Table of Contents
epf pension calculation 2019 hindi सुप्रीम कोर्ट फैसले के अनुसार ईपीएफ पेंशन कैलकुलेशन
सुप्रीम कोर्ट supreme court judgement on epf pension hindi ने ईपीएफ पेंशन के अपने फैसले में 15 हजार की सैलरी पर गणना की सीमा को हटाते हुए वर्तमान सैलरी के आधार पर पेंशन देने का फैसला सुनाया है. इस फैसले से उन लोगों को लाभ होगा जो ईपीएस यानी एम्प्लॉइज पेंशन स्कीम के तहत आते हैं.
फैसले के बाद ईपीएस के तहत मिलने वाली पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है. ईपीएफ के बारे में प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी जानते हैं लेकिन इसी से सम्बन्धित ईपीएस के बारे में उन्हें ज्यादा नहीं पता हैं. इस आलेख में हम यह जानेंगे कि ईपीएस क्या होता है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार आप कैसे अपने पेंशन की गणना कर सकते हैं.
क्या होता है ईपीएस?
प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को सेवानिवृति का लाभ दिलवाने के लिए केन्द्र सरकार के ईपीएफ द्वारा कर्मचारी पेंशन स्कीम लाई गई थी. इस स्कीम के अनुसार एम्प्लॅायर या नौकरी प्रदाता द्वारा ईपीएफ में किए गए कॉन्ट्रीब्यूशन का एक निश्चित हिस्सा ईपीएस में जमा करवाया जाता है. इसके नियमों के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की बेसिक सैलरी प्लस डीए का 12 फीसदी ईपीएफ में जमा करवाना होता है. अगर उस व्यक्ति को डीए नहीं मिलता है तो यह गणना उसकी बेसिक सैलरी पर की जाती है.
जितनी रकम ईपीएफ में जमा करवाई जाती हैं, उतनी ही रकम यानी 12 फीसदी की राशि एम्प्लॉयर या नौकरी प्रदाता भी कर्मचारी के ईपीएफ अकाउंट में जमा करता है. कर्मचारी द्वारा जमा करवाया जाने वाला पैसा तो ईपीएफ अकाउंट में जमा होता है लेकिन नौकरी प्रदाता या एम्प्लॅायर द्वारा किए गए कॉन्ट्रीब्यूशन का एक हिस्सा ईपीएस में जाता है. यह हिस्सा बेसिक सैलरी का 8.33 फीसदी या अधिकतम 1,250 रुपए होता है.
यह 1250 रूपये अधिकतक मी गणा 15 हजार की सैलरी तक ही हो सकती थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मनामाना कहते हुए निरस्त कर दिया supreme court judgement on epf pension 2019 pdf. अब इस फैसले लागू होने पर कर्मचारी की ओरिजिनल बेसिक सैलरी का 8.33 हिस्सा ईपीएस में जाएगा, न कि अधिकतम 1,250 रुपए.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लागू होने पर एम्प्लॉई को 58 साल की उम्र के बाद मिलने वाली पेंशन के कैलकुलेशन epfo pension increase पर भी असर पड़ेगा. अब कर्मचारी की पेंशन की गणना epfo pension hike अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन के आधार पर होगी, न कि अधिकतम 15,000 रुपए की पेंशनेबल सैलरी के आधार पर.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से पेंशन की गणना epfo pension revision 2019
सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू होने पर कॉन्ट्रीब्यूशन और पेंशन दोनों की गणना करने की विधि को समझते हैं. epfo pension claim को समझने के लिए एक ऐसे कर्मचारी का उदाहरण लेते हैं जिसका मासिक वेतन 50 हजार रूपये है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले से कॉन्ट्रीब्यूशन
मंथली बेसिक सैलरी | 50,000 रुपए |
ईपीएफ में कर्मचारी का कॉन्ट्रीब्यूशन | 6000 रुपए (50,000 का 12%) |
एंप्लॉयर का कॉन्ट्रीब्यूशन | 6,000 रुपए (ईपीएस 1250, ईपीएफ 4750) |
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कॉन्ट्रीब्यूशन
मंथली बेसिक सैलरी | 50,000 रुपए |
ईपीएफ में कर्मचारी का कॉन्ट्रीब्यूशन | 6000 रुपए (50,000 का 12%) |
एंप्लॉयर का कॉन्ट्रीब्यूशन | 6000 रुपए (ईपीएस में 50,000 का 8.33% यानी 4165, ईपीएफ में 1835 रुपए) |
ईपीएफ पेंशन का कैलकुलेशन
पेंशन का कैलकुलेशन करने के लिए आपको ईपीएस में कम से कम 10 साल तक पैसा जमा करना जरूरी होता है. इसमें लगातार पैसा जमा करवाने की आवश्यकता नहीं है. ईपीएफ से पेंशन लेने के लिए आपको 58 साल की उम्र तक अपनी पूरी नौकरी के दौरान कम से कम 10 साल की अवधि तक पैसा जमा करवाना होता है जो कई टुकड़ो में हो सकता है. 50 साल के बाद अगर किसी वजह से कांट्रिब्यूशन शुरू होता है तो आपको 4 फीसदी सालाना कटौती के साथ पेंशन मिलेगी.
पेंशन के केलकुलेशन के लिए आपको अपने रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों के दौरान मिली सैलरी का औसत निकालना होगा. यह काम अपनी सैलरी स्लिप के माध्यम से कर सकते हैं और अगर आपके पास अपनी सैलरी स्लिप्स नहीं है तो नौकरी प्रदाता द्वारा प्रदान किये जाने वाले फॉर्म 16 का उपयोग कर सकते हैं. आपको यह ध्यान रखना होगा कि आपको एक वित्तिय वर्ष का औसत नहीं निकालना है बल्कि अपने पिछले 12 महीनों का औसत निकालना है. अब इस औसत सैलरी का अपने सर्विस पीरियड से गुणा करने के बाद 70 से भाग लगा दीजिये. इसके बाद जो आंकड़ा प्राप्त होगा, वही आपकी सैलरी होगी.
फिलहाल ईपीएफओ द्वारा अभी तक आपकी मौजूदा सैलरी का औसत न लेकर 15 हजार को आधार मानकर गणना की जाती थी और उसमें सैलरी का औसत पिछले 60 माह की औसत के आधार पर निकाला जाता था जो कि पिछले 12 माह की तुलना में काफी कम आता है.
ईपीएफ पेंशन epf pension calculator in hindi
नौकरी के कुल साल X आपके 12 महीने की औसत सेलरी/70 = मासिक पेंशन
यह भी पढ़ें:
परम्परागत कृषि विकास योजना की जानकारी
आयुष्मान भारत योजना के बारे में सम्पूर्ण जानकारी
राष्ट्रीय पोषण मिशन के बारे में जानकारी