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Steve Irwin: The Crocodile Hunter’s Biography in Hindi-स्टीव इरविनः द क्रोकोडाइल हंटर की जीवनी

Steve Irwin: The Crocodile Hunter’s Biography in Hindi

स्टीव इरविन नौ साल की उम्र में हो गए मगरमच्छ पर सवार 

स्टीव इरविन विश्व के प्रसिद्ध वन्यजीव विशेषज्ञ थे, जो क्रोकोडाइल हंटर के रूप में विख्यात हुए. उनका पूरा नाम स्टीफन रॉबर्ट इरविन था. स्टीव इरविन के जन्मदिन 22 फरवरी को उनकी याद में गूगल ने अपना डूडल स्टीव को समर्पित किया.

स्टीव इरविन का जन्म 22 फरवरी, 1962 को ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरिया प्रांत के एस्सेनडॉन में हुआ था और ऑस्ट्रेलिया के ही क्वींसलैंड स्थित पोर्ट डगलस में 4 सितंबर, 2006 को मगरमच्छ के हमले में उनकी मृत्यु हो गई. उन्हें टेलीविजन सीरीज द क्रोकोडाइल हंटर और वाइल्ड लाइफ डॉक्यूमेंट्रीज से ख्याति मिली. द क्रोकोडाइल हंटर का प्रसारण 1992 से 2006 तक हुआ.

Steve Irwin: The Crocodile Hunter’s Biography in Hindi

मां-बाप से मिली प्रेरणा

इरविन को वन्यजीवों के लिए जुनून अपने माता-पिता से मिला, जो जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में जंगली सरीसृपों की रक्षा के लिए प्रयासरत थे. वर्ष 1970 में उनका परिवार विक्टोरिया से क्वींसलैंड के सनशाइन कोस्ट आ बसा जहां उनके पिता बॉब और मां लिन इरविन ने 4 एकड़ जमीन पर बीयरवाह रेप्टाइल पार्क की स्थापना की. युवा स्टीव अपने पिता के साथ छिपकलियों, जहरीले सांपों और मगरमच्छों को पकड़ने के लिए जाते. वे घायल कंगारूओं और अन्य पशु- पक्षियों को भी अपने पिता के पार्क में पुनर्वास करने में मदद करते.

1970 के दशक के शुरुआती वर्षों में इरविन अपने पिता के साथ आस्ट्रेलिया में सरकार प्रायोजित एक परियोजना से जुड़े जिसमें जानवरों को कम आबादी वाले क्षेत्रों या अभयारण्यों में स्थानांतरित किया जाता था ताकि मगरमच्छों के शिकार को रोका जा सके. ऐसा ही एक वाकया था, जब इरविन ने नौ साल की उम्र में पहली बार एक मगरमच्छ को उसकी पीठ पर कूदकर काबू कर लिया. वह जल्द ही इस तकनीक में काफी माहिर हो गये.

कम उम्र में बना ली क्रोकोडाइल कैचर की पहचान

1980 के दशक की शुरुआत में इरविन ने स्वयं ही क्रोकोडाइल मैनेजमेंट प्रोग्राम शुरू किया. वे कभी-कभी महीनों तक क्रोकोडाइल्स को पकड़ने के लिए जंगल में बिता देते थे. धीरे-धीरे वे पूरे ऑस्ट्रेलिया में सबसे दक्ष क्रोकोडाइल कैचर के रूप में विख्यात हो गए.

स्टीव इर्विन एक डॉक्यूमेंट्री से पहुंचे शिखर पर

इरविन ने अपने कुछ हैरत अंगेज कारनामे ट्राइपॉड के सहारे वीडियो कैमरा में दर्ज किए. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के चैनल 10 नेटवर्क पर एक निर्माता को ऐसे कुछ टेप दिखाए, जिन्होंने तुरंत उन्हें इनसे एक डॉक्यूमेंट्री बनाने का सुझाव दिया. इस तरह 10 घंटे का एक कार्यक्रम द क्रोकोडाइल हंटर बनकर तैयार हुआ जो पहली बार 1992 में ऑस्ट्रेलिया में प्रसारित हुआ था.

इसकी सफलता के बाद इरविन को ऑस्ट्रेलिया के अंदर और दूसरे देशों से कार्यक्रमों के अवसर मिलने लगे. 1996 में अमेरिका में डिस्कवरी चैनल नेटवर्क ने इस कार्यक्रम का प्रसारण शुरू किया, जो 2006 में इरविन की मृत्यु तक जारी रहा. इरविन के कार्यक्रम 100 से अधिक देशों में प्रसारित किये जाते थे.

1991 में इरविन ने अपने पिता से बीरवाह पार्क की कमान संभाली. पार्क में एक कार्यक्रम के उनकी मुलाकात अमेरिका की टेरी रेंस से हुई. दोनों ने 1992 में शादी कर ली. टेरी इरविन जल्द ही अपने पति के व्यवसाय और संरक्षण परियोजनाओं में जुड़ गईं.

इरविन को लोकप्रियता मिलने के बाद उनके प्रयासों से बीरवाह पार्क का नाम बदलकर द ऑस्ट्रेलिया जू हो गया और यह प्रमुख पर्यटक आकर्षण केन्द्र बन गया. वर्ष 2007 तक यह पार्क 80 एकड़ में फैल गया, जिसमें 1,000 से अधिक जानवर रहते थे. स्टीव इरविन ने वाइल्डलाइफ वॉरियर्स वर्ल्डवाइड शिक्षा की स्थापना की जो वाइल्डलाइफ संरक्षण, शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए काम करती थी.

स्टिंगरे के हमले से हुई मौत

सितंबर 2006 में ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ के पास द ओशन्स डेडलिएस्ट नामक एक डॉक्यूमेंट्री को फिल्माते समय उथले पानी में इरविन पर एक जहरीले बुल स्टिंगरे ने हमला किया. बुल स्टिंगरे इरविन के सीने में अटक गया, जिसके बाद कार्डिएक अरेस्ट के कारण एक घंटे में ही स्टीव इरविन की मौत हो गई.

इरविन अपने शो में खतरनाक और लुप्तप्राय जानवरों के साथ, विशेष रूप से मगरमच्छों के साथ दिखाई देते थे. ये शो ऑस्ट्रेलिया के अलावा एशिया और अफ्रीका के जंगलों में तैयार किए जाते थे. स्टीव इरविन की कई बार वन्यजीवों को बेवजह परेशान करने के लिए आलोचना भी होती थी लेकिन उनका दावा था कि उनके कार्यक्रमों से वन्यजीवों के प्रति दुनिया में जागरुकता बढ़ रही है.

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