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हिन्दी दिवस पर निबंध – short essay on hindi diwas in hindi language
हिन्दी दिवस hindi diwas 2019 14 सितम्बर को मनाया जाता है. 14 सितम्बर, 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया था.
hindi diwas kyu manaya jata hai
हिंदी को यह गौरव मिलने के कारण हिन्दी दिवस को हिंदी के उत्सव के तौर पर नामित कर दिया गया. हिंदी दिवस पर देश में हिंदी के उत्थान और विकास पर चिंतन किया जाता है.
हिंदी दिवस का इतिहास – History of Hindi diwas
हिन्दी दिवस का इतिहास भारत की आजादी की लड़ाई के साथ ही शुरू होता है. भारत की आजादी के उतरार्द्ध में हिंदी को पूरे देश की भाषा बनाने का अभियान शुरू हुआ.
भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने हिंदी को सम्मान दिलाने का आंदोलन शुरू किया, जिसे हजारी प्रसाद द्विवेदी, रामधारी सिंह दिनकर, रामचंद्र शुक्ल, काका कालेलकर, सेठ गोविन्ददास, मैथिलीशरण गुप्त और व्यौहार राजेन्द्र सिंह ने आगे बढ़ाया.
पूरे भारत में हिंदी को लेकर विमर्श का दौर शुरू हुआ और एक देश—एक भाषा का नारा शुरू किया गया. उत्तर और मध्य भारत में तो हिंदी को स्वीकार करने में किसी को कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन दक्षिण भारत के ज्यादातर राज्य इसके विरोध में आ गये.
आखिरकार आजाद भारत की संविधान सभा ने दक्षिण भारत के राज्यों के विरोध का सम्मान किया और हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने की बजाये राजभाषा तक सीमित कर दिया.
हिंदी भाषा का इतिहास – History of Hindi Language
हिंदी भाषा का इतिहास इस देश की प्राचीन संस्कृति जितना ही प्राचीन है. इसकी लिपी यानी देवनागरी भी देवों की भाषा संस्कृत की लिपी से अंगीकृत की गई. हिंदी को बनाने में संस्कृत का अहम् योगदान रहा और हिंदी का व्याकरण भी संस्कृत के व्याकरण को आधार बनाकर रचा गया.
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हिंदी की उत्पति को अपभ्रंश की अवहट्ठ शैली का परिष्कृत रूप माना जाता है. हिन्दी को वर्तमान रूप में विकसित होने में लंबा वक्त लगा. विद्वान हिंदी को एक हजार साल से भी पुरानी भाषा मानते हैं, जिसमें समय के साथ देशज, संस्कृत और अरबी—फारसी के शब्द जुड़ते चले गये.
आज हिंदी दुनिया भर में मिण्डारिन या चीनी भाषा के बाद बोली जाने वाली दूसरी बड़ी भाषा है. हिंदी का बहुत बड़ा बाजार है. हिंदी सिनेमा और टेलीविजन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री है. हिंदी का साहित्य बहुत समृद्ध है और इस भाषा की कई रचनाओं को विश्व साहित्य की श्रेणी में रखा जाता है.
हिंदी को लेकर सरकारी नीतियां – Hindi in Indian Constitution
हिंदी को भारतीय संविधान में राजभाषा का दर्जा दिया गया है. हिंदी को संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में हिंदी को स्थान देते हुये इसे राजभाषा के तौर पर अंगीकार किया गया है. इसी अनुच्छेद में देवनागरी को लिपि के तौर पर स्वीकार किया गया है.
भारत सरकार ने हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने के लिये कई कदम उठाये हैं. बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड राज्य तथा अण्डमान-निकोबार, दादर एवं नगर हवेली तथा दिल्ली जैसे केन्द्र शासित प्रदेशों में हिंदी को राज्यभाषा और कार्यालय भाषा की तौर पर स्वीकार किया गया है और यहां होने वाले ज्यादातर कार्यों में हिंदी को प्राथमिकता दी गई है.
हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी भाषा के विकास के लिये राजभाषा अधिकारी जैसे पद सृजित किये गये हैं जो कार्यालयों में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये कार्य करते हैं.
साथ ही सरकार समय—समय पर हिंदी में अधिक कार्य को प्रोत्साहित करने के लिये कार्मिकों को सम्मानित करने का काम भी करती है.
हिंदी दिवस पर स्लोगन- Slogan on Hindi Diwas
हिंद है हमारी जान।
हिंदी है हमारी पहचान।
भाषा है निज गौरव का आयाम।
हिंदी को दीजिये माता का सम्मान।
एक देश है और एक ही भाषा
हिंदी का हिंदुस्तान की आशा।
हिंदी है हम वतन है
हिंदोस्तां हमारा।
हिंदी बने व्यवहार की भाषा।
देश के सम्पर्क की राशा।
उत्तर से दक्षिण एक ही नारा
हिदीं बनेगी जोड़ने का सहारा।
हिंदी दिवस पर कोट्स- Quotes on Hindi diwas
हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्रोत है.
– सुमित्रानंदन पंत
सभी भारतीय भाषाओं के लिए यदि कोई एक लिपी आवश्यक है तो वो देवनागरी ही हो सकती है.
– जस्टिस कृष्णस्वामी अय्यर
हिंदी का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता.
– पंडित गोविंद बल्लभ पंत
हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है.
– कमलापति त्रिपाठी
राष्ट्रभाषा के बिना कोई भी राष्ट्र गूंगा है.
– मोहन दास करमचंद गांधी
राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक है.
– मोहन दास करमचंद गांधी
‘हिंदी का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है’.
– मोहन दास करमचंद गांधी
मैं दुनिया की हरेक भाषा का सम्मान करता हूं लेकिन मेरे राष्ट्र की भाषा हिंदी का सम्मान न हो, यह मैं सहन नहीं कर सकता.
– आचार्य विनोबा भावे
हिंदी किसी एक प्रदेश की भाषा नहीं बल्कि देश में सर्वत्र बोली जाने वाली भाषा है.
– विलियम केरी
‘यद्यपि मैं उन लोगों में से हूँ, जो चाहते हैं और जिनका विचार है कि हिंदी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है’.
– लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा तो है ही, यही लोकतांत्रिक भारत की राजभाषा भी होगी.
– सी. राजगोपालाचारी
प्रान्तीय ईर्ष्या–द्वेष को दूर करने में जितनी सहायता इस हिंदी प्रचार से मिलेगी, उतनी दूसरी किसी चीज़ से नहीं मिल सकती.
– सुभाषचंद्र बोस
हिंदी आम बोलचाल की ‘महाभाषा’ है
– जॉर्ज ग्रियर्सन
देवनागरी लिपी दुनिया की सबसे वैज्ञानिक लिपी है
– राहुल सांकृत्यायन
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