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गिर नेशनल पार्क: भारतीय शेरों का घर
गिर राष्ट्रीय पार्क प्रख्यात है अपने शेरों के लिये. गिर नेशनल पार्क अपने नायाब शेरों के लिये दुनिया भर में जाना जाता है. यह न सिर्फ एशियन शेरों के रहवास के लिए मशहूर है बल्कि शेर और इंसान के आपसी सामंजस्य का उदाहरण भी है.
गिर ने ये साबित किया है कि अगर ठान लिया जाये तो करिश्मा करना भी संभव है. गिर नेशनल पार्क को शेरों को संरक्षित करने के अपने सफर अभियान की वजह से पूरी दुनिया में सराहना मिली है. गिर के शेर और गिर के इंसान आपस में इस तरह मिलजुल कर रहते हैं कि दोनों एक दूसरे के पूरक बन गये हैं.
कहां स्थित है गिर राष्ट्रीय उद्यान?
अक्सर यह प्रश्न पूछा जाता है कि गिर राष्ट्रीय उद्यान कहाँ है? दुनिया में अफ्रीका के अलावा, गुजरात में गिर राष्ट्रीय उद्यान दुनिया का एकमात्र स्थान है जहाँ आप जंगली में घूमते हुए शेरों को देख सकते हैं. भारत का गिर राष्ट्रीय उद्यान जूनागढ़ जिले से लगभग 65 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित है.
भारत सरकार ने 18 सितंबर, 1965 को एशियाई शेर के संरक्षण के लिए सासन गिर वन्यजीव अभयारण्य को अधिसूचित किया. यह नेशनल पार्क 1412 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमें से 258 किलोमीटर राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य क्षेत्र है.
गिर राष्ट्रीय उद्यान में शेर संरक्षण का इतिहास
एक समय ऐसा भी था जब लोगों द्वारा अंधाधुंध शिकार करने से यहां शेरों की आबादी में भारी कमी आई, जबकि एशिया के अन्य हिस्सों से उनका पूरी तरह सफाया हो गया. एक समय ऐसा आया कि जब यह लगने लगा कि गिर से भी शेरों का पूरी तरह सफाया हो जायेगा.
एक समय ऐसा आया जब 1913 में यहां शेरों की आबादी घटकर सिर्फ 20 ही रह गई. भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और शेरों के संरक्षण के उपाय शुरू किये गये.
प्रयास सार्थक साबित हुये और उसके बाद शेरों की आबादी में इजाफा होता चला गया, 2015 की पशुगणना के अनुसार शेरों की संख्या गिर में बढ़कर 523 हो गई जिनमें 106 नर, 201 मादा और 213 किशोर शेर हैं.
सासन गिर में प्रमुख आकर्षण
गिर राष्ट्रीय उद्यान को वैसे तो शेरों के लिये जाना जाता है लेकिन यहां की जैव विविधता बहुत विशाल है और शेरों के अलावा भी सैकड़ों प्रकार के जीव—जन्तु यहां पाये जाते हैं.
गिर राष्ट्रीय उद्यान का पूरा वन क्षेत्र सूखा और पतझड़ी है जो इसे एशियाई शेरों के लिए सबसे अच्छा निवास स्थान बनाता है. 2015 की गणना के अनुसार, पूरे सौराष्ट्र क्षेत्र में 523 शेर और 300 से अधिक तेंदुओं का निवास है.
इन दो जानवरों के अलावा हिरण की दो अलग-अलग प्रजातियों का घर है. सांभर की गिनती सबसे बड़े भारतीय हिरणों में की जाती है. गीर का जंगल चौसिंघा के लिए भी जाना जाता है. यह दुनिया का एकमात्र चार सींग वाला मृग है. गिर वन में पाए जाने वाले सियार, धारीदार हाइना और लोमड़ी यहां पाये जाने वाले कुछ छोटे मांसाहारी जीव हैं.
गिर में बड़ी संख्या में पक्षियों की प्रजातियां भी निवास करती है. गिर राष्ट्रीय उद्यान विदेशी पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियों का घर है और गिर अभयारण्य को भारतीय पक्षी संरक्षण नेटवर्क द्वारा एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र घोषित किया गया है.
गिर भी लुप्तप्राय सफेद पीठ और लंबी गरदन वाले गिद्धों का निवास स्थान भी है. इसके अलावा गिर में बड़ी संख्या में रेंगने वाली सरीसृप भी पाये जाते हैं.
सासन गिर में सरीसृप और उभयचरों की 40 से अधिक प्रजातियों को देखा जा सकता है. अभयारण्य में स्थित कमलेश्वर जलाशय में बड़ी संख्या में दलदली मगरमच्छ पाये जाते हैं. इसके अलावा पार्क में किंग कोबरा, रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर और क्रेट सहित सांप की कई प्रजातियां पाई जाती हैं.
गिर इंटरप्रिटेशन ज़ोन, देवलिया
देवलिया सफारी पार्क अभयारण्य से जुड़ा हुआ विशेष क्षेत्र है जो आगंतुकों को क्षेत्र की देहाती सुंदरता और जंगल का अनुभव करने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है.
सफारी टूर एक मिनी बस में आयोजित किया जाता है जो पर्यटकों को गिर के दूसरे क्रॉस सेक्शन में ले जाती है. यात्री यहां एशियाई शेर सहित 20 से 30 मिनट के दौरे में अच्छी किस्म के वन्यजीव देख सकते हैं.
how to reach gir national park – कैसे पहुंचें गिर नेशनल पार्क गिर
नेशनल पार्क बड़ी संख्या में पर्यटकों को एशियाई शेर देखने के लिए आकर्षित करते हैं, क्योंकि यह दुनिया भर में एकमात्र जगह है जहां ये जीव वर्तमान में पाए जाते हैं. अभयारण्य हर साल 16 अक्टूबर से 15 जून तक पर्यटन के लिए खुला रहता है.
जूनागढ़ पार्क तक पहुंचे के लिए सबसे अच्छा रास्ता है. जूनागढ़ के लिये अहमदाबाद और राजकोट से रेल की सुविधा मिलती है. फिर, यहाँ से सासन गिर राष्ट्रीय उद्यान तक पहुँचने में लगभग डेढ़ घंटा लगता है.
राजकोट रेलवे स्टेशन या हवाई अड्डे तक पहुँचने के लिए आप एक टैक्सी या बस ले सकते हैं और एक लिमडा चौक तक पहुँच सकते हैं. निजी रूप से संचालित कई ऐसे वाहन हैं जो अक्सर जूनागढ़ जाते हैं.
जूनागढ़ राजकोट शहर से लगभग 105 किलोमीटर दूर है और सड़क मार्ग से यह दूरी तय करने में लगभग ढाई से तीन घंटे लगते हैं. इसके बाद आपके पास दो विकल्प हैं.
पहले एक या तो आप गेट नंबर 11 या 12 से सासन गिर तक बस लें या टैक्सी से यात्रा करें जो टैक्सी स्टैंड में सुलभ है. टैक्सी को लगभग एक से डेढ़ घंटा लगेगा.
सोमनाथ से गिर राष्ट्रीय उद्यान: सोमनाथ से गिर राष्ट्रीय उद्यान की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है और इस दूरी को तय करने में लगभग 1 घंटे का समय लगता है. जीएसआरटीसी की बसें और निजी बसें दोनों शहरों के बीच चलती हैं और आपको सीधे सासन गिर फॉरेस्ट में ले जाती हैं.
दीव से सासन गिर पार्क:दीव हवाई अड्डा गिर राष्ट्रीय उद्यान के सबसे निकट है. यहाँ से आप किराए पर टैक्सी ले सकते हैं जो हवाई अड्डे के ठीक बाहर मौजूद हैं जो आपको सासन गिर में ले जाएगा. सासन गिर दीव का लगभग 110 किलोमीटर दूर है और इस दूरी को कवर करने में लगभग 2 घंटे लगते हैं.
gir national park best time to visit – गिर नेशनल पार्क जाने का सही समय
gir national park entry fees — गिर नेशनल पार्क एंट्री फीस
गिर नेशनल पार्क में आप सफारी का आनंद ले सकते हैं. यहां भारतीयों के लिये सफारी की फीस 5300 रूपये प्रति जीप रखी गई है और एक जीप में अधिकतम 6 व्यक्तियों को को सफारी की अनुमति दी जाती है.
विदेशी सैलानियों के लिए एक जीप की एंट्री फीस 13800 रूपये रखी गई है. सफारी का समय 6:00 AM – 9:00 AM, 8:30 AM – 11:30 AM और 3:00 PM – 6:00PM.
इसमें जीप और ड्राइवर (1700), परमिट शुल्क (1000), गाइड शुल्क (400), एक कैमरा शुल्क (200), ऑनलाइन भुगतान गेटवे शुल्क (200), पिक एंड ड्रॉप सुविधा (1000) जीआईआर में किसी भी रिसॉर्ट्स / होटल से (केवल 5 किलोमीटर तक), सेवा शुल्क और कर (800) शामिल होता है.
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