीआई और इसी तरह की जांच एजेन्सियों में इस तरह के पद सृजित किए गए हैं और लगातार उनमें बढ़ोतरी हो रही है। सरकार के साथ काम करने वाले उम्मीदवारों की शुरूआत 25000 से होती है जो समय के साथ बढ़ती चली जाती है। अब निजी क्षेत्र की कई मल्टीनेशनल कंपनीज भी अपने सिस्टम में लगने वाले सेंध से बचने के लिए ऐसे विशेषज्ञों की सेवाएं ले रही है और अनुभव के आधार पर सालाना 12 से 16 लाख रूपये तक का पैकेज इन विशेषज्ञों को दिया जा रहा है।
यहां से कर सकते हैं digital forensics course कोर्स
– cyber forensic course गुजरात फोरेंसिक साइंस युनिवर्सिटी, गांधीनगर
– गुरू गोविन्द सिंह इन्द्रप्रस्था युनिवर्सिटी, दिल्ली
– एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा, उत्तरप्रदेश
– बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी, उत्तरप्रदेश
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