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घ से मुहावरे Hindi Muhavare with Meanings and Sentences- हिंदी मुहावरा कोष
मुहावरे की परिभाषा—क्या होते हैं मुहावरे?
घ से मुहावरे- मुहावरे भाषा को सुंदर और लावण्यमय बनाने का काम करते हैं. मुहावरों की मदद से एक लंबी और नीरस बात को रोचक बनाया जा सकता है.
बहुधा अभिधा, लक्षणा और व्यंजना शब्दशक्तियों के उपयोग से मुहावरों का निर्माण किया जाता है. मुहावरे और लोकोक्तियां लोक मानस द्वारा निर्मित छोटी कविताएं हैं जो कम शब्दों में बड़ी बात कहने में सहायता करती है.
Muhavare in Hindi – घ से मुहावरे
मुहावरा: घड़ों पानी पड़ जाना
अर्थ: अत्यन्त लज्जित होना, लज्जा के मारे गड़ जाना।
वाक्य में प्रयोग: जब मैंने उसके मुंह पर वह बात कही तो उस पर घड़ों पानी पड़ गया।
मुहावरा: घर उजड़ना
अर्थ:कुल की संपत्ति का नष्ट होना।
वाक्य में प्रयोग:आपस के झगडे़ के कारण दोनों घर उजड़ गए।
मुहावरा: घर का
अर्थ:निज का, अपना, आपस का।
वाक्य में प्रयोग:हमारा तो घर का मकान है। उनका हमारा तो घर का मामला है।
मुहावरा: घर का अच्छा
अर्थ: समृद्ध कुल का।
वाक्य में प्रयोग: रमेश देखने में तो घर का अच्छा मालूम होता है, अन्दर की राम जाने।
मुहावरा: घर का आदमी
अर्थ:अपने कुटुंब का प्राणी, घनिष्ठ मित्र।
वाक्य में प्रयोग:आप तो घर के आदमी हैं, आप से क्या छिपाव।
मुहावरा: घर का काटना या काटने दौड़ना
अर्थ: घर में रहना अच्छा न लगना, घर में जी न लगना
वाक्य में प्रयोग:श्याम के बिना मुझे यह घर काटने को दौड़ता है।
मुहावरा: घर का मर्द या शेर
अर्थ:अपने ही घर में बल दिखाने वाला, परीक्ष में शेखी बघारने वाला।
वाक्य में प्रयोग:तुम तो घर के शेर हो, बाहर से कोई काम आ जाता है तो तुम्हारी बोलती बंद हो जाती है.
मुहावरा: घर का रास्ता लेना
अर्थ: चले जाना, भाग जाना।
वाक्य में प्रयोग: ये आंखे किसी और को दिखाना, जाओं, घर का रास्ता लो।
मुहावरा: घर तक पहुंचना
अर्थ: समाप्ति तक पहुंचना, पूरा करना।
वाक्य में प्रयोग: जिस काम को उठाओ उसे घर तक पहुंचाओ।
मुहावरा: घर फूंक तमाशा देखना
अर्थ: घर की संपत्ति नष्ट कर के मनोरंजन करना, अपनी हानि कर मौज उड़ाना।
वाक्य में प्रयोग: सारा पैसा जुयें में हार गये, तुम्हारे जैसा घर फूंक तमाशा देखने वाला और कौन होगा?
मुहावरा: घर बसाना
अर्थ: घर की हालत का सुधरना, घर में स्त्री का आना।
वाक्य में प्रयोग: दो ही दिन में राम का ब्याह हो गया, ईश्वर चाहे तो किसी का घर बसते देर नहीं लगती।
मुहावरा: घर बैठे
अर्थ: बिना परिश्रम किये।
वाक्य में प्रयोग: तुम्हें तो भाई, घर बैठे हर महीने पेंशन मिल जाती है।
मुहावरा: घर में गंगा
अर्थ: बिना दौड़ धूप किये किसी वस्तु की प्राप्ति।
वाक्य में प्रयोग: अरी, तेरे तो घर में गंगा है, सब पढे़-लिखे हैं, तुझे खत पढ़ाने के लिए यहां आने की क्या जरूरत?
मुहावरा: घर सिर पर उठाना
अर्थ: बहुत शोर करना।
वाक्य में प्रयोग: तुमने तो सारा घर सिर पर उठा रखा है।
मुहावरा: घाट-घाट का पानी पीना
अर्थ: देश-देशान्तरों में घूम कर अनुभव प्राप्त करना।
वाक्य में प्रयोग: इसने घाट-घाट का पानी पिया है, यह भी कभी धोखा खा सकता है?
मुहावरा: घात में रहना या फिरना
अर्थ: ताक में घूमना, अनिष्ट साधन के लिए अनुकूल अवसर ढूंढते रहना।
वाक्य में प्रयोग: उससे बचे रहना, वह बहुत दिन से तुम्हारी घात में घूम रहा है।
मुहावरा: घात लगाना
अर्थ:किसी काम के लिए अनुकूल अवसर ढूंढना, मौका ताकना।
वाक्य में प्रयोग: वह बहुत देर से घात लगाये बैठा है।
मुहावरा: घाव पर नमक छिड़कना
अर्थ:दुखियों को दुर्वचनों द्वारा और दुखाना।
वाक्य में प्रयोग:बेचारी विधवा का पुत्र मर गया है, जिस पर ननदें तानों द्वारा उसके घाव पर नमक छिड़कती हैं।
मुहावरा: घाव काटना या खोदना
अर्थ:व्यर्थ समय गंवाना, निरर्थक काम करना।
वाक्य में प्रयोग:इतने दिन क्या स्कूल में घास खोदते रहे हो?
मुहावरा: घिग्घी बंधना
अर्थ:रोते-रोते हिचकी आना।
वाक्य में प्रयोग: आंसू बहाते-बहाते इसकी घिग्घी बंध गई है।
मुहावरा: घी के दीए जलना
अर्थ: समृद्ध होना, सुख-चैन से रहना।
वाक्य में प्रयोग:कहां वे दाने-दाने को तरसते थे, वहां अब उनके यहां घी के दीए जलते है।
मुहावरा: घुल-घुल कर मरना
अर्थ:बहुत दिनों तक कष्ट भोगकर मरना।
वाक्य में प्रयोग: पति की मृत्यु के दो ही साल पीछे वह बेचारी भी घुल-घुल कर मर गई।
मुहावरा: घुमा फिरा कर बातें करना
अर्थ:चालाकी से, अस्पष्ट रूप से कोई बात कहना।
वाक्य में प्रयोग:यों घुमा फिरा कर बातें करने से क्या फायदा? जो कुछ कहना हो साफ-साफ कहिये।
मुहावरा:घोड़े बेच कर सोना
अर्थ:खूब निश्चिन्त होकर सोना।
वाक्य में प्रयोग: परीक्षा खत्म हो गई, अब मोहन घोड़े बेचकर सोता है।
lokoktiyan in Hindi – घ से लोकोक्तियां
लोकोक्ति: घड़ी भर की बेशर्मी दिन भर का आराम
अर्थ:साफ इनकार काने में पहले थोड़ा मन जरूर दुखता है, पर पीछे सुख ही सुख रहता है।
वाक्य में प्रयोग: एक- भाई! मुझ से तो कोई चीज मांगता है तो मैं इनकार नहीं कर सकता। अब वह साइकल ले गया है, मुझे खुद जाना था, उसकी प्रतीक्षा करते हुए आधा घंटा बीता गया है इसीलिए तो मैं साफ इनकार कर देता हूं, कोई मुंह फुलता है तो फुलाता रहे। अपना तो घड़ी भर बेशर्मी दिन भर का आराम.
लोकोक्ति:घड़ी में तोला घड़ी में माशा
अर्थ: जो जरा-सी बात पर खुश हो जाय और जरा-सी पर नाराज हो जाय।
वाक्य में प्रयोग: तुमने जाकर कहा, अजी ये बड़े अच्छे आदमी हैं, ऐसे हैं वैसे हैं, तो प्रसन्न हो गये। थोड़ी देर में कोई और चला गया और बोला, अजी यही हैं जो उस दिन जुआ खेलते पकड़े गये थे, बस एकदम गुस्से में लाल-पीले हो गये- ये भी कोई आदमी है, घड़ी में तोला, घड़ी में माशा.
लोकोक्ति: घर की आधी भली बाहर की सारी कुछ नहीं
अर्थ:आलसी आदमी को कहते हैं, जिनसे परदेश जाकर कुछ रोज़गार नहीं होता।
वाक्य में प्रयोग: एक पच्चीस रूपये में तुम्हारा क्या बनता होगा, क्यों नहीं बंबई चले जाते? वहां तुम पच्चीस रूपये एक दिन में काम सकते हो। अजी, अच्छा है, गुजारा चल रहा है, बाहर जाऊं कोई काम बने, न बने इसलिए घर की आधी भली बाहर की सारी कुछ नहीं
लोकोक्ति: घर की मुर्गी दाल बराबर
अर्थ:जो वस्तु घर में हो उसकी उतनी कद्र नहीं होती।
वाक्य में प्रयोग:यह घर में बनी है इसलिए नाक सिकोड़ता है, बाजार से यही बर्फी लेने जाओ तो एक आने की एक टुकड़ी माथे पर मारते हैं। पर बात यह है घर की मुर्गी दाल बराबर.
लोकोक्ति: घर का जोगी जोगड़ा, आन गांव का सिद्ध
अर्थ: चाहे कितना भी योग्य क्यों न हो पर आदमी की अपने देश में उतनी कद्र नहीं होती जितनी थोड़ी योग्यता होने पर भी परदेश में।
वाक्य में प्रयोग: यहां स्वामी रामतीर्थं को कोई विरला ही जानता है, पर अमेरिका में उनका नाम लो तो तुम्हें आंखों पर बैठायंगे, सच है घर का जोगी जोगड़ा, आन गांव का सिद्ध.
लोकोक्ति:घर का ब्राह्मण बैल बराबर
अर्थ: घर के आदमी की कद्र न होना.
वाक्य में प्रयोग: वह व्यक्ति है तो बुद्धिमान लेकिन उसके घर में ही उसकी कोई नहीं सुनता है, सही है घर का ब्राह्मण बैल बराबर.
लोकोक्ति: घर का भेदी लंका ढावे
अर्थ:आपस में फूट होने से परिवार की हानि होती है।
वाक्य में प्रयोग: घर में डकैती डलवाने वाला आखिर में घर का ही नौकर निकला, इसके कहते हैं घर का भेदी लंका ढावे.
लोकोक्ति: घर आये कुत्ते को भी नहीं निकालते
अर्थ: मेहमान कैसा भी हो उसकी खातिर करनी चाहिये।
वाक्य में प्रयोग: जब कोई किसी को अपने घर आने पर आश्रय न दे तब कहा जाता है।
लोकोक्ति: घर की खेती
अर्थ: आसानी से मिलने वाली चीज।
वाक्य में प्रयोग: सफलता प्राप्त करने के लिये मेहनत करनी पड़ती है, यह कोई घर की खेती थोड़े ही है जो यूं ही मिल जायेगी.
लोकोक्ति:घर की खांड किरकिरी लागे चोरी का गुड़ मीठा मीठा.
अर्थ: घर की अच्छी चीज भी सामान्य लगे और बाहर की बुरी चीज भी अच्छी लगना.
वाक्य में प्रयोग: उन्हें फास्टफूड इतना पसंद है कि ठेले पर भी खा लेते हैं और घर का पकवान भी मुंह नहीं लगाते, यह तो वही बात हुई कि घर की खांड किरकिरी लागे चोरी का गुड़ मीठा मीठा.
लोकोक्ति:घर खीर तो बाहर खीर
अर्थ: घर में अच्छा हो तो बाहर भी अच्छा होता है.
वाक्य में प्रयोग: उसका परिवार बहुत अच्छा है इसलिये उसे बाहर से लोगों का सहयोग प्राप्त होता है. सही कहते हैं भाई घर खीर तो बाहर खीर.
लोकोक्ति: घर-घर शादी घर-घर गम
अर्थ: सुख-दुख सभी घरों में होता है।
वाक्य में प्रयोग: यह समय का फेर है भाई, घर-घर शादी घर-घर गम.
लोकोक्ति: घी कहां गया खिचड़ी में
अर्थ: अपनी वस्तु अपने ही काम आ जाय
वाक्य में प्रयोग: आपने बेशक एक रूपये के टिकट कल ही लाकर दिये हैं पर मैंने निजी काम में तो लगाये नहीं, सब आपके दफ्तर की चिठ्टी-पत्री में ही खत्म हो गये हैं, सो मैं क्या बताऊं, घी कहां गया खिचड़ी में.
लोकोक्ति: घी खाया बाप ने सूंघो मेरा हाथ
अर्थ: दूसरों की कीर्ति पर डींग मारने वाला।
वाक्य में प्रयोग: जब कोई नया आविष्कार होता है तो हम बड़े गर्व से कहते हैं, अजी यह तो हमारे वेदों में पहले ही मौजूद है। वेदों में है तो किस काम का? हम लोग स्वयं तो कुछ करते-धरते हैं नहीं और दावा करते हैं हमारे वेदों में सब कुछ है। यह तो वही बात हुई, घी खाया बाप ने सूंघो मेरा हाथ.
लोकोक्ति: घोड़ा घास से यारी करे तो खाय क्या
अर्थ: जो जिस चीज का व्यापार करता है यदि उसमें मुनाफाा न ले तो उसका खर्च कैसे चले? या मेहनताना मांगने में लिहाज कैसा?
वाक्य में प्रयोग: अब बस चलाने का तुम्हारा काम ही ऐसा है कि टिकट तो खरीदना ही पड़ेगा. रिश्तेदारी निभाओं या मेहनताना कमाओ लेकिन घोड़ा घास से दोस्ती करेगा तो खायेगा क्या?
लोकोक्ति: घोडे़ का गिरा संभल जाता है नजरों का गिरा नहीं संभलता
अर्थ:ऐसे काम से बचाना चाहिए जिसमें लोगों की नजरों से गिरना पडे़।
वाक्य में प्रयोग: उसे मैंने विश्वास पर पैसा उधार दिया लेकिन उसने नहीं लौटाये. अब मैं उसकी कोई मदद नहीं कर सकता क्योंकि घोडे़ का गिरा संभल जाता है नजरों का गिरा नहीं संभलता.
लोकोक्ति: घोड़ो का घर कितनी दूर
अर्थ: काम करने वालों काम करते देर नहीं लगती।
वाक्य में प्रयोग: उसकी टाइपिंग स्पीड बहुत तेज है, ये पांच पेज टाइप करते उसको कितना समय लगेगा आखिर घोड़ो का घर कितनी दूर.