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मसाले हैं सेहत और जायके से भरपूर
रसोई बनाने में प्रयोग होने वाले मसालों को हम अच्छी तरह से पहचानते हैं, पर इनके औषधीय गुण-लाभ के बारे में कम लोगों को ही जानकारी होती है. आइए जानते हैं कि खाने का जायका बढ़ाने वाले मसाले हमारी सेहत किस तरह बढ़ाते हैं-
अजवाइन के घरेलू नुस्खे Uses of Celery in Hindi
अजवाइन में थायमोल Thymol रसायन होता है, जो पाचन क्षमता को बढ़ाता है. यह खांसी, कफ और पेट संबंधी रोग में काफी
फायदेमंद होती है.
अजवाइन मिलाकर परांठे या पूरी बनाएं, इससे भूख खुलती है. बेसन की पकौड़ी के घोल में अजवाइन डाल कर बनाने से गैस की समस्या नहीं होती है. इसे पानी में उबालकर पीने से अपच की समस्या दूर होती है. गुड़ के साथ अजवाइन की गोली बनाकर लेने से कफ व खांसी में आराम मिलता है. अजवाइन को पतले कपड़े में बांध कर सूंघने से जुकाम में फायदा मिलता है. इसके सेवन से मुंह की दुर्गंध नहीं आती. दांत के दर्द में इसे पानी में उबालकर गुनगुने पानी से गरारे करने से दर्द में आराम मिलेगा.
सौंफ के उपयोग Health benefits of Fennel
सौंफ याद्दाश्त बढ़ाती है और कच्चा खाने से मुंह की दुर्गंध दूर करती है. सौंफ पाचन क्रिया को दुरस्त करती है. सौंफ नजर को तेज करती है व कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करती है.
मिश्री के साथ सौंफ खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है व मुंह की दुर्गंध दूर होती है. भुनी हुई सौंफ उबालकर मिश्री के साथ पीने से खट्टी डकारों में फायदा होता है. इसे सब्जी में और बेसन की पकौड़ी के घोल में डालकर काम में लिया जाता है. यह मुंह में दुर्गंध फैलाने वाले बैक्टीरिया को समाप्त करती है.
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लौंग के लाभ Clove benefits in Hindi
लौंग तासीर में ठंडी होती है. लौंग नेत्र रोग, दांतों की समस्या, खांसी, अजीर्ण, गैस, भोजन में अरूचि, उल्टी और अधिक प्यास लगने की तकलीफ को दूर करती है.
लौंग का उपयोग पुलाव, खिचड़ी, मीठे चावल, कढ़ी, मठरी, गट्टे की सब्जी, चाय में स्वाद व सुगंध बढ़ाने के लिए किया जाता है. खाने के बाद दो लौंग मुंह में लेकर चूसने से पाचन शक्ति बढ़ती है. आफरा, डकारों व गैस की समस्या नहीं रहती है. लौंग को मुंह में रखकर चूसने से खांसी मे तुरन्त आराम मिलता है. सिरदर्द में लौंग, तुलसी के पत्ते व अदरक की चाय फायदा करती है. लौंग को मिश्री के साथ पीसकर चाटने से गर्भावस्था में उल्टी, जी घबराने की समस्या और भोजन मे अरूचि दूर होती है.
हींग का उपयोग
एंटी-इन्फ्लमेट्री, एंटीआक्सीडेंट तथा कैल्शियम से भरपूर हींग कब्ज, गैस, सिरदर्द व दमा में लाभकारी होता है. हींग पेट दर्द व अपच में लाभदायक होती है.
हींग सब्जी व दाल में छौंक लगाने से स्वाद और सुगंध बढ़ाती है. हींग बेसन की पकौड़ी के घोल में डालने से गैस की समस्या नहीं रहती है. बच्चे के पेट में दर्द होने पर हींग पानी में घोल कर पेट पर मलने से दर्द दूर होगा. अपच होने पर भूरी हींग को जीरा और नमक के साथ चूर्ण बनाकर सेवन करने से अपच व अफरा में फायदा होता है. एसिडिटी होने पर थोड़ी हींग को अजवाइन व काले नमक के साथ लेने से फायदा होता है.
जीरा के औषधीय गुण Cumin seeds benefits
जीरा, खट्टी डकारें, आफरा, उल्टी आदि में लाभदायक रहता है. जीरा पाचन तंत्र को सही रखता है.
जीरा को सब्जियों व दालों में छोक लगाकर तथा पुलाव में काम में लिया जाता है. जीरा स्वाद व सुगंध बढ़ाता है. भुना हुआ जीरा और सेंधा नमक मिलाकर गर्म जल से दिन में दो-तीन बार एक ग्राम की मात्रा लेने से पेट का आफरा दूर होता है. छाती में जलन, खट्टी डकारों में जीरा भूनकर मिश्री मिलाकर सेवन करने से लाभ होता हे. पाचन तंत्र की खराबी से उल्टी होने पर जीरा, नमक व नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से तत्काल राहत मिलती है. सिके जीरे के पाउडर को दही व छाछ में डालकर पीना भी फायदेमंद रहता है.
धनिया पाउडर के फायदे Coriander powder benefits
धनिया पाउडर उच्च पोटेशियम व आयोडिन का स्त्रोत है. धनिया पाउडर सब्जी के साथ पानी डालकर थोड़ा हल्का भूनते हैं. धनिया पाउडर सब्जी को स्वादिष्ट व पोषक बनाता है.
दालचीनी के औषधीय गुण Cinamon uses
दालचीनी डायबिटीज में, पेट में गैस, मुंह की दुर्गंध, दांतों में कीड़े, कील मुहांसों की समस्या में लाभदायक होती है.
दालचीनी को सब्जी व पुलाव में डाला जाता है. दालचीनी के सेवन से पाचन में लाभ होता है और खाने का स्वाद बढ़ता है. डायबिटीज के रोग में चाय में दालचीनी डालकर पीना फायदेमंद होता है. पेट में गैस होने पर दालचीनी के पाउडर को शहद में मिलाकर प्रयोग करें. मुंह में दुर्गंध आने पर एक टुकड़ा दालचीनी दिन में दो बार चूसने से फायदा होता है, क्योंकि इसमें सिनेमिक इसेंशियल ऑइल होता है जो लार में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करता है. दांतों में कीड़े न लगें इसके लिए दालचीनी पाउडर को पानी में डालकर गरारे करें. दालचीनी के पाउडर में नींबू मिलाकर पेस्ट बना लें, अब इसे चेहरे पर लगाएं इससे कील, मुहांसे की समस्या दूर होगी.
मेथी दाना के फायदे Fenugreek uses in Hindi
मेथी दाना आयरन, क्लोरीन व सल्फर से समृद्ध है. मेथी दाना खून को साफ करने वाली, कब्ज निवारक, वात, कफ व पित्त नाशक है. मेथी दाना डायबिटीज में भी फायदेमंद है.
दाना मेथी को सब्जी में काम लिया जाता है. मेथी दाना प्रतिदिन सुबह पानी के साथ एक चम्मच लेने से घुटने व जोड़ों के दर्द में फायदा देता है. सुबह शाम मेथी दाना पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होती है. डायबिटीज के रोगियों को इसे अंकुरित करके प्रातः काल खाने से रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है. मेथी दाना का प्रतिदिन सेवन करने से पेट बड़ा नहीं होता और मोटापा नहीं आता. इसमें आयरन होने के कारण खून की कमी दूर होती है.
पुदीना के फायदे Peppermint benefits in Hindi
पुदीना में रोसमारिनिक एसिड होता है. यह आक्सीडेंट एलर्जी मिटाता है. यह ब्लड को साफ करता है. पुदीना में कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन-सी, डी, ई होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है. पुदीना पेट के दर्द व गैस को दूर करता है. जी मचलना, उल्टी, खट्टी डकारें आना और अजीर्ण में पुदीना का उपयोग फायदेमंद सिद्ध होता है. पुदीना पाचन शक्ति को बढ़ाता है.
चुटकी भर पुदीने का चूर्ण, सब्जी, दाल, रायता, छाछ, दही, सूप, जलजीरे में, चटनी व पुलाव में भी काम में लिया जाता है. पुदीने की ताजा पत्तियों का रस नींबू और शहद के समान मात्रा में लेने से पेट के सभी रोगों में फायदा होता है. इसके एक चम्मच रस को एक कप पानी में मिलाकर लेने से पेट सम्बन्धी सभी विकार में तुरन्त आराम मिलता है. इसका सेवन पाचन शक्ति को बढ़ाता है. इसमें मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है.
मीठा नीम के फायदे Curry leaf benefits
मीठी नीम की पत्तियां स्वाद, खुशबू व सेहत के लिए गुणकारी होती हैं. मीठा नीम पचने में सुपाच्य होता है. यह रक्त में ग्लूकोज की मात्रा पर नियंत्रण रखने के कारण डायबिटीज में फायदेमंद होता है. मीठा नीम को कढ़ी पत्ता भी कहा जाता है.
मीठा नीम पुलाव, सब्जी, कढ़ी और सांभर में डाला जाता है. इससे पाचन क्रिया दुरस्त होती है. दस्त (पेचिस) में इसकी पत्तियों को शहद के साथ खाने से आराम मिलता है. अपच होने पर हरी मूंग की दाल में मीठी नीम का तड़का लगाऐं, इससे भूख खुलकर लगेगी. इसका सेवन डायबिटीज में फायदेमंद होता है. मधुमक्खी या ततैया के काटने पर मीठा नीम के पत्तों को पीसकर उस स्थान पर लेप करने से आराम मिलता है.
लहसुन के औषधीय गुण Uses of garlic
लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेट्री तत्व होता है जिससे एलर्जी दूर होती है. इसमें एक विशेष प्रकार का प्रोटीन होता है जो ब्लड प्रेशर को कन्ट्रोल करता है. शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है. लहसुन कफ व जुकाम में फायदा पहुंचाता है.
लहसुन को सब्जी और दाल में तड़के के रूप में तथा चटनी में उपयोग किया जाता है. लहसुन में वसा कोशिकाओं को कम करने की क्षमता होती है, जिसके कारण यह मोटापा दूर करने में सहायक होता है. सर्दी के मौसम में सर्दी-जुकाम होने पर इसका काढ़ा पीने से फायदा होता है. लहसुन में उपस्थित हाइड्रोजन सल्फाइड ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है.
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जायफल के उपायNutmeg health benefits in Hindi
जायफल की तासीर गर्म होती है. यह वायु और कफ की बीमारियों में विशेष उपयोगी रहता है.
जायफल को गर्म मसाले में काम में लिया जाता है. जायफल के चूर्ण को थोड़ी मात्रा में चाय अथवा दूध में लेने पर वायु और कफ की बीमारियों में काफी फायदेमंद होता है. छोटे बच्चों के सर्दी, खांसी, छाती में दर्द, पसली चलने पर जायफल को पानी में घिसकर शहद में मिलाकर दिन में तीन बार चटाने से लाभ होता है.
काली मिर्च के फायदे Black pepper uses in Hindi
काली मिर्च विटामिन के, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, मैगनीज से भरपूर होता है. काली मिर्च इम्यून सिस्टम व हड्डियों को मजबूत करती है. यह आर्थराइटिस में भी कारगर है. काली मिर्च सर्दी जुकाम में भी लाभदायक रहती है. यह पाचन क्रिया को दुरस्त रखती है.
छोटी इलायची खाने के फायदे Cardamom health benefits
छोटी इलायची में ऐन्टीऑक्सीडेन्ट, शीतल, वात, कफ, श्वास, खांसी नाशक तत्व होते हैं.
छोटी इलायची का उपयोग रसोई में व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने में किया जाता है. यह पेट का आफरा मिटाने वाली, मुख की दुर्गन्ध नाशक, कफ को बाहर निकालने वाली होती है. दो ग्राम छोटी इलायची का पिसा हुआ चूर्ण और आधा ग्राम भूनी हुई हींग को पांच ग्राम नीबू के रस में मिलाकर लेने से पेट की गैस की समस्या दूर हो जाती है. सुबह शाम छोटी इलायची चबाने से गले में दर्द, खरास व अन्य समस्याओं में लाभ होता है. मुंह के छालों में पिसी हुई इलायची को मिश्री के साथ मिलाकर लेने से छाले तथा सूखी खांसी में आराम मिलता है.