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नमक से होता है 20 बीमारियों का उपचार
Salt Benefits in Hindi
dadi maa ke gharelu nuskhe in hindi
आई लोशन (आंख की दवा) बनाने की विधि – How to make Eye Lotion
कान दर्द का घरेलू उपचार Home Remedies for Earache
ayurved ke gharelu nuskhe upchar
पेट के कीड़े का घरेलू उपचार – Home Remedies for Stomach Worms
सुरमा मोतियाबिन्द का घरेलू उपचार – Home Remedies for Cataract
दस्त का घरेलू उपचार – Home Remedies for Loose Motions
तीन ग्राम काला नमक एक चम्मच पानी में पकाकर देने से दस्त आदि बन्द हो जाते हैं और हाजमा ठीक हो जाता है और बीमार व्यक्ति पूर्ण स्वस्थ हो जाता है.
औषधि मात्रा – आयु के अनुसार तीन ग्राम से छः ग्राम तक. यदि एक- दो माह पश्चात् पेट की दोबारा शिकायत हो जाए तो दोबारा दे दें.
कैसे बनाएं नमक से अमृत चूर्ण – How to make Amrit Churna with Salt
अमृत चूर्ण बना्ने के लिए काला नमक तीस ग्राम, शुद्ध नौशादर 15 ग्राम धतूरे के बीज आठ ग्राम, काली मिर्च दो ग्राम और सत पुदीना (क्रिस्टल) दो रत्ती लें. सब चीजों को बारीक पीसकर मिला लें. बस औषधि तैयार है.
इस चूर्ण की पहली खूबी यह है कि अपने अद्भुत प्रभाव से मैदे को मल से साफ करके मन्दाग्नि को तेज कर देती है. खाया-पिया खूब पचता है और नया खून पैदा होता है.
इसी प्रकार मितली, कै, खट्टी डकारें, पेट का भारी रहना, जिगर की कमजोरी, तिल्ली, वायु गोला, दमा-खांसी, नजला और मलेरिया के लिए उपयोगी है. इसके अतिरिक्त सिर-दर्द में तथा विषैले जीवजन्तुओं के काटने पर भी लाभदायक है-अर्थात् सिर से लेकर पांव तक के सभी रोग विभिन्न तरीको से दूर होते हैं.
गृहस्थियों को चाहिए कि यह अमृत-चूर्ण बनाकर घर में सुरक्षित रखें और आवश्यकता पड़ने पर घरेलू रोगों का उपचार इसी औषधि से करके डाक्टरों के भारी बिलो से बचें.
सेवन-विधि – प्रायः यह औषधि केवल जल के साथ ही सेवन की जाती है. लेकिन कई रोगों में इसे कई तरीकों से भी काम में लिया जाता है. दांत-दर्द में और विषैले कीडे़ के काटने पर इसे मलना चाहिए.
आधे सिर के दर्द में इसे सूंघना चाहिए, बुखार की हालत में कब्ज दूर करके अर्क अजवाइन के साथ देने से पसीना आकर बुखार उतर जाता है. इसी प्रकार अनुभवी और समझदार चिकित्सक इसे प्रत्येक रोग में उचित तरीके से इस्तेमाल करवा सकता है.
थकी आंखों के लिए घरेल उपचार – Home remedies for tired eyes
जब त्वचा में काफी तरावट नहीं रहती तो यह ढ़ीली पड़ कर आंखों के आस-पास झुर्रियां पड़ जाया करती हैं. इसके लिए तो लम्बा इलाज है परन्तु दिन-भर काम करने के पश्चात् आंखों के इर्द- गिर्द जो गड्ढे पड़ जाते हैं, उनके लिए नमक का उपयोग लाभदायक है. इनकी विधि यह है कि साधारण नमक का एक चम्मच आधा गिलास गर्म पानी में घोल लें.
फिर एक बड़ी सी कपड़े की गद्दी बना लें और इसे नमकीन पानी में डुबोएं, तनिक निचोडे़ं और आंख बन्द करके इसको ऊपर रख लें. इस गद्दी को उस समय तक रखना चाहिए जब तक कुछ ठण्डी न होने लगे. इसके पश्चात् फिर इसी प्रकार डुबोकर, निचोड़ कर, आंखों पर रखें. इसके बाद कोई ठण्डी क्रीम आंखों के इर्द-गिर्द मलें.
नाक के सिरे से उंगलियां चलाकर हल्के-हल्के आंखों के पपोटों पर लाएं और फिर वहां से सिर से तनिक ऊपर घुमाकर लाएं. क्रीम को अब पोछ दें. हमेशा ऊपर के पर्दे पर हल्की-सी क्रीम लगाया करें ताकि दीर्घायु में आखों के गिर्द झुर्रियां न पड़े और त्वचा में कालिमा ना आये, क्योकि यह दोनों लक्षण बड़ी उम्र के हैं.
बिच्छू काटने पर इलाज – Home remedy for scorpion bite
बिच्छू के डंक मारने का स्थान तनिक कठिनाई से मिलता है. विशेषकर रात्रि के समय बिल्कुल पता नहीं लग सकता. और जब तक ठीक डंक के स्थान पर दवाई न लगे तब तक अच्छी से अच्छी दवाई भी लाभ नहीं करती.
यहां एक ऐसी दवाई दी जा रही है जिसे केवल आंखों में डालने से विष उतर जाता है. लाहौरी नमक पन्द्रह ग्राम और स्वच्छ जल 75 ग्राम मिलाकर रख लें, बस दवाई तैयार है. जिसे बिच्छू काटे उसकी आंखों में सलाई से लगाएं जितना भी विष चढ़ा होगा तुरन्त उतरना शुरू होगा और कुछ मिनटों के भीतर ही डंक के स्थान पर भी दर्द न रहेगा.
मलेरिया का सफल इलाज – Home remedy for Malaria
किसी को प्रतिदिन या चौथे दिन सर्दी लगकर बुखार हो जाए तो यही समझना चाहिए कि रोगी को मलेरिया बुखार है.
मलेरिया की औषधि बनाने के लिए प्रतिदिन इस्तेमाल में लाए जाने वाले साफ नमक को साफ-सुथरी लोहे की कढ़ाही या तवे पर अच्छी तरह भून लिया जाए और वह भूरे रंग का हो जाए. बच्चे के लिए आधा और जवान व्यक्ति के लिए पूरा चम्मच यह नमक लेकर एक गिलास पानी में उबाल कर देना चाहिए.
जब नमक पानी में अच्छी प्रकार से घुल जाए तो रोगी को पीने योग्य यह गर्म पानी उस समय पिला देना चाहिए जबकि उसे बुखार न चढ़ा हो. इनसे नब्बे प्रतिशत रोगियों को दोबारा बुखार चढ़ेगा ही नहीं. और यदि किसी कारण बुखार न उतरे तो नमक का यही इलाज दोबारा करें. तीसरी मात्रा की नितान्त आवश्यकता नहीं पडे़गी. हां, रोगी को सर्दी से बचने का और अधिक ध्यान देना चाहिए.
इस दवाई का वास्तविक लाभ भूखे पेट सेवन करने से ही होता है, हमें इसका खाली पेट ही सेवन करना चाहिए.