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बच्चों के अच्छे नाम कैसे रखें
बच्चे का जन्म घर में अपार खुशियां लेकर आता है, लेकिन नए मेहमान के आने के साथ ही एक उलझन भी शुरू हो जाती है कि आखिर बच्चे का नाम क्या रखें. जो भी मिलने आता है, नया नाम सुझाता है. धीरे-धीरे बच्चे के संभावित नामों की लिस्ट लम्बी होती चली जाती है. इसमें से बच्चे का नाम निकलना बहुत मुश्किल भरा काम होता है. लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, हम आपके प्यारे से बच्चे का परफेक्ट नाम रखने में आपकी पूरी मदद करेंगे. बस आपको पढ़ना है ये पूरा लेख.
इंटरनेट पर नेम सर्च
इंटरनेट पर कई वेबसाइट्स हैं, जिनमें बच्चों के नाम लिंग, धर्म और देश के अनुसार दिए रहते हैं. आप स्वयं और आपके जीवनसाथी को इन वेबसाइट्स को विजिट कर अपनी पसंद के सभी नामों की सूची तैयार कर लें.
और कहां से ढूंढ़ सकते हैं नाम
जरूरी यह है कि इस लिस्ट में आप अपनी पसंद के सभी नाम शामिल कर लें. नए नाम ढूंढने में नीचे बताए गए तरीके भी कारगर हो सकते हैं.
- टीवी सीरियल्स में आपके फेवरिट कैरेक्टर्स के नाम.
- स्कूल के दिनों में आपके साथ पढ़ने वाले बच्चों के नाम जो अलग हटकर लगते हों.
- आपके एरिया के नर्सरी स्कूल की एडमिशन लिस्ट में शामिल बच्चों के नाम.
- भगवद्गीता, रामायण या धार्मिक पुस्तकों में आने वाले ऐतिहासिक या पौराणिक नाम.
नामों की छंटनी कैसे करें How to shortlist names
जब बच्चों के नये नाम की लिस्ट तैयार हो जाए, तो उसके बाद शुरू होती है नामों की सूची छोटी करने की प्रक्रिया. इससे आप तय कर पाएंगे कि जो नाम आपको पसंद आ रहे हैं, वे आपके लाड़ले के लिए अच्छे भी लगेंगे या नहीं. हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ कसौटियां, जिनके आधार पर आप नामों की सूची छोटी कर सकते हैं. ध्यान रखें जो भी नाम इस कसौटी पर खरे न उतरें, उन्हें तुरंत हटा दें.
अपने सरनेम के साथ नाम जोड़कर देखें
आप किसी भी नाम को अपने सरनेम के साथ जोड़ें और देखें कि यह आपके सरनेम से मैच कर रहा है या नहीं. मान लीजिए आप अपने बच्चे का नाम रखना चाहते हैं ‘सात्विक’ और आपका सरनेम है ‘राठौड़’. आप खुद तय करें कि ‘सात्विक राठौड़’ बोलने और सुनने में कैसा लगेगा. अगर नहीं, तो इस नाम को अपनी संभावित नामों की सूची से हटा दें. ऐसा ही अन्य नामों के साथ भी करके देखें. आप पाएंगे कि नामों की सूची खुद ब खुद छोटी होती चली जाएगी.
नाम को संक्षिप्त करके देखें
बच्चे जब स्कूल और कॉलेज में पहुंचते हैं तो दोस्त उसका शॉर्ट नेम रख देते हैं. अक्सर नाम की इंग्लिश स्पेलिंग के इनीशियल्स को जोड़कर ये शॉर्ट नेम बनाए जाते हैं. ऐसे नाम बिलकुल नहीं रखें जिनको संक्षेप करने पर बच्चे का मजाक बनने की संभावना रहे. उदाहरण के तौर पर, आपने बच्चे का नाम रखा ‘प्रखर’ और आपका सरनेम है ‘कुमार’, तो इसका शॉर्ट नेम बनेगा ‘पीके’. ये आपके बच्चे के लिए परेशानी का कारण बन सकता है. ऐसे नामों को भी लिस्ट से तुरंत हटा दें.
नाम का ‘बॉस’ टेस्ट
यह बात पूरी तरह सच है कि इंसान की पहचान उसके नाम से नहीं उसके काम से होती है. पर, अब वो समय गया जब बच्चों के मास्टर जी या पड़ोसी ही प्यार से बच्चों का नाम रख दिया करते थे. हम सभी नामों का पूरा सम्मान करते हैं, न ही हमारा मकसद किसी की भावनाओं को आहत करना है, लेकिन आप खुद ही तय कीजिए कि जिन बच्चों का नाम मिश्री, मेवा या मिठाइयों के नाम पर रखा जाता है, उन्हें बचपन में कितने तनाव से गुजरना पड़ता होगा.
भारत में माना जाता है कि यथा नाम, तथा गुण. माने, जैसा बच्चे का नाम होगा, वैसे ही गुण भी उसमें आते जाएंगे. चाहे आप इस पर भरोसा करें या नहीं, लेकिन बच्चे का अच्छा नाम होगा तो बड़ होकर जब वह किसी कम्पनी का सीईओ बनेगा या किसी दफ्तर का बॉस बनेगा और लोग सम्मान के साथ उसका नाम बोलेंगे तो सबसे ज्यादा खुशी आपको ही होगी.
इसलिए अगर आपने घर पर अपनी संतान को भले ही प्यार से मुन्नी, गुड़िया, गुड्डो, गुड्डू या कुछ भी कहना शुरू कर दिया हो, लेकिन बच्चों के प्यार के नाम को उसका फॉर्मल नेम बनाने की भूल कभी नहीं करें.
इसलिए जुबान पर चढ़ने वाले ऐसे नाम, जो पड़ोस के हर दूसरे घर में मिल जाएंगे, उन्हें भी अपनी लिस्ट से हटा दें.
लिखने और बोलने में मुश्किल नामों को हटा दें
आजकल बड़ी संख्या में बच्चे पढ़ लिख कर जॉब करने दूसरे देश या प्रदेश में जाते हैं. वहां की भाषा, संस्कृति और उच्चारण आपके यहां से अलग होता है. जो नाम बोलना या लिखना आपके लिए आसान है, वो दूसरी भाषा बोलने वाले लोगों के लिए मुश्किल भी हो सकता है. इसलिए संस्कृत मूल के कठिन नाम रखने से पहले भी अच्छी तरह सोच-विचार कर लें. अगर आपको इन नामों को लेकर किसी तरह का कोई भ्रम है, तो इन्हें लिस्ट से हटा दें.
स्पेलिंग में कन्फ्यूजन वाले नाम न रखें
कई नाम ऐसे होते है जो बोलने में तो ठीक होते हैं लेकिन लिखते समय स्पेलिंग को लेकर कन्फ्यूजन बना रहता है. ये कन्फ्यूजन अंग्रेजी स्पेलिंग में a या aa को लेकर हो सकता है या फिर हिंदी में लिखते समय श, स और ष को लेकर भी हो सकता है. उत्तर और दक्षिण भारत में भी कई स्पेलिंग में फर्क रहता है, जैसे उत्तर भारत में पृथ्वी की स्पेलिंग Prithvi लिखी जाती है, जबकि महाराष्ट्र में Pruthvi लिखा जाता है और आंध्र में Prudhvi लिखा जाता है. ऐसे नाम रखते समय भी सावधानी की जरूरत रहती है. अगर ऐसे कन्फ्यूजिंग स्पेलिंग वाले नाम आपकी सूची में हैं तो बेहतर होगा कि इन नामो को भी लिस्ट से हटा दें.
भाई-बहन से मिलते-जुलते नाम नहीं रखें
माता-पिता अक्सर कहते हैं कि हमारे लिए तो हमारे सारे बच्चे एक समान हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि उनके नाम भी एक समान हों. याद रखें कि हर इंसान का अपना अलग व्यक्तित्व होता है, वह आगे चलकर अपना अलग अस्तित्व बनाता है. इसलिए अगर बड़े भाई का नाम राकेश है तो उसके छोटे भाई का नाम राजेश और सबसे छोटे का नाम रमेश होना बिल्कुल भी जरूरी नहीं है. बेहतर होगा कि ऐसे समान उच्चारण वाले या rhyming names को भी अपनी सूची से हटा दें.
नाम छंटनी करने की जो प्रक्रिया हमने आपको बताई है, उसे अपनाने पर आप पाएंगे कि आपकी नामों की सूची जो पहले बहुत लम्बी थी, वो अब सिर्फ कुछ नामों तक ही सिमट गई है. अब इन बचे हुए चुनिंदा नामों पर आप अपने परिवार के साथ विचार-विमर्श करके अपने लाड़ले बच्चों के प्रभावशाली नाम बहुत आसानी से रख सकते हैं.
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