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आयकर में छूट Income Tax Deductions in Hindi

Avoid These Mistakes during Filing Income Tax Returns इनकम टैक्स रिटर्न

आयकर में छूट के नियम

इनकम टैक्स भरने की आखिरी तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती है, आयकरदाताओं के माथे पर चिंता की लकीरें उभरने लगती हैं। कारण यह है कि वेतनभोगियों में से ज्यादातर यह जानते ही नहीं हैं कि आयकर अधिनियम में आयकर में छूट के क्या प्रावधान हैं।  इनकम टैक्स एक्ट 1961 में धारा 80सी, 80डी, 80सीसीडी (1बी) एवं 24 (बी) जैसी कई ऐसी धाराएं हैं, जिनका इस्तेमाल कर हम अपनी आयकर देयता में कमी ला सकते हैं। आइए जानते हैं आयकर में छूट की इन धाराओं के बारे में और इनकम टैक्स बचाने के आसान उपायों के बारे में।

Section 80C in Hindi – धारा 80 सी क्या है

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 सी आयकर में छूट के सबसे आसान अवसर उपलब्ध कराती है। धारा 80 सी में एक वित्तीय वर्ष में डेढ़ लाख रुपए तक का निवेश करने पर सकल वार्षिक आय Gross Total Income में से उतनी ही राशि कम हो जाती है। इससे कर योग्य आय कम हो जाती है और कर देयता कम हो जाती है। उदाहरण के लिए यदि आपकी सकल वार्षिक आय 11 लाख रुपए है और आपने धारा 80 सी के अंतर्गत डेढ़ लाख रुपए का निवेश किया है तो आयकर की गणना के समय आपकी सकल वार्षिक आय घटकर 9.50 लाख रुपए रह जाएगी। इस तरह आपको 9.50 लाख रुपए पर ही टैक्स देना होगा।

80 C Deduction List 80c कटौती सूची

80 सी के अंतर्गत आप जीवन बीमा, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), राष्ट्रीय बचत पत्र ( एनएससी), पांच वर्ष या अधिक अवधि के बैंक डिपोजिट और पोस्ट ऑफिस डिपोजिट, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, सुकन्य समृद्धि योजना, कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में निवेश कर सकते हैं। स्कूल की ट्यूशन फीस और होम लोन की मूल राशि के पुनर्भुगतान principal repayment of home loan पर भी धारा 80 सी में टैक्स सेविंग हो सकती है।

Section 80CCC धारा 80 सीसीसी

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 सीसीसी में बीमा कम्पनियों की पेंशन आधारित बीमा पॉलिसी में निवेश कर आयकर में छूट पाई जा सकती है।

Section 80 CCD1 धारा 80 सीसीडी 1

धारा 80 सीसीडी1 में नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के अंतर्गत निवेश करने पर छूट मिलती है, लेकिन यह छूट कुल वेतन के 10  प्रतिशत तक निवेश पर ही मिलती है। गैर- वैतनभोगी लोगों को कुल आय के 20 प्रतिशत पर एनपीएस निवेश की छूट का लाभ सकता है।
इसलिए यदि किसी व्यक्ति का मासिक वेतन 50 हजार रुपए  (6 लाख रुपए सालाना) है, तो एनपीएस में निवेश से वह 60 हजार रुपए की आयकर में छूट प्राप्त कर सकता है। धारा 80 सीसीई में प्रावधान है कि 80 सी, 80 सीसीसी, 80 सीसीडी (1) में कुल कटौती डेढ़ लाख रुपए से अधिक नहीं हो सकती।

धारा 80 सी में टैक्स सेविंग

यह बचत आपके टैक्स स्लैब पर निर्भर करती है। इनकम टैक्स की अधिकतम दर यानी 30.9 प्रतिशत पर 46,350 रुपए, 20.6 प्रतिशत पर 30,900 रुपए और 5.15 प्रतिशत पर 7,725 रुपए की टैक्स बचत की जा सकती है। धारा 80 सी के अंतर्गत निवेश पर हुई टैक्स बचत से आपको लम्बी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलती है।

Section 80D of Income Tax Act आयकर की धारा 80 डी

स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी Health Insurance Policies के प्रीमियम पर धारा 80डी में छूट पाई जा सकती है। यह छूट स्वयं, पति या पत्नी, बच्चों और माता-पिता की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर मिलती
है। वर्तमान में, धारा 80डी पर एक वर्ष में अधिकतम 25 हजार रुपए तक छूट प्राप्त की जा सकती है बशर्ते व्यक्ति की स्वयं की और इंश्योर परिवारजनों की आयु 60 वर्ष से अधिक नहीं हो।
अगर 60 वर्ष से अधिक आयु के माता-पिता के लिए प्रीमियम भरा जा रहा है तो उनके लिए हैल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भरने पर 30 हजार रुपए तक छूट अतिरिक्त प्राप्त की जा सकती है।  इस तरह, अगर किसी टैक्सपेयर की स्वयं की आयु 60 वर्ष से कम और माता-पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक है तो वे व्यक्ति 55 हजार रुपए तक
की आयकर राहत ले सकते हैं।
जो करदाता 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं और वे अपने साथ अपने माता-पिता का हैल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भी भर रहे हैं, उन्हें धारा 80डी में 60 हजार रुपए तक टैक्स बेनिफिट मिल सकता है।  आयु के अनुसार मिलने वाली इस 25 हजार या 30 हजार रुपए तक की अधिकतम छूट सीमा में प्रिवेन्टिव हेल्थ चेकअप पर 5हजार रुपए तक टैक्स राहत मिल सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि 20 हजार रुपए के मेडीक्लेम और 5 हजार रुपए के हेल्थ चेकअप पर आप धारा 80डी में कुल 25 हजार रुपए की छूट ले सकते हैं। प्रिवेन्टिव हैल्थ चेकअप के पैकेज ज्यादातर बड़े अस्पतालों में उपलब्ध होते हैं। आज की जीवनशैली को देखते हुए मेडीक्लेम में निवेश करना एक समझदारी भरा कदम है।

धारा 80 डी में टैक्स बचत

25 हजार रुपए प्रीमियम चुकाने पर अधिकतम 30.9 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में 7725 रुपए, 20.6 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में 5,150 रुपए और 5.15 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में 1288 रुपए की टैक्स में बचत की जा सकती है। अगर मेडिक्लेम ले रखा है तो वक्त-बेवक्त मेडिकल इमरजेंसी होने पर आपके काम आएगा और आपको अपनी बचत की रकम खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

Section 80 CCD1B in Hindi धारा 80सीसीडी (1बी) का स्पष्टीकरण

धारा 80सीसीडी(1बी) के अंतर्गत एनपीएस में 50 हजार रुपए तक की अतिरिक्त राशि निवेश की जा सकती है। 80 सीसीडी 1 और 80 सीसीडी 1 बी के बीच का अंतर यह है कि 80 सीसीडी 1 में छूट डेढ़ लाख रुपए की कुल निवेश सीमा के अंदर ही मिलती है, जबकि 80 सीसीडी 1 बी में 50 हजार रुपए तक के अतिरिक्त निवेश पर छूट मिलती है। हालांकि, यह ध्यान रखना चाहिए कि एक ही राशि के लिए 80सीसीडी (1) और 80 सीसीडी (1बी) में छूट नहीं ली जा सकती।
धारा 80 सीसीडी (1बी) में 30.9 प्रतिशत टैक्स स्लैब में अधिकतम 15,450 रुपए, 20.6 प्रतिशत टैक्स स्लैब में 10,300 रुपए और 5.15 प्रतिशत टैक्स स्लैब में 2,575 रुपए की बचत की जा सकती है। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि एनपीएस का लाभ रिटायरमेंट के बाद मिलना शुरू होता है और मिलने वाला लाभ पूरी तरह टैक्सेबल होता है।

Section 24B in Hindi धारा 24 बी क्या है

रेडी फ्लैट या मकान खरीदना अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी खरीदने की तुलना में बेहतर विकल्प होता है। जिस मकान में आप स्वयं रह रहे हों, उसके लिए आप मूल ऋण राशि और ब्याज राशि दोनों के भुगतान पर आयकर राहत प्राप्त कर सकते हैं।
धारा 80सी में आप मूल धन के पुनर्भुगतान पर 1.5 लाख रुपए तक टैक्स राहत प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा आप आयकर अधिनियम की धारा 24 में गृह ऋण home loan का 2 लाख रुपए तक ब्याज सकल आय में से कम हो जाता है। अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में मूलधन के पुनर्भुगतान पर कोई आयकर राहत नहीं मिलती लेकिन चुकाए गए ब्याज पर प्रॉपर्टी का पजेशन मिलने के बाद 5 वार्षिक किस्तों में आयकर राहत ली जा सकती है।

धारा 24 बी में टैक्स बचत आयकर कानून की धारा 24 बी में आप स्वय के निवास के लिए उपयोग में आ रहे मकान पर 2 लाख रुपए ब्याज देते हैं, तो 30.9 प्रतिशत के अधिकतम टैक्स स्लैब में 61,800 रुपए, 20.6 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में 41,200 रुपए और 5.15 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में 10,300 रुपए की बचत टैक्स में कर सकते हैं।

Section 87A in Hindi धारा 87a में आयकर छूट

व्यक्तिगत और हिन्दू अविभाजित परिवार के लिए आयकर रिटर्न भरने से छूट की अधिकतम सीमा ढाई लाख रुपए है। 60 वर्ष या उससे अधिक और 80 वर्ष से कम आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न भरने से छूट की अधिकतम सीमा 3 लाख रुपए है। 80 वर्ष या इससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 5 लाख रुपए है।
आयकर अधिनियम की धारा 87ए में एक निर्धारित सीमा से कम आय वाले व्यक्तियों को आयकर में छूट का प्रावधान है। यह प्रावधान अल्प आय वर्ग के लोगों को राहत प्रदान करने के लिए किया गया है। अगर किसी व्यक्ति की आय 5 लाख रुपए से कम (वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 3 लाख 50 हजार रुपए) से कम है, तो उसे पांच हजार रुपए तक आयकर में छूट मिल सकती है।
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