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मां पर शायरी- Shayari on Mother
मां के कदमों के नीचे स्वर्ग होता है, यह बात हमें तो मालूम ही है. इस मां के लिये ही हम मदर्स डे Mothers Day poem in hindi जैसे उत्सव मनाते हैं. मां के जन्मदिन पर उसके लिये सुंदर कार्ड बनाते हैं और उसमें मां के लिये शायरी, maa par kavita और मां के लिये कोट्स लिखते हैं. आपकी इस जरूरत को पूरा करने के लिये यहां हम आपको मां पर शायरी और मां पर प्रेरक कथन का संग्रह दे रहे हैं.
माँ पर कुछ लाइन- Mother’s day Shayari
मैंने कल शब* चाहतों की, सब किताबें फाड़ दीं
सिर्फ इक कागज पे लिखा, लफ्जे मां रहने दिया
*शब – रात
तेरे दामन में सितारे हैं, तो होंगे ऐ फलक*
मुझको अपनी मां की मैली ओढ़नी अच्छी लगी।
*फलक – आकाश
निकलने ही नहीं देती अश्कों* को मिरी आंखे
कि ये बच्चे हमेशा मां की निगरानी में रहते हैं।
अश्क – आंसू
तो फिर जाकर कहीं मां—बाप को, कुछ चैन पड़ता है
कि जब ससुराल से घर आ के बेटी, मुस्कुराती है।
ये सोच कर मां—बाप की, खिदमत में लगा हूं
इस पेड़ का साया, मेरे बच्चों को मिलेगा।
– मुनव्वर राना
माँ पर कुछ पंक्तियाँ
मैं बूढ़ा हो चला हूं फिर भी ताकीद* करती है
मेरे बेटे न जाना घर से बाहर शाम होते ही।
*ताकीद – जोर दे के कहना
– राशिद अनवर राशिद
एक मां ने चीख रक्खा अपने मुस्तकबिल* का नाम
एक बेटा दर्द के, कश्मीर में गुम हो गया।
*मुस्तकबिल – भविष्य
– आदिल हयात
हर इक तूफान है कश्ती, भंवर में भी किनारा है
मुझे परेदस मे मां की दुआओं का सहारा है।
– इब्राहिम अश्क
मिलती है हमे इस से, कड़ी धूप में ठंडक
हम मां की दुआओं का असर बांट रह हैं
– बेताब पैकर आजमी
जिनके खेत और आंगन, एक साथ उजड़ते हैं
कैसे हौंसले होंगे, उन गरीब मांओं के।
– परवीन शाकिर
हादिसो से मुझे, जिस शै ने बचाया होगा
वो मिरी मां की दुआओं का ही साया होगा।
– शम्स तबरेजी
हम सफर मां की दुआ है, आसमां ता आसमां
इक परिंदा उड़ रहा है, आसमां ता आसमां
– महताब पैकर आजमी
मां की दुआ तो अर्ज-ओ-समा* से भी बड़ी थी
मैं कुछ न बना, मेरी अकीदत* में कमी थी।
*अर्ज-ओ-समा – जमीन और आसमान, *अकीदत- श्रद्धा
– टीएन राज
माँ पर दो लाइन शायरी
मां ठहर सकता नहीं मैं एक पल भी गांव में
तेरी बीमारी में, यूं ही छुट्टियां कट जायेंगी।
– अशोक अंजुम
एक सर *चश्मा-ए-रहमत है, जिसे मां कहिये
जुल्म सह कर भी, बेटे को दुआ देती है।
*चश्मा ए रहमत – दया स्रोत
– तारिक मतीन
ये बात अलग है कि, थी अर्श* तक उड़ान मेरी
मगर जमीन को पूजा है, मैंने मां की तरह।
*अर्श – आसमान
– शबाब ललित
खुशी से मां को कहां, कुछ सुझाई देता है
जो बेटा हाथ में, पहली कमाई देता है।
– पूरन एहसान
माँ पर मार्मिक कविता
पत्थर उबालती रही थी, मां तमाम रात
बच्चे फरेब खा के, चटाई पे सो गये।
– अज्ञात
मां पर शेर- Sher on Mother
भूखे बच्चे की तसल्ली के लिये
मां ने फिर पानी पकाया देर तक।
– नवाज देव बंदी
मिरी मां शहर आना चाहती है
मैं, उसका दिल दुखाना चाहता हूं।
– खालिद इबादी
एक मुद्दत से मिरी मां नहीं सोई ताबिश
मैंने इक बार कहा था, मुझे डर लगता है।
– अब्बास ताबिश
मां पर सुंदर कथन – Beautiful Quotes on Mother
माता का हृदय दया का सागर है. उसे जलाओ तो उसमें से दया की ही सुगन्ध निकलती है. पीसो तो दया का ही रस निकलता है. वह देवी है. विपत्ति की क्रूर लीलायें भी उस निर्मल और स्वच्छ स्रोत को मलिन नहीं कर सकती.
– प्रेमचन्द
मातृत्व दीर्घ तपस्या है.
– प्रेमचन्द
भाई बहिनों को एक करने वाली कोई शक्ति है तो मातृप्रेम है, पितृप्रेम है.
– विनोबा भावे
मातृत्व में ही नारीत्व की पूर्णता है.
– अज्ञात
शिशो शुश्रूषणाच्छक्तिर्माता स्यान्माननाच्च सा.
– स्कन्दपुराण
मनुष्य वही बनता है जो उसकी माता उसे बनाती है.
– एमर्सन
माता का हृदय बच्चे की पाठशाला है.
– बीचर
माता की कोमल गोद ही शान्ति का निकेतन है.
– अज्ञात
ऐसी माताओं से देश का मुख उज्ज्वल होता है जो देशहित के सामने मातृ—स्नेह की धूल बराबर भी परवाह नहीं करती है. उनके पुत्र देश के लिये होते हैं, देश पुत्र के लिये नहीं होता है.
– प्रेमचंद
माता सम नास्ति शरीरपोषण, चिंतासम नास्ति शरीरशोषणम.
भार्यासम नास्ति शरीर तोषण, विद्यासम नास्ति शरीर भूषणम.
अर्थ: माता के समान शरीर का पालन पोषण करने वाली, चिंता के समान देह को सुखाने वाली, पत्नी के समान शरीर को सुख देने वाली और विद्या के समान शरीर को अलंकृत करने वाली दूसरी कोई वस्तु नहीं है.
– अज्ञात
मां के बलिदानों का प्रतिशोध कोई बेटा नहीं कर सकता, चाहे वह भूमण्डल का स्वामी ही क्यों न हो.
– प्रेमचंद
मां के ममत्व की एक बूंद अमृत के समुद्र से ज्यादा मीठी है.
– अज्ञात
बच्चे का भाग्य उसकी मां की कर्मों पर ही आधारित होता है.
– नेपोलियन
कोमलता में जिसका हृदय गुलाब की कलियों से भी अधिक कोमल दयामय है, पवित्रता में जो यज्ञ की धूम के समान है, कर्तव्य में जो वज्र की तरह कठोर है, वही विश्व जननी है.
– अज्ञात
जननी का हृदय बच्चे की पाठशाला है.
– एच डब्ल्यू वीचर
जननी जननी ही है, जीवित वस्तुओं में वह सबसे अधिक पवित्र है.
– कोलरिज
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